अपने कब्जे वाले कश्मीर के इस हिस्से को अपना पांचवां प्रांत घोषित करने की तैयारी में पाकिस्तान
नई दिल्ली। पाकिस्तान की सरकार ने गुरुवार को एक कमेटी का गठन कर अपने कब्जे वाले कश्मीर में गिलगित बाल्टिस्तान को कानूनी रूप से मान्यता देने पर विचार कर रहा है। गिलगित बाल्टिस्तान को भारत जम्मू कश्मीर का हिस्सा मानता है, जिसे पाकिस्तान अपना पांचवें प्रांत के रूप में घोषित करने की योजना बना रहा है। भारत शुरू से विरोध जताता आया है। पाकिस्तान की सरकार ने गिलगित बाल्टिस्तान को संवैधानिक रूप से कानूनी मान्यता प्रदान करने के लिए 10 सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के सात जज शामिल हैं और इस कमेटी कि अगुआई उनके चीफ जस्टिस साकिब नीसार कर रहे हैं।
पाकिस्तान के उत्तर में स्थित विवादित गिलगित बाल्टिस्तान को भारत जम्मू कश्मीर का अभिन्न हिस्सा मानता है। हालांकि, इमरान सरकार ने अब गिलगित बाल्टिस्तान को काननी रूप मान्यता देने के लिए कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी गिलगित बाल्टिस्तान को अन्य प्रांतों की तरह मिलने वाली सुविधा और प्रशासनिक सुधार पर विचार कर रही है। गिलगित बाल्टिस्तान के लोगों के लिए भी पाकिस्तानी नागिरकों मिलने वाले अधिकारों पर विचार किया जा रहा है।
बेंच के एक सदस्य ने इच्छा जाहिर की थी कि अगर भारत अपने संविधान के आर्टिकल 370 में संशोधन कर जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दे सकता है तो पाकिस्तान गिलगित बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांतीय दर्जा क्यों नहीं दे सकता है। यह क्षेत्र संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत विवादित है और भारत इसे अपना हिस्सा मानता है।
विवादित गिलगित बाल्टिस्तान को लीगल स्टेटस प्रदान करने के लिए पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में 32 याचिका दायर हो चुकी है, जिसमें से मुख्य याचिका गिलगित बाल्टिस्तान बार काउंसिल की ओर से उसके वाइस-चेयरमैन जावेद अहमद की ओर से फाइल की गई थी।
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