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पीएम मोदी जाने वाले थे पाकिस्तान, शुरू होने वाला था क्रिकेट मैच, लेकिन... PAK के वरिष्ठ पत्रकार दावा

हामिद मीर ने अपने आर्टिकिल में लिखा है, कि "जनरल बाजवा हमेशा भारत से अच्छे संबंध चाहते थे और इसके लिए उन्होंने भारत के साथ बैक चैनल बातचीत भी शुरू कर दी थी।

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Hamid Mir On Imaran Khan

Hamid Mir On Imran Khan: पाकिस्तान के प्रतिष्ठित पत्रकारों में शुमार पत्रकार हामिद मीर ने दावा किया है, कि पूर्व पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहते थे, लेकिन वो इमरान खान थे, जिन्होंने हर बार जनरल बाजवा के काम में अड़ंगा डालने का काम करते रहे। हामिद मीर ने इंडिया टूडे के लिए लिखे अपने एक आर्टिकिल में इमरान खान और पूर्व पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बारे में कई बड़े खुलासे किए हैं और उनके बीच भारत के साथ संबंधों को लेकर जो खींचतान होती थी, उसके बारे में भी हामिद मीर ने कई खुलासे किए हैं।

हामिद मीर के बड़े दावे

हामिद मीर के बड़े दावे

हामिद मीर ने अपने आर्टिकिल में लिखा है, कि इमरान खान एक ऐसे शख्स के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, जिनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है। जनरल बाजवा अब एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी हैं, जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। वहीं, इमरान खान एक राजनेता हैं, और वह फिर से प्रधानमंत्री बन सकते हैं। वह एक ऐसे व्यक्ति के खिलाफ आश्चर्यजनक आरोप क्यों लगा रहे हैं, जिस पर इमरान खान के समर्थन में 2018 के चुनावों में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया था? क्या वह जनरल बाजवा को निशाना बनाकर नए सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं? क्या वह पाकिस्तान की सबसे शक्तिशाली संस्था पर हमला करके अयोग्यता और गिरफ्तारी से बच पाएंगे? हामिद मीर ने पाकिस्तान की राजनीति में आने वाले कई मोड़ों का जिक्र किया है और एक संकेत देने की कोशिश की है, कि आने वाले वक्त में पाकिस्तान की राजनीति में किस तरह का उथल-पुथल मचने वाला है।

इमरान पर क्या सोचते हैं हामिद मीर

इमरान पर क्या सोचते हैं हामिद मीर

हामिद मीर ने लिखा है, कि वो साल 1989 से ही इमरान खान को जान रहे हैं, जब वो एक क्रिकेटर हुआ करते थे और उन्होंने पाकिस्तान में अपने आप को दुनिया का बेस्ट क्रिकेटर बताकर जनता के बीच अपनी छवि चमकाने का काम किया है। इसके साथ ही हामिद मीर ने लिखा है, कि उन्होंने इमरान खान को राजनीति में नहीं आने की सलाह दी थी, ताकि वो क्रिकेट के नायक बने रहें और कहीं उनकी प्लेबॉय वाली छवी और उनके नाजायज बच्चे वाली खबर भी सार्वजनिक ना हो जाए, लेकिन इमरान खान ने राजनीति में कदम रख दिया और अपने राजनीतिक विरोधियों को बाउंसर फेंकने लगे। और अब वह पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बाउंसरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है, कि इमरान खान ने कई बार जनरल बाजवा का बचाव किया, जब पूर्व सेना प्रमुख नवाज शरीफ के निशाने पर थे। 2020 में खान ने कहा कि नवाज शरीफ पाकिस्तानी सेना पर हमला करके भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के लिए खेल खेल रहे हैं।

बाजवा पर इमरान खान के नये आरोप

बाजवा पर इमरान खान के नये आरोप

जनरल बाजवा पर ताजा हमला करते हुए पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया है, कि पूर्व सेना प्रमुख उन्हें मरवाना चाहते थे और देश में आपातकाल लागू करना चाहते थे। इससे पहले उन्होंने जनरल बाजवा पर अपनी सरकार के खिलाफ दोहरा खेल खेलने का भी आरोप लगाया था और माना था, कि 2019 में तत्कालीन सेना प्रमुख बाजवा का कार्यकाल बढ़ाकर उन्होंने बड़ी गलती की थी। बतौर हामिद मीर, इमरान खान भूल गए, कि उन्होंने खुद डबल गेम खेलकर सत्ता हासिल की थी और यह कोई रहस्य नहीं है, कि नवाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी से नफरत करने वाले सेना के जनरलों के एक समूह ने उन्हें पाकिस्तान के प्रीमियर के तौर पर चुना था।

