इमरान खान को बड़ा झटका, आतंकी फंडिंग के चलते FATF ने फिर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा
नई दिल्ली: दुनियाभर में टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। गुरुवार को खत्म हुई FATF की बैठक में ये फैसला लिया गया कि पाकिस्तान अभी ग्रे लिस्ट में ही रहेगा। पाक पीएम फैसला आने से पहले ही बुरी तरह से झटपटा रहे थे। साथ ही उम्मीद जताई थी कि इस बार FATF की ग्रे लिस्ट से उनका देश बाहर आ जाएगा, लेकिन अब उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। पाकिस्तान 2018 से लगातार ग्रे लिस्ट में बना हुआ है।
सबसे पहले FATF ने इस बात का निरीक्षण किया कि पाकिस्तान ने टेरर फंडिंग और आतंकी गतिविधियों को लेकर जो वादे किए थे, उसे कितने हद तक पूरा किया। इसके अलावा FATF ने पाक को 27 बिंदुओं वाला एक्शन प्लान सौंपा था। जिसे भी पाकिस्तान पूरा नहीं कर पाया। जिस वजह से FATF ने उसे ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा। वैसे पाकिस्तान इस बार ब्लैक लिस्ट में जाने वाला था, लेकिन कुछ बिंदुओं पर उसने वक्त रहते काम कर लिया, जिस वजह से वो बच गया।
FATF की तीन दिवसीय बैठक गुरुवार को खत्म हुई। इस दौरान उसकी ओर से जारी अधिकारिक बयान में कहा गया कि पाकिस्तान अभी 'ग्रे लिस्ट' में बना रहेगा। पाकिस्तान को सभी 1267 और 1373 नामित आतंकवादियों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों का प्रभावी ढंग से कार्यान्वयन करना चाहिए। इसके बाद ही उसको राहत दी जा सकती है। पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में बने रहने का मतलब है कि उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, वर्ल्ड बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक और यूरोपीय यूनियन से आर्थिक मदद नहीं मिल सकती है।
आतंकी
की
रिहाई
ने
खोली
पोल
पिछली
बैठक
में
सख्त
टिप्पणी
के
बाद
पाकिस्तान
ने
आतंकवाद
के
खिलाफ
कार्रवाई
के
लिए
कोशिश
जरूर
की।
जिसका
नतीजा
रहा
कि
पाकिस्तान
में
वित्तीय
और
आतंकवाद
को
लेकर
कानूनों
में
संशोधन
किया
गया।
इसके
बाद
लश्कर-ए-तैयबा
के
संस्थापक
हाफिज
सईद
और
इसके
दूसरे
सहयोगियों
के
खिलाफ
टेरर
फंडिंग
को
लेकर
कई
मामले
दर्ज
किए
गए।
हाल
ही
में
पाकिस्तानी
सुप्रीम
कोर्ट
ने
अमेरिकी
पत्रकार
डेनियल
पर्ल
की
हत्या
के
आरोपी
आतंकी
उमर
सईद
शेख
को
रिहा
कर
दिया
था।
जिससे
पाकिस्तान
की
पोल
दुनिया
के
सामने
खुल
गई।