मुस्लिम महिला ने जलाई कुरान, हिंदू शख्स की मॉब लिंचिंग की कोशिश, देखिए कैसे मौत के मुंह से बची जान
पाकिस्तान के एक पत्रकार मुबाशीर जैदी ने एक ट्वीट में कहा कि, ''हैदराबाद पुलिस ने एक हिंसक भीड़ को तितर-बितर कर दिया, जो एक हिंदू सफाई कर्मचारी को ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए सौंपने की मांग कर रही थी।"
इस्लामाबाद, अगस्त 22: कट्टरपंथियों और जिहादियों के देश पाकिस्तान में किसी अल्पसंख्यक के लिए जिंदा रहना पहाड़ तोड़ने जैसा है और आए दिन पाकिस्तान के अलग अलग हिस्सों में ईशनिंदा के आरोप में लोगों की हत्याएं कर दी जाती हैं। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान में एक हिंदू स्वच्छता कार्यकर्ता पर कुरान की कथित अपवित्रा को लेकर मॉब लिंचिंग की कोशिश की गई और सैकड़ों की संख्या में कट्टरपंथी हिंदू शख्स के घर के नीचे उसे पकड़ने और मारने के लिए जमा हो गये। जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उसमें दिख रहा है, कि कई लोग उसके अपार्टमेंट के ऊपर भी चढ़ गये हैं, ताकि उसे पकड़ा जा सके।
हिंदू शख्स की मॉब लिंचिंग की कोशिश
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विवाद के बाद पाकिस्तान के हैदराबाद में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के सफाई कर्मचारी के खिलाफ एक शख्स ने कुरान के कथित अपमान की शिकायत दर्ज कराई। रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित का नाम अशोक कुमार है, जिसे पकड़ने और मारने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग उसके घर के नीचे जमा हो गये। हालांकि, मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करते हुए अशोक कुमार की जान बचा ली, लेकिन मौके से जो वीडियो सामने आ रहे हैं, वो काफी खतरनाक और खौफनाक है। वीडियो में दिख रहा है, कि पीड़ित अशोक कुमार के घर के बालकनी में लोग खड़े नजर आ रहे हैं और नीचे भीड़ अशोक को पकड़ने के लिए शोर मचा रही है।
मुस्लिम महिला ने जलाई कुरान के पन्ने
हालांकि, जिस अशोक कुमार को मारने के लिए सैकड़ों मुसलमान पहुंच गये थे, असल में ऐसा उसने किया ही नहीं था और विवाद के बाद एक मुस्लिम महिला ने ही उसे फंसाने के लिए कुरान के कुछ पन्ने फाड़कर जला डाला और अशोक कुमार पर इल्जाम लगा दिया। पाकिस्तान में ऐसा होना काफी आम हो चुका है और लोग एक दूसरे से दुश्मनी निकालने के लिए कुरान का सहारा लेते हैं। कई मामले ऐसे आ चुके हैं, जिनमें कुरान के कथित अपमान का आरोप लगाकर लोगों को या तो मार दिया जाता है, या फिर उसे कोर्ट कचहरी के चक्कर में फंसा दिया जाता है। हालांकि, खुद मुस्लिम समुदाय के लोग भी ईशनिंदा के तलवार से काट दिए जाते हैं, लेकिन अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस हथियार का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है।
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पुलिस ने बचाई अशोक की जान
पाकिस्तान के एक पत्रकार मुबाशीर जैदी ने एक ट्वीट में कहा कि, ''हैदराबाद पुलिस ने एक हिंसक भीड़ को तितर-बितर कर दिया, जो एक हिंदू सफाई कर्मचारी को ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए सौंपने की मांग कर रही थी।" रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित अशोक कुमार को कथित तौर पर हैदराबाद के सदर में राबिया केन्द्र में रखा गया है। वहीं, पाकिस्तानी पत्रकार और स्तंभकार नैला इनायत ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि, "हिंदू सफाई कर्मचारी अशोक कुमार पर हैदराबाद में कुरान के कथित अपमान को लेकर ईशनिंदा के 295बी के तहत मामला दर्ज किया गया। यह आरोप दुकानदार बिलाल अब्बासी के साथ विवाद के बाद आया है, जिन्होंने कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।" हालांकि, भीड़ से अशोक कुमार को बचाने के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ ही ईशनिंदा का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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पाकिस्तान का बर्बर चेहरा
पाकिस्तान में लोगों की ये भीड़ डराने वाली है और ये तस्वीरें बताती हैं, कि एक मुल्क के तौर पर पाकिस्तान कैसे जानवर बनता जा रहा है। ये भीड़ हिंदू शख्स की मॉब लिंचिंग करना चाहती थी और अगर अशोक कुमार इनके हाथ लग जाता, तो यकीनन उसकी जान ये भीड़ ले लेती, जबकि कुरान को फाड़ने और और जलाने का काम एक मुस्लिम महिला ने किया था। हालांकि, कुछ लोग हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने और अशोक कुमार की जान बचाने के लिए हैदराबाद पुलिस की तारीफ भी कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि, ''हैदराबाद शहर में पाकिस्तान की सिंध पुलिस का बेहतरीन काम किया है और समाज में किसी भी तरह की कट्टरता के लिए कोई जगह नहीं है। अब जब एक आपदा टल गई है, तो अपराधियों और भड़काने वालों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए।" वहीं, एक अन्य यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "अल्पसंख्यकों और यहां तक कि मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के खिलाफ भी निजी दुश्मनी को निकालने के लिए ईशनिंदा कानूनों का दुरुपयोग पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर हो रहा है।"
पाकिस्तान में कठोर ईशनिंदा कानून
पाकिस्तान में एक कठोर ईशनिंदा कानून है और कई लोगों को केवल आरोप लगने पर ही मौत के घाट उतार दिया गया है। दिसंबर 2021 में ईशनिंदा के आरोपों को लेकर पाकिस्तान में एक श्रीलंका के रहने वाले और पाकिस्तान के एक कारखाने में बतौर मैनेजर काम करने वाले एक शख्स को जिंदा जला दिया गया था, जिसको लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की भारी आलोचना की गई थी। जिसको लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने उसे "पाकिस्तान के लिए शर्म का दिन" कहा था। हालांकि, खुद इमरान खान पर भी पाकिस्तान को और भी ज्यादा कट्टर बनाने के आरोप लगे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1947 के बाद पाकिस्तान में अभी तक 1415 लोगों को ईशनिंदा के आरोप में मारा जा चुका है और उसी रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक 2021 मुसलमानों को ही ईशनिंदा के झूठे आरोप में फंसाया जा चुके हैं, जिनमें जमीन विवाद या छोटी बातों को लेकर आपसी कहासुनी भी शामिल है।
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