जानिए सऊदी अरब में पाकिस्तान क्यों कर रहा है अपनी मिलिट्री तैनात
इस्लामाबाद। पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच शुक्रवार को एक अलग अंतरराष्ट्रीय नीति में बदलाव देखने को मिला है। यमन में चल चल रहे गृह युद्ध को देखते हुए सऊदी अरब की मदद करने के लिए पाकिस्तान ने अपनी मिलिट्री को रियाद भेजने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग समझौते में यह फैसला लिया गया है। पाकिस्तान मिलिट्री ने कहा है कि आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा और इस्लामाबाद में सऊदी राजदूत के बीच रावलपिंडी में हुई मीटिंग में यह निर्णय लिया गया।
पाकिस्तान मिलिट्री के मुताबिक, क्षेत्रीय सुरक्षा और आपसी सहयोग को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। पाकिस्तान ने कहा कि इस फैसले से अन्य गल्फ और क्षेत्रीय देशों के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को भी ध्यान में रखा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, पहले से ही पाकिस्तान के करीब 1,000 सैनिक सऊदी अरब में ट्रैनिंग और अन्य मिशन के लिए मौजूद है। हालांकि, इस मीटिंग के बाद अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ है कि पाकिस्तान अपने कितने सैनिक सऊदी अरब भेजेगा।
सऊदी अरब 2015 से ही पाकिस्तान से सैन्य मदद मांग रहा हैं, लेकिन इस्लामाबाद सरकार यह कहता हुए इनकार करती आयी है कि वे किसी भी क्षेत्रीय संघर्ष का हिस्सा नहीं बनेंगे। सऊदी अरब के पडोसी मुल्क में पिछले करीब चार साल से हुती विद्रोहियों और यमन के बीच गृह युद्ध चल रहा है।
हाल ही में यमन में विद्रोहियों ने सऊदी अरब पर मिसाइल भी छोड़ी थी, जिसके बाद दोनों ही देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। यमन की सरकार को सऊदी अरब का सपोर्ट है, तो वहीं विद्रोहियों को ईरान का समर्थन मिलता रहा है। पिछले साल हुती विद्रोही ने राजधानी सना पर अटैक कर शहर पर कब्जा जमा लिया था। सऊदी अरब का आरोप है कि यमन में अशांति फैलाने के लिए ईरान का हाथ है।