इमरान खान को बचाते रहे बाजवा

इमरान खान को बचाते रहे बाजवा

हामिद मीर ने अपने आर्टिकिल में दावा किया है, कि जो इमरान खान इस वक्त जनरल बाजवा पर बड़े बड़े आरोप लगा रहे हैं, दरअसल उसी बाजवा ने अतीत में कई बार इमरान खान की राजनीतिक कैरियर को बचाया भी है। इस वक्त इमरान खान का सेक्स ऑडियो और वीडियो लीक हुआ है और इमरान समर्थकों के निशान पर बाजवा हैं। लेकिन, हामिद मीर का दावा है, कि बाजवा पर ऐसे आरोप लगाकर इमरान खान कृतघ्नता का नमूना पेश कर रहे हैं, क्योंकिन पूर्व सेना प्रमुख के एक करीबी दोस्त ने कुछ दिन पहले दावा किया था, कि जनरल बाजवा अतीत में इमरान खान के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों में कामयाब रहे थे। जनरल बाजवा ने एक स्तंभकार को विस्फोटक जानकारी भी लीक की है और उन्हें बताया है, कि उन्होंने ही 2017 में इमरान खान को अयोग्य होने से बचाया था।

बाजवा ने बनाया इमरान को प्रधानमंत्री?

बाजवा ने बनाया इमरान को प्रधानमंत्री?

हामिद मीर ने अपने आर्टिकिल में लिखा है, कि "मुझे अभी भी 2018 के चुनाव से कुछ हफ्ते पहले इमरान खान के साथ अपना इंटरव्यू याद है। जब इमरान खान ने यह कहकर नवाज शरीफ की आलोचना की थी, कि वह पाकिस्तानी सेना की उपज हैं। जब यह इंटरव्यू प्रसारित हुआ तो मुझे जनरल बाजवा ने बुलाया था। जब मैं उनके रावलपिंडी स्थित आवास पर पहुंचा, तो एक अन्य पत्रकार साथी सलीम सफी वहां पहले से मौजूद थे। सलीम सफी जनरल बाजवा से कह रहे थे, कि 'आपने इमरान खान को प्रधानमंत्री पद पर बिठाने का फैसला कर लिया है, लेकिन मेरी बात नोट कर लीजिए कि वह न सिर्फ आपको धोखा देंगे, बल्कि वह आपकी पीठ में छुरा भोंकेंगे।' जनरल बाजवा पत्रकारिता नैतिकता के बारे में सफी को व्याख्यान दे रहे थे और उन्हें इमरान खान के साथ अपने व्यक्तिगत मतभेदों को भूल जाने की सलाह दे रहे थे। मैंने इस बातचीत को चुपचाप देखा और कभी हस्तक्षेप नहीं किया"।

इमरान खान कैसे बने प्रधानमंत्री?

इमरान खान कैसे बने प्रधानमंत्री?

हामिद मीर के मुताबिक, जनरल बाजवा और आईएसआई के पूर्ण समर्थन के बावजूद, इमरान खान 2018 के चुनाव में साधारण बहुमत हासिल करने में नाकाम रहे। अंत में, ISI ने कुछ निर्दलीयों का समर्थन हासिल किया और इस तरह इमरान खान प्रधानमंत्री बने। जनरल बाजवा ने कभी इमरान खान को अपना बॉस नहीं माना। उन्होंने पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति पर नाराजगी जताई। जनरल बाजवा चाहते थे, कि उनके आदमी सीएम हों, लेकिन इमरान खान ने ऐसा करने से इनकार कर दिया"। हामिद मीर के मुताबिक,"मुझे 2019 में जनरल बाजवा के साथ एक मुलाकात याद है, जब उन्होंने मुझसे कहा था, कि आपको प्रधानमंत्री से मिलना चाहिए और उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार को हटाने के लिए कहना चाहिए। मैंने एक बार फिर उन्हें यह कहकर नाराज कर दिया कि, "मैं केवल एक पत्रकार हूं, यह मेरा काम नहीं है।"

भारत के साथ अच्छा संबंध चाहते थे बाजवा?

