पाकिस्तान ने की रक्षा बजट में भारी बढ़ोतरी, कुल बजट का 16% करेगा खर्च, फिर भी नहीं बढ़ेगी सैनिकों की सैलरी
पाकिस्तान सरकार ने रक्षा बजट को अपनी कुल बजट का 16 प्रतिशत रखा है, जो एक गरीब देश के लिए काफी खतरनाक है।
इस्लामाबाद, जून 12: जिस देश में एक लीटर दूध के लिए आपको 150 रुपये देना पड़े, आप सोच सकते हैं उस देश के लोगों को स्थिति क्या हो सकती है। पाकिस्तान में दूध की कीमत 140-150 रुपये के बीच है और खाने के दूसरे सामानों की कीमत भी काफी ज्यादा है। पाकिस्तान में बिजली बिल 13 रुपये प्रति यूनिट से ज्यादा है और चीनी की कीमत भी 100 रुपये प्रति किलो से ज्यादा है। यानि, महंगाई ने पाकिस्तानी जनता को बेहाल कर रखा है लेकिन सरकार है कि युद्ध के अंधे कुएं में पैसे झोंकते जा रही है। पाकिस्तान में बजट पेश किया गया है और रक्षा बजट में एक बार फिर से काफी बढ़ोतरी की गई है।
पाकिस्तान सरकार का बजट
पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार ने 2021-22 वित्तवर्ष के लिए 8,487 अरब पाकिस्तानी रुपये का बजट पेश किया है और सरकार ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 6.3 प्रतिशत रखा है। पाकिस्तान सरकार ने अपने रक्षा बजट में 6.2 प्रतिशत का इजाफा किया है और 1370 अरब पाकिस्तानी रुपये डिफेंस सेक्टर के लिए आवंटित किए हैं। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सरकार के कुल बजट का डिफेंस बजट करीब 16 प्रतिशत है, जो पिछले वित्तवर्ष के मुकाबले 2 प्रतिशत कम है। दरअसल, सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि अगर कोई देश अपने कुल बजट का 16 प्रतिशत या 18 प्रतिशत सिर्फ रक्षाबजट को देदे, फिर उस देश के लोगों का, पढ़ाई और स्वास्थ्य का क्या होगा, आप समझ सकते हैं।
पीओके के लिए 60 अरब रुपये
पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तरीन ने बजट पेश करते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर, जिसे हम पीओके कहते हैं, उसके लिए 60 अरब रुपये देने का ऐलान किया है। पिछले साल पीओके को पाकिस्तान सरकार ने 56 अरब रुपये विकास कार्यों के लिए दिए थे। वहीं, पाकिस्तान सरकार ने गिलगिट-बाल्टिस्तान के लिए 47 अरब का बजट दिया है, जो पिछले साल करीब 32 अरब रुपये था।
भारत के डिफेंस बजट से तुलना
पाकिस्तान सरकार ने भले ही रक्षा बजट में 6.2 प्रतिशत का इजाफा किया है, फिर भी भारत के मुकाबले पाकिस्तान का बजट 5.5 गुना कम है। वहीं, पाकिस्तान सरकार ने डिफेंस सेक्टर को जो पैसा दिया है, उसका एक बड़ा हिस्सा कर्मचारियों के वेतन पर ही खर्च हो जाएगा। अगर अमेरिकी डॉलर के हिसाब से तुलना करें तो पाकिस्तान ने इस साल 8.89 बिलियन डॉलर का बजट डिफेंस सेक्टर को दिया है, जबकि भारत ने इस साल डिफेंस सेक्टर को 49 बिलियन डॉलर दिया है। जिसमें भारत सरकार ने 18.48 बिलियन डॉलर सिर्फ हथियार खरीदने के लिए रखा है। जो पाकिस्तान के कुल रक्षा बजट के दोगुने से भी ज्यादा है।
सैनिकों की नहीं बढे़गी सैलरी
पाकिस्तानी सेना के सूत्रों का कहना है कि डिफेंस बजट को जरूर पाकिस्तान सरकार ने बढ़ा दिया है लेकिन उसका एक बड़ा हिस्सा पहले के बकाया सैलरी और दूसरे जरूरी कामों पर खर्च होने हैं। ऐसे में पाकिस्तानी सैनिकों की सैलरी इस बार भी नहीं बढ़ाई जाएगी। पाकिस्तानी मिलिट्री के सूत्रों का कहना है कि 'पाकिस्तानी रुपये का वैल्यू काफी कम हो गया है और जो पैसे डिफेंस सेक्टर को दिए गये हैं, वो पहले से ही तय मानकों को पूरा करने के लिए काफी नहीं हैं। ऐसे में सैनिकों की सैलरी बढ़ाने का सवाल ही नहीं उठता है।' वहीं, पाकिस्तानी मिलिट्री ने भी पाकिस्तान में ही हथियार उत्पादन पर जोर देने की बात की है, ताकि पाकिस्तानी रुपये की वैल्यू बढ़ाई जाए। लेकिन, हकीकत के धरातल पर देखें तो पाकिस्तान हथियार नहीं बना सकता है और अगर बनाता भी है तो देश के अंदर हथियार बनाने में उसे ज्यादा खर्च आएगा।