कश्मीर पर पाकिस्तान ने पीछे किए कदम? आर्टिकल 370 को बताया भारत का आंतरिक मामला
आर्टिकल 370 को लेकर पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा है कि वो भारत का आंतरिक मामला है।
इस्लामाबाद, मई 08: क्या कश्मीर पर पाकिस्तान धीरे धीरे अपनी रूख बदल रहा है। खासकर पिछले 2 महीने के दौरान पाकिस्तान ने कई ऐसे संकेत दिए हैं, जिससे पता चलता है कि कश्मीर पर पाकिस्तान के रूख में परिवर्तन हो रहा है और वो धीरे धीरे कश्मीर मुद्दे को पीछे छोड़ रहा है। इस बार पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने माना है कि अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मसला है। एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने इस बात को स्वीकार किया है।
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'अनच्छेद 370 भारत का आंतरिक मसला'
पाकिस्तान के न्यूज चैनल समा टीवी को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तानी के विदेश मंत्री ने कहा है कि अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मसला है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि 'देखिए, अनुच्छेद 370 मेरी नजर में वो अहमियत नहीं रखता। अहमियत 35ए रखता है। हमारे लिए जो अहम रखता है वो है आर्टिकल 35ए।' पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने आगे कहा कि '35ए पाकिस्तान के लिए अहमियत रखता है क्योंकि आर्टिकल 35ए से वो डेमोग्राफिक परिवर्तन कर सकते हैं, जैसा वो कर रहे हैं, इससे हमारे लॉंग टर्म इंटरेस्ट प्रभावित होते हैं। वहां जमीन खरीदने का जो मौका मिलता है, उसके इनबैलेंस वहां क्रिएट हो सकता है।' इसके आगे पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि '370 भारत का अंदरूनी मसला है जो कश्मीरियों से किया गया भारत का वादा है और भारतीय सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई भी की जा रही है'।
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पाकिस्तान पीछे खींच रहा है कदम ?
पाकिस्तानी विदेश मंत्री का पाकिस्तानी न्यूज चैनल पर दिया गया ये बयान पाकिस्तान के कश्मीर पर बदलते रूख के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि, ये पहली बार है जब किसी पाकिस्तान सरकार के बड़े मंत्री ने अनुच्छेद 370 को भारत का आंतरिक मामला बताया हो। खासकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री का दिया गया ये बयान इशारे कर रहा है कि धीरे धीरे कश्मीर पर पाकिस्तान अपने कदम पीछे खींच सकता है। इसकी संभावना इसलिए भी दिखाई दे रही है क्योंकि पिछले 2 महीने से कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पाकिस्तान और भारत के दरम्यां पर्दे के पीछे से बात चल रही है और संयुक्त अरब अमीरात दोनों देशों की मध्यस्थता करवा रहा है। पिछले महीने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी एक ही दिन संयुक्त अरब अमीरात में थे और पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया था कि दोनों विदेश मंत्रियों की गुप्त मुलाकात हो सकती है। हालांकि, दोनों देशों ने किसी भी मुलाकात या बातचीत से इनकार कर दिया था।
समझौते के लिए सेना का दवाब?
पिछले महीने ये रिपोर्ट भी आई थी कि पाकिस्तानी सेना भारत से दोस्ती करने के लिए दवाब बना रही है। वहीं पिछले महीने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पाकिस्तानी पत्रकारों को मुलाकात के लिए बुलाया था और काफी देर तक उन्होंने पत्रकारों से बात की थी। इस मुलाकात के बाद पाकिस्तानी मीडिया ने कहा था कि 'पाकिस्तानी आर्मी चीफ कश्मीर पर फैसला चाहते हैं और भारत से सुलह करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने एक फॉर्मूला बनाया है जिसके तहत पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर पाकिस्तान रखेगा और भारत के नियंत्रण वाला कश्मीर भारत के पास रहेगा।' वहीं ये भी माना जा रहा है कि सऊदी अरब भी पाकिस्तानी पर भारत से संबंध सुधारने के लिए दवाब बना रहा है। इस वक्त पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान सऊदी अरब दौरे पर हैं और उससे पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री का अनुच्छेद 370 को भारत का आंतरिक मसला बताना पाकिस्तान की नरमी की तरफ जरूर इशारे कर रहा है।
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