Opinion Polls: कोई चुनावी अभियान और डिबेट नहीं, फिर भी व्लादिमिर पुतिन चौथी बार बन रहे हैं रूस के राष्ट्रपति
मास्को। रूस में अगले माह मार्च में राष्ट्रपति चुनाव है और व्लादिमिर पुतिन अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। राष्ट्रपति पुतिन चुनाव से पहले ना तो अपने विरोधियों से बहस में हिस्सा ले रहे हैं और ना ही किसी भी प्रकार की चुनाव सभाएं कर रहे हैं। फिर भी शुरूआती ओपिनियन पोल के मुताबिक, 65 साल के पुतिन चौथी बार रूस की सत्ता संभालने जा रहे हैं। यही नहीं, ओपिनियन पोल ना सिर्फ पुतिन की ऐतिहासिक जीत बता रहे हैं, बल्कि राजनीतिक पंडितों की मानें तो इस विजय के बाद एक बार फिर सोवियत दौर का युग शुरू होगा।
'एक मजबूत राष्ट्रपति ही एक मजबूत देश को बनाता है'...
हमेशा की तरह पुतिन इस बार भी किसी भी प्रकार की बहस हिस्सा नहीं बन रहे हैं। हालांकि, पुतिन को अपने देश के टीवी कवरेज से पहले ही बहुत फायदा मिल चुका हैं। वहीं, चुनाव को देखते हुए रूस में कई जगह पुतिन के पोस्टर लगाए गए हैं, जिन पर लिखा है 'एक मजबूत राष्ट्रपति ही एक मजबूत देश को बनाता है।'
पुतिन को 71% से भी ज्यादा लोग पसंद कर रहे हैं
रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव के ओपिनियन पोल में पिछले माह जनवरी के तुलना में इस बार 1.5 प्रतिशत पुतिन के समर्थक बढ़े हैं। ओपिनियन पोल्स के मुताबिक पुतिन को 71 प्रतिशत से भी ज्यादा लोग पसंद कर रहे हैं। वहीं, उनके मुख्य विरोधी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता पावेल ग्रुडिनिन को मात्र 6.9 प्रतिशत वोट मिल रहे हैं। इसके अलावा तीसरे स्थान पर लिब्रेल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता व्लादिमिर जिरिनोव्सकी हैं, जिन्हें 5.7 प्रतिशत वोट मिल रहे हैं। हाल ही में सुर्खियों में रही टीवी स्टार और जर्नलिस्ट सेनिया सोबचक को सिर्फ 1.3 प्रतिशत ही लोग चाहते हैं कि वे रूस की राष्ट्रपति बने।
पिछले कुछ वर्षों में पुतिन सबसे ताकतवर नेता बनकर उभरे हैं
अगर व्लादिमिर पुतिन एक बार फिर जीतकर आते हैं, तो वे 2024 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे। पिछले साल पुतिन ने रूस में मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा था कि वे रूसी संघ के राष्ट्रपति के लिए अपनी उम्मीदवारी का दावा पेश करेंगे। युक्रेन मामले से लेकर सीरिया गृह युद्ध में रूस की दखलंदाजी से पुतिन ना सिर्फ अपने देश के हीरो बने हैं, बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है।