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सात बच्‍चों की मां है ये पाकिस्‍तानी महिला, इनकी कहानी सुनकर घबराते हैं कठमुल्‍ले

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के हैदराबाद की रहने वाली बशीरन जब भी मुश्किलों में होती है तब उसे एक गीत यादा आता है कि 'ये दिल तुझे कसम है, हिम्मत ना हारना।' हैदराबाद शहर में बशीरन अकेली महिला है, जो पिछले करीब 35 साल से टैक्सी चलाकर अपने 7 बच्चों को पाल पोषण किया है। अपने पति की मौत के बाद 67 वर्षीय बशीरन हैदराबाद से कोटरी तक सुजूकी पिकअप चलाती है, उस दौरान उसके साथ कई बार ट्रैफिक पुलिस के साथ पंगा भी ले चुकी है। पाकिस्तान के पिछड़े और रूढ़ीवादी समाज में बशीरन जैसी महिला अगर टैक्सी चल रही है तो पुरुष प्रधान समाज में यह जरूर खटकता है।

पति की मौत के बाद खुद टैक्सी चलाकर परिवार पाला

पति की मौत के बाद खुद टैक्सी चलाकर परिवार पाला

बशीरन जब नाबालिग थी, तभी उसका निकाह हो गया, लेकिन सिर्फ 13 साल के बाद ही दिल का दौरा पड़ने की वजह से उसने अपने पति खो दिया। पाकिस्तानी न्यूजपेपर द डान से बात करते हुए बशीरन बताती है कि उसके पति की मौत के बाद उसके ससूर और रिश्तेदारों ने उसे अलग कर दिया था। लेकिन, वो वापस अपने घर रानीपुर नहीं जाना चाहती थी, इसलिए उसने किराए का कमरा लेकर खुद ही अपने बच्चों का पेट पालने का जिम्मा उठा लिया।

पति ने सिखाई थी ड्राइविंग

पति ने सिखाई थी ड्राइविंग

बशीरन ने कहा कि उसके पति ने ही उसे ड्राइविंग सीखाई थी। समाज रिश्तेदारों की आलोचना के बाद भी बशीरन के पति ने उसे ड्राइविंग सिखाई, क्योंकि वो जानता था कि कल को अगर कुछ हो जाए तो यह टैक्सी बशीरन खुद चलाकर परिवार को पेट भर सकती है। बशीरन याद करती हुई बताती है, 'शायद मेरे पति की मौत के कुछ पांच साल बाद, सिंधी-मोहाजीर दंगों से पहले खुद से ड्राइविंग करना शुरू किया। जिस वक्त पांच लीटर पेट्रोल की कीमत 35 रुपये हुआ करती थी।'

दिल तुझे कसम है, हिम्मत ना हारना...

दिल तुझे कसम है, हिम्मत ना हारना...

बशीरन ने सबसे पहले हैदराबाद से कोटरी तक मार्ग चुना, जो शहर का सबसे लंबा मार्ग है। बशीरन कहती है, 'टैक्सी चलाना एक औरत के लिए अजीब बात है, लेकिन उससे भी ज्यादा हैरानी तो तब होती थी जब मैं जवान और सुंदर हुआ करती और मुझे ड्राइविंग करते देख लोग बड़े अजीब से देखते थे'। इसके बावजूद भी बशीरन ने परिस्थितियों से लड़ने का फैसला किया और जब भी वो मुश्किल में होती थी तब उसे 'दिल तुझे कसम है, हिम्मत ना हारना' गीत के बोल याद आते थे।

6 बच्चे के बाद भी गरीब बच्ची को लिया गोद

6 बच्चे के बाद भी गरीब बच्ची को लिया गोद

इतना ही नहीं बशीरन का दिल इतना बड़ा है कि अपने छह बच्चों को पालने के बाद भी एक बेहद गरीब बच्ची को भी गोद ले लिया। बशीरन कहती है, 'मैंने एक पड़ोस की लड़की को गोद लिया है, जिसकी मां की मृत्यु हो गयी थी। वह अपने पिता और भाई के साथ खराब स्थिति में रह रही थी। उनके पास एक शौचालय तक नहीं था, वे लोग मस्जिद के शौचालय का इस्तेमाल करते थे। वे मेरे साथ एक बेटी की तरह रहती थी। उसके बाद मैंने उसका निकाह भी करवा दिया।'

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English summary
Pakistan: Mother of seven took up taxi driving in Hyderabad to support her family
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