Air pollution कर रहा है Sperms की क्वालिटी खराब, नए शोघ में बड़ा खुलासा
शंघाई, 18 फरवरी। वायु प्रदूषण केवल भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है। वायु् प्रदूषण से अभी तक लोगों को सांस की बीमारियों से दो-चार होना पड़ता था लेकिन अब ताजा शोध में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है जिसने शोधकर्ताओं के होश उड़ा दिए हैं। चीन का नया शोध कहता है कि वायु प्रदूषण से पुरुषों की स्पर्म की क्वालिटी प्रभावित होती है।
Air pollution शुक्राणुओं की संख्या और गति को प्रभावित कर रहा
चीन के साइंस Journal में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि Air pollution शुक्राणुओं की संख्या और गति को प्रभावित कर रहा है। हवा में मौजूद छोटे प्रदूषण के कण बड़े वाले प्रदूषण के कण से ज्यादा खतरनाक है। स्पर्म के लिए 10 माइक्रोमीटर वाले पैरामीटर से ज्यादा खतरनाक 2.5 माइक्रोमीटर वाले पैरामीटर हैं। जो कि एस्थेनोजोस्पर्मिया को बढ़ावा देते हैं। आपको बता एस्थेनोजोस्पर्मिया का मतलब है पुरुष शुक्राणु में गतिशील शुक्राणुओं की संख्या में कमी, ये बांझपन का कारण होता है, क्योंकि गतिहीन शुक्राणु अंडे को निषेचित नहीं कर पाता है।
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वीर्य की गुणवत्ता और शुक्राणु की गतिशीलता पर प्रतिकूल प्रभाव
इस शोध से बात साफ हो गई है कि Air pollution पूरी आबादी की प्रजनन क्षमता पर खराब असर डाल रहा है। शंघाई में Tongji University के स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने 340 चीनी शहरों के कुल 33,876 पुरुषों पर ये शोध किया है। इन सभी लोगों की उम्र 30 साल से 35 साल के बीच में थीं। शोधकर्ताओं का दावा है कि वायु प्रदूषण वीर्य की गुणवत्ता और शुक्राणु की गतिशीलता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, जिससे पुरुष प्रजनन दर प्रभावित हो सकती है।
वायु प्रदूषण दो तरह से शुक्राणुओं को प्रभावित करता है
दरअसल वायु प्रदूषण दो तरह से शुक्राणुओं को प्रभावित करता है। पहली दशा में जब हवा प्रदूषित होती है उसमें मौजूद पार्टिकुलेट मैटर, ओजोन, सल्फर डाइऑक्साइड जो कि जब पर्यावरण के कार्नबिक तत्वों के संपर्क में आते हैं तो प्रजनन क्षमता पर गलत प्रभाव डालते हैं। इससे स्पर्म की संख्या प्रभावित होती है।
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लोगों का स्ट्रेस लेवल बढ़ा देता है
जबकि दूसरी दशा में वायु प्रदूषण ब्रेन की कोशिकाओं पर असर डालता हैं जिससे लोगों का स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है। इंसान चिड़चिड़ा और 'मूड स्विंग' का शिकार हो जाता है। इससे भी इंसान के निजी रिश्ते पर असर पड़ता है। दूसरी दशा में वायु प्रदूषित हवा में डाइऑक्सिन होता है जो कि स्पर्म पर सीधे इफेक्ट करते हैं। आपको बता दें कि दिसंबर 2021 में प्रकाशित एक शोध में भी इसी तरह की बातें सामने आई थीं।
फेफड़ों का कैंसर
प्रदूषित वायु वाले स्थानों पर रहने वालों को फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना भी अधिक होती है। कुल मिलाकर वायु प्रदूषण को लेकर हर किसी को काफी सतर्क रहने की जरूरत है और हर किसी को इसके रोकने के लिए उपाय करने चाहिए।
वायु प्रदूषण, रोकथाम और उपाय
- वायु प्रदूषण को रोकने के लिए आप अपनी गाड़ियों को समय-समय पर चेक कराएं और उसके लिए Pollution कार्ड बनवाएं।
- अगर आप काफी प्रदूषित एरिया में हैं तो आप सुबह-शाम बाहर की सैर बंद कर दीजिए।
- सैर के लिए किसी पार्क को चुनें।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें।
- अपने भोजन में इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजों को ज्यादा शामिल करें।
- ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं।
- फल -हरी सब्जियां भी अधिक मात्रा में लें।
- कफ और जुकाम दिखे तो डॉक्टर से मिलें।
- अगर आपको सिरदर्द, मूड स्विंग की बीमारी हो तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें।