क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

NASA के रनवे पर उतरा 'रहस्यमी ' स्पेसक्राफ्ट, 3 साल से लगा रहा था पृथ्वी के चक्कर

Google Oneindia News

nasa, आए दिन यूएफओ और एलियंस को लेकर कई तरह की खबरें सामने आती रहती हैं। दूसरी दुनिया के लोगों के बारे में सबसे अधिक जानकारी अमेरिका के पास है। कई बार खबरों में आ चुका है कि, अमेरिका के पास एलियन होने के पुख्ता सबूत हैं। हालांकि अमेरिका ने कभी भी इन दावों पर सहमति नहीं दिखाई है। इसी बीच अमेरिका के फ्लोरिडा में एक गुप्त मानव रहित अमेरिकी अंतरिक्ष यान उतरा है। जिसके लेकर कई तरह के कयास लग रहे हैं।

यूएफओ से जुड़े रहस्य के लिए जिम्मेदार!

यूएफओ से जुड़े रहस्य के लिए जिम्मेदार!

बताया जा रहा है कि, फ्लोरिडा में ये गुप्त मानव रहित अमेरिकी अंतरिक्ष यान तीन साल बाद लैंड किया है। जो पृथ्वी के कई सालों से चक्कर लगा रहा था। जिसे यूएफओ से जुड़े रहस्य और सोनिक बूम के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। कक्षा में रिकॉर्ड 908 दिन बिताने के बाद सौर ऊर्जा से चलने वाला एक्स-37बी शनिवार को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में उतरा।

अंतरिक्ष में स्पेसक्राफ्ट कर रहा था ये काम

अंतरिक्ष में स्पेसक्राफ्ट कर रहा था ये काम

बोइंग के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट जिम चिल्टन ने कहा कि, 2010 में एक्स-37बी के पहले लॉन्च के बाद इसने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस स्पेसक्राफ्ट ने हमारे देश को तेजी से परीक्षण करने और नई अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने की बेजोड़ क्षमता प्रदान की है। बोइंग ने X-37B विकसित किया है। जो देखने में छोटा अंतरिक्ष यान जैसा दिखता है। इसका पिछला मिशन 780 दिनों तक चला था।

सेना के कई रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है ये स्पेसक्राफ्ट

सेना के कई रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है ये स्पेसक्राफ्ट

इस रहस्यमयी स्पेसक्राफ्ट की सरप्राइज लैंडिंग के चलते फ्लोरिडा में जबरदस्त सोनिक बूम सुनाई दी थी। जिसने कई लोगों को डरा दिया था।स्पेस फोर्स द्वारा इसकी पुष्टि की गई थी कि अंतरिक्ष यान को 5.22 बजे सफलतापूर्वक डीऑर्बिट किया गया था। अपनी तीन साल की यात्रा के दौरान X-37B ने एक सर्विस मॉड्यूल को होस्ट किया है। जिसे नौसेना अनुसंधान प्रयोगशाला, यूएस वायु सेना अकादमी और अन्य के लिए प्रयोग किया गया है।

सेना अंतरिक्ष में फसल उगाने के तरीकों पर कर रहा है काम

सेना अंतरिक्ष में फसल उगाने के तरीकों पर कर रहा है काम

सेना जहां अंतरिक्ष में लंबे समय तक रुकने के लिए बीजों पर टेस्टिंग कर रही थी, वहीं नौसेना पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर सफलतापूर्वक सौर किरणों का दोहन करने और रेडियो फ्रीक्वेंसी माइक्रोवेव ऊर्जा पर रिसर्च कर रही थी। ये मॉड्यूल डीऑर्बिटिंग से पहले अंतरिक्ष यान से अलग हो गया ताकि लैंडिंग सुरक्षित हो। इसे साथ जुड़े प्रयोगों में फाल्कनसैट -8 नामक एक उपग्रह भी था। जिसे वायु सेना अनुसंधान प्रयोगशाला के सहयोग से अकादमी कैडेटों द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था।

इस स्पेसक्राफ्ट ने अभी तक 1.3 बिलियन मील की उड़ान भरी है

इस स्पेसक्राफ्ट ने अभी तक 1.3 बिलियन मील की उड़ान भरी है

फाल्कनसैट -8 को अक्टूबर 2021 में तैनात किया गया था और यह अभी भी कक्षा में है। X-37B लिथियम-आयन बैटरी के साथ सोलर एनर्जी द्वारा संचालित होता है और लगभग 200 मील की ऊँचाई पर परिक्रमा कर रहा था। 2010 में X-37B का पहला मिशन लगभग 224 दिनों तक चला जबकि 2011 में इसका दूसरा मिशन 468 दिनों तक चला। अंतरिक्ष यान ने 1.3 बिलियन मील से अधिक की उड़ान भरी है और अंतरिक्ष में कुल 3,774 दिन बिताए हैं।

'धुंध के बीच दिल्ली में दिखा UFO?' सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो, हकीकत खुली तो छूटी हंसी'धुंध के बीच दिल्ली में दिखा UFO?' सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो, हकीकत खुली तो छूटी हंसी

Comments
English summary
nasa Secret unmanned spacecraft landed on florida's runway, orbiting earth for 3 years UFO
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X