पाकिस्तान में मचा हाहाकार, कम दाम वाली कार की कीमत 40 करोड़! IMF के चक्कर में फंस गए शहबाज
नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की चुनौतियों पर बातचीत करते हुए वित्त मंत्री इस्माइल ने आगे कहा कि, पाकिस्तान के पास पर्याप्त डॉलर नहीं है, इसलिए हम कपास, खाद्य तेल और गेहूं को प्राथिमिकता देंगे।
इस्लामाबाद, 19 अगस्त : पाकिस्तान घोर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और ऐसे में वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की एक शर्त को पूरा करने के लिए गुरुवार को गैर-जरूरी और लग्जरी आइटम (non-essential and luxury items)की वस्तुओं के आयात पर से प्रतिबंध हटा लिया है। बता दें कि, आर्थिक संकट के बीच नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए राहत पैकेज पर फैसला करने के लिए IMF के कार्यकारी बोर्ड की 29 अगस्त को बैठक होगी जिसमें पाकिस्तान के लिए एक बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी जाएगी, जिसमें लगभग 1.18 बिलियन अमरीकी डालर का भुगतान लंबित है।
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पाकिस्तान की जनता अब और महंगाई का करेगी सामना
पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार ने विदेशी मुद्रा में गिरावट और भुगतान संतुलन बिगड़ने के कारण यह प्रतिबंध लगाया था। पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने कहा कि, प्रतिबंध को तो हटा लिया जाएगा लेकिन आयात को महंगा बनाने के लिए आयातकों पर भारी शुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि, अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं को देखते हुए ही आयात प्रतिबंध हटाया जा रहा है। वहीं, गैर-जरूरी आयातित वस्तुओं पर मौजूदा स्तरों से तीन गुना ज्यादा नियामक शुल्क लगाया जाएगा।
आईफोन, कार जरूरत की वस्तुएं नहीं हैं
नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की चुनौतियों पर बातचीत करते हुए वित्त मंत्री इस्माइल ने आगे कहा कि, पाकिस्तान के पास पर्याप्त डॉलर नहीं है, इसलिए हम कपास, खाद्य तेल और गेहूं को प्राथिमिकता देंगे। इसलिए हम लक्जरी वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाएंगे ताकि इन चीजों का आयात ही नहीं किया जा सके। उन्होंने कहा कि, वे आईफोन, कारों को प्रथिमिकता नहीं देते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, आईफोन की कोई आवश्यकता नहीं
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा कि, हम भारी शुल्क (completely built-up (CBU) commodities) कारों, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर लगाएंगे। इसके अलावा imported मछली, मांस, पर्स और अन्य लक्जरी वस्तुओं पर भारी कर लगाया जाएगा।
खराब स्थिति में पाकिस्तान
वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल मे पत्रकार सम्मेलन में कहा कि, अगर इसके बावजूद कोई व्यक्ति महंगी और लग्जरी इम्पोर्टेड कार खरीदना चाहते हैं , जिसकी मूल कीमत छह करोड़ रुपये है, तो नियामक शुल्कों के बाद इसकी लागत 30 से 40 करोड़ रुपये हो जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि, सरकार ऐसा करके आईएमएफ और अंतरराष्ट्रीय जरूरतों को पूरा करते हुए चालू खाते के घाटे पर काबू पाना चाहती है। इसलिए हम आयात को मंजूरी दे रहे हैं। बता दें कि, पाकिस्तान इन दिनों घोर आर्थिक संकट की दौर से गुजर रहा है। अगर वह समय से कर्ज नहीं दे पता है तो वह लोन डिफाल्टर साबित हो जाएगा। पाकिस्तान के लिए स्थिति ज्यादा खराब इसलिए हो गई है क्योंकि उसका विदेशी मुद्रा भंडार खाली होता जा रहा है। उसके पास 9 बिलियन डॉलर से भी कम विदेशी मुद्रा बची है। इस मात्रा से सिर्फ वो दो महीने तक के आयात के बिल चुका सकता है। इसी वजह से पाकिस्तान पर अभी डिफॉल्टर बनने की तलवार लटक रही है।