भारत के साथ अच्छा संबंध चाहते थे बाजवा?

हामिद मीर ने अपने आर्टिकिल में लिखा है, कि "जनरल बाजवा हमेशा भारत से अच्छे संबंध चाहते थे। उन्होंने एक बार मुझसे कहा था, कि उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से अनुमति मिलने के बाद 2017 में पहली बार एक बैक चैनल के माध्यम से भारत के साथ बातचीत शुरू की थी और इमरान खान के पीएम कार्यालय पहुंचने के बाद उन्होंने फिर से बैक चैनल सक्रिय कर दिया।" हामिद मीर ने आगे लिखा है, कि "फरवरी 2019 में पुलवामा में आत्मघाती हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट पहाड़ों में भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों ने दोनों देशों के बीच युद्ध का खतरा पैदा कर दिया। पकड़े गए भारतीय पायलट विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई से युद्ध का खतरा टल गया। भारत ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को रद्द कर दिया और इमरान खान ने मोदी की तुलना हिटलर से करनी शुरू कर दी। इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के महीनों के भीतर, इमरान खान ने नवंबर 2019 में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया।

पीएम मोदी जाने वाले थे पाकिस्तान- मीर

पीएम मोदी जाने वाले थे पाकिस्तान- मीर

हामिद मीर ने अपने आर्टिकिल में बड़ा दावा करते हुए लिखा है, कि जनरल बाजवा के अनुसार, भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी 9 अप्रैल 2021 को पाकिस्तान का दौरा करने के लिए सहमत हुए थे। जनरल बाजवा का दावा है, कि पीएम मोदी बलूचिस्तान के लासबेला में हिंगलाज माता मंदिर में वार्षिक चार दिवसीय तीर्थ यात्रा में शामिल होना चाहते थे। भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों ने बाड़मेर को हिंगलाज माता मंदिर से जोड़कर दोनों देशों के बीच हिंगलाज कॉरिडोर खोलने की संभावना पर चर्चा भी की थी। जनरल फैज़ हमीद कथित तौर पर एक खाड़ी देश में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिले थे और इस बात पर सहमत हुए थे, कि दोनों देश एक दूसरे के साथ व्यापार और क्रिकेट लिंक खोलेंगे। सैद्धांतिक तौर पर भारत के साथ व्यापार खोलने का फैसला लिया गया था, लेकिन इमरान खान की कैबिनेट ने इस फैसले को ठुकरा दिया था। जनरल बाजवा का दावा है, कि दोनों पक्षों ने कश्मीर विवाद को 20 साल तक स्थिर रखने पर सहमति जताई थी"।

'विदेश मंत्री बन गये थे वीलेन'

'विदेश मंत्री बन गये थे वीलेन'

हामिद मीर ने लिखा है, कि "इमरान खान भारत के साथ अच्छे संबंध जरूर बनाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे आगे बढ़ने का सुझाव दिया था। उन्होंने जुलाई 2019 में पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में चुनाव जीतने का लक्ष्य रखा था। जनरल बाजवा को लगता है, कि वास्तव में इमरान खान को उनके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुमराह किया था, जो मीडिया में आलोचना से डरते थे।" अपने रिटायर्डमेंट से कुछ दिन पहले, जनरल बाजवा ने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित सफलता में बाधा उत्पन्न करने के लिए पाकिस्तानी मीडिया की आलोचना की थी। जनरल बाजवा ने कहा था, कि जब भी हम भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश करते हैं, तो मीडिया में कुछ लोग सरकार पर कश्मीर को दुश्मन के हाथों बेचने का आरोप लगाने लगते हैं और फिर सब खराब होने लगता है"।

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Comments
English summary
Senior Pakistani journalist Hamid Mir has claimed that PM Modi was about to visit Pakistan last year.
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