भारतीय सेना POK वापस लेने को तैयार! हलक में सूख गई पाकिस्तान की जान, बौखलाकर किया पलटवार
भारतीय उत्तरी सेना के कमांडर ने कहा था कि पीओके के विषय पर संसद में प्रस्ताव पास हो चुका है, इसमें कुछ भी नया नहीं है। यह संसद के प्रस्ताव का हिस्सा है।
भारतीय सेना के POK( पाक अधिकृत कश्मीर) को वापस लेने के बयान पर इस्लामाबाद में भूचाल आ गया है। उसने भारत पर पलटवार किया है। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने पाकिस्तान से कश्मीर को वापस लेने वाले बयान पर आपत्ति जताई है। आईएसपीआर ने इसे भारतीय सेना की भ्रमपूर्ण मानसिकता करार दिया है। बता दें कि, मंगलवार को भारतीय सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को वापस लेने के लिए पूरी तरह तैयार है। वह बस भारत सरकार के आदेश का इंतजार कर रही है।
भारत पीओके को लेकर रहेगा, टेंशन में आया पाकिस्तान
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी इसी संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा हाल ही में दिए गए एक बयान के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि जहां तक भारतीय सेना का संबंध है, वह भारत सरकार द्वारा दिए गए किसी भी आदेश को पूरा करेगी। जब भी इस तरह के आदेश दिए जाएंगे, हम हमेशा इसके लिए तैयार रहेंगे।
पाकिस्तान ने भारत से कहा...
इस पर पाकिस्तान नें एक तरह पीओके को खोने के डर से भूचाल आ गया है। आईएसपीआर के महानिदेशक ने सुबह-सुबह ट्वीट करते हुए कहा कि पीओके के संबंध में भारतीय सेना के उच्च पदस्थ अधिकारी का बयान अनुचित है और यह सशस्त्र बलों की भ्रमपूर्ण मानसिकता को दर्शाता है।
सरकार के आदेश का पालन करेगी भारतीय सेना
बता दे कि, भारतीय उत्तरी सेना के कमांडर ने कहा था कि पीओके के विषय पर संसद में प्रस्ताव पास हो चुका है, इसमें कुछ भी नया नहीं है। यह संसद के प्रस्ताव का हिस्सा है। सरकार का हर आदेश को मानने के लिए भारतीय सेना तैयार है। सरकार की तरफ से जब भी आदेश होगा, सेना अपनी पूरी ताकत से आगे बढ़ेगी।
भारतीय सेना को कहने की देर है....
हाल ही में चुनावी दौरे पर हिमाचल गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया था कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) पर फैसला भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के दौरान ही ले लिया जाना चाहिए था। अफसोस यह है कि उस समय पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा सैनिक भारत ने बंदी बना लिए थे, इसके बावजूद भारत ने पाकिस्तान से पीओके वापस नहीं लिया।