म्यांमार: हिंसक प्रदर्शन में 11 की मौत, हैंडमेड गन और चाकू लेकर सेना से भिड़ रहे प्रदर्शनकारी
नाएप्यीडॉ। म्यांमार में सेना के तख्तापलट करने के दो महीने बीत जाने और दमन के तमाम तरीके अपनाने के बाद भी प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं है। समय बीतने के साथ ही प्रदर्शनकारियों का जोश बढ़ता ही जा रहा है और वे सेना से खुलकर टक्कर ले रहे हैं। म्यांमार की स्थानीय मीडिया से प्राप्त खबरों के मुताबिक गुरुवार को हिंसक प्रदर्शनों में 11 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है। आधुनिक हथियारों से लैस जवानों के खिलाफ प्रदर्शनकारी मात्र हाथ से बनी बंदूकों और फायर बमों के जरिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
म्यांमार के एक स्थानीय मीडिया आउटलेट के मुताबिक ताजे शहर में प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए 6 ट्रकों में भरकर सैनिक पहुंचे थे। सैनिकों की कार्रवाई के खिलाफ जब प्रदर्शनकारियों ने हैंडमेड गन, चाकुओं और फायर बम की मदद से सेना का मुकाबला शुरू किया तो काबू करने के लिए 5 ट्रक और सैनिक भेज दिए गए।
11
प्रदर्शनकारियों
की
मौत
म्यांमार
की
मीडिया
के
मुताबिक
गुरुवार
सुबह
तक
दोनों
पक्षों
में
लड़ाई
जारी
रही
और
इस
दौरान
कम
से
कम
11
प्रदर्शनकारियों
की
मौत
हुई
है
और
लगभग
20
घायल
हुए
हैं।
इस
दौरान
सैनिकों
में
कोई
हताहत
हुआ
है
या
नहीं,
इसकी
कोई
जानकारी
नहीं
हो
पाई
है।
इसके साथ ही म्यांमार में सुरक्षा बलों के दमन के चलते तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे नागरिकों की मौत की संख्या 600 पार कर गई है। इसी साल 1 फरवरी को म्यांमार की सेना ने चुनी हुई सरकार का हटाकर देश की सत्ता पर कब्जा जमा लिया था। तख्तापलट के बाद से ही पूरे देश में प्रदर्शन जारी हैं। बुधवार शाम तक इन प्रदर्शनों में 598 नागरिक सुरक्षाबलों के हाथों मारे जा चुके थे।
बुधवार
को
हुई
थी
12
की
मौत
ताजे
म्यांमार
के
दूसरे
शहर
काले
के
पास
ही
है
जहां
पर
बुधवार
को
सैनिकों
और
प्रदर्शनकारियों
के
बीच
इसी
तरह
हिंसक
प्रदर्शन
में
12
लोगों
की
मौत
हुई
थी।
सुरक्षा
बलों
ने
प्रदर्शनकारियों
के
ऊपर
5
राउंड
गोलियां,
ग्रेनेड
और
मशीन
गन
चलाई
थी।
प्रदर्शनकारी
सू
की
की
सरकार
बहाली
की
मांग
कर
रहे
हैं।
म्यांमार में बर्खास्त कर दी गई सरकार में मंत्री रहे एक सांसद ने कहा कि लोग अपने जीवन अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं।
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