निवेश नहीं आया तो अगले साल रूस हो जाएगा कंगाल, भारत-चीन को निभानी होगी बड़ी भूमिका- रूसी बिजनेसमैन का दावा
ओलेग डेरिपस्का ने कहा कि रूस के पास अगले साल हमारे पास कोई पैसा नहीं होगा। हमें विदेशी निवेशकों की बेहद आवश्यकता है। इसके लिए बिजनेसमैन ने भारत-चीन की ओर देखने को कहा...
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रूसी बिजनेसमैन ओलेग डेरिपस्का ने कहा कि रूस का खजाना एक साल के भीतर खाली हो सकता है। उन्होंने कहा कि रूस को भारी मात्रा में विदेशी निवेश की जरूरत है। यदि ऐसा नहीं होता है तो मास्को की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। रूसी बिजनेसमैन ने साइबेरिया में एक आर्थिक सम्मेलन में यह टिप्पणी की। आपको बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध के एक साल पूरे होने पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था की खूब प्रशंसा की थी।
अगले साल नहीं होगा पैसा
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार बिजनेसमैन ओलेग डेरिपस्का ने कहा, "अगले साल हमारे पास कोई पैसा नहीं होगा। हमें विदेशी निवेशकों की आवश्यकता है।" रूसी बिजनेसमैन जिसने पिछले साल युद्ध को समाप्त करने का आह्वान किया था, ने कहा कि मंदी चल रही है, बाजार में काफी कम पैसा दौड़ रहा है ऐसे में उन्होंने [रूसी सरकार] ने हमें निचोड़ना शुरू कर दिया है।
गंभीर दबाव से पीड़िता है रूस
बिजनेसमैन डेरिपस्का ने कहा कि रूस पश्चिमी प्रतिबंधों के "गंभीर" दबाव से पीड़ित है, ऐसे में राष्ट्र और उसके व्यवसाय को निवेश करने के लिए "गंभीर संसाधनों" वाले अन्य देशों की ओर देखना होगा। बिजनेसमैन ने कहा कि विदेशी निवेशकों, विशेष रूप से 'दोस्ताना देशों' को भी बड़ी भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश सही स्थिति बनाने और अपने बाजारों को आकर्षक बनाने की रूस की क्षमता पर निर्भर करेगा।
रूस की करोड़ों की संपत्ति फ्रीज
डेरिपस्का ने कहा कि हम सोचते थे कि हम यूरोपीय देश हैं लेकिन अगले 25 साल तक हम अपने एशियाई अतीत के बारे में अधिक सोचेंगे। आपको बता दें कि फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से पश्चिमी देशों ने रूस पर 11,300 से अधिक प्रतिबंध लगाए हैं। साथ ही रूस के लगभग 300 बिलियन डॉलर के विदेशी भंडार को फ्रीज कर दिया है। हालांकि चीन ने रूसी सरकार से ऊर्जा खरीदकर कुछ राहत जरूर दी है, लेकिन फिर भी रूस को प्रतिबंधों के कारण खोए हुए निर्यात धन और आय के अन्य स्रोतों को फिर से प्राप्त करने से पहले एक लंबा रास्ता तय करना है।
तेजी से बढ़ता जा रहा व्यापार घाटा
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार रूस का आर्थिक उत्पादन पिछले साल 2.1 प्रतिशत गिर गया। इसके साथ ही रूस का राजस्व पिछले साल की तुलना में जनवरी में 35 प्रतिशत गिर गया है। हालांकि में खर्चे में बेहत तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक रूस के व्यय में 59 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इससे लगभग 23.3 बिलियन डॉलर का बजट घाटा हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक रूस से यूरोपीय संघ के आयात का मूल्य पिछले साल फरवरी और दिसंबर के बीच 51 प्रतिशत कम हो गया है। 2020 में यूरोपीय संघ को अपने 38 प्रतिशत निर्यात के साथ रूस उसके प्रमुख व्यापारिक भागीदारों में से एक था। लेकिन रूस यूक्रेन युद्ध के बाद स्थिति ख़राब होती चली गई।
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