बिगड़ रहे नेपाल के साथ संबंध, भारत को दी दूर रहने की चेतावनी
काठमांडू। नेपाल में लागू नए संविधान के बाद भारत और नेपाल के रिश्ते दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। नेपाल की यूसीपीएन माओवादी पार्टी ने भारत को उसके मामलों से दूर रहने की चेतावनी दी है। पार्टी ने कहा है कि भारत को मधेसियों की समस्याओं में नहीं शामिल होना चाहिए।
नेपाल ने मधेशियों के असंतोष को नेपाल का अंदरूनी मामला बताया है और कहा है कि वह मुद्दों को सुलझाने में सक्षम है। यूसीपीएन-माओवादी प्रवक्ता दीनानाथ शर्मा ने कहा कि भारत ने अनाधिकारिक नाकेबंदी के जरिए दवाओं, ईंधन और शिक्षा के लिए जरूरी सामान की आपूर्ति में बाधा डालकर युद्ध काल के दायित्वों तक का सम्मान नहीं किया।
दीनानाथ शर्मा के मुताबिक यहां तक कि भारत ने रक्त इकट्ठा करने के लिए फोर्स को ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही की इजाजत नहीं देकर नेपाल से अमानवीय बर्ताव कर रहा है।
शर्मा ने कहा कि नेपाल के दक्षिणी हिस्से में मधेसियों की समस्या, हमारा अंदरूनी मामला है और हम इसका हल करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि मधेसियों की समस्याओं के लिए चिंता दिखाने का भारत के पास कोई आधार नहीं है।
शर्मा ने दावा किया कि हम मधेसी नेताओं के लगातार संपर्क में हैं और वे वार्ता के जरिए इस मुद्दे को हल करने के प्रति सकारात्मक हैं।