'मेरे ब्वॉयफ्रेंड ने नींद में एक लड़की का रेप कर दिया, फिर...'
क्या कभी आपने ऐसी बीमारी के बारे में सुना है जिसमें पीड़ित व्यक्ति नींद में सेक्स करने की कोशिश करते हैं.
रात को सोकर तड़के सवेरे वॉक पर जाने वाले लोगों के बारे में आपने सुना होगा. लेकिन क्या कभी उनके बारे में सुना है कि जो रात की नींद में सेक्स करने की कोशिश करते हैं.
बीबीसी के सैली अब्राहम्स कहते हैं कि एक महिला ने इस समस्या के कारण ख़ुद को एक बड़ी मुसीबत में पाया है.
टॉम से सारा की मुलाकात उनके एक दोस्त में घर पर हुई. दोनों में जल्दी ही दोस्ती हो गई. वो अच्छी बातें करता था और उसके हंसी मज़ाक करने का तरीका सारा को उसके भाई की याद दिलाता था.
इसके बाद के सप्ताह में दोनों कई बार डेट पर गए और उन्होंने साथ में वक्त बिताया. कई बार सारा टॉम के फ्लैट में ही रुक गई. कई बार टॉम भी सारा के घर आया और उनके साथ रुका.
दोनों एक दूसरे के बारे में ज़्यादा बातें जानने लगे थे. फिर एक बार जब वो दोनों हमबिस्तर थे कुछ ऐसा हुआ जिससे सारा को बेचैन कर दिया.
आपको भी तो नहीं नींद में खाने और सेक्स की लत?
सेक्स की लत एक तरह की मानसिक विकृति?
टॉम नींद में थे और वो सारा की छाती पर हाथ लगाने लगे. बस कुछ ही देर में वो सारा के ऊपर थे और उनके साथ जबर्दस्ती सेक्स करने की कोशिश करने लगे. सारा के लिए ये बेहद अजीब था. लेकिन उनका रिश्ता शुरूआती दौर में था और सारा ने सोचा कि वो इसके बारे में बात नहीं करेंगी.
वो कहती हैं, "मुझे लगा कि वो शायद थोड़ा ज़्यादा मज़े करने के मूड में है और मैंने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया. लेकिन पीछे मुड़ कर देखती हूं तो लगता है कि बार-बार यही हुआ था."
समय बीतता रहा और सारा और टॉम और भी करीब आते गए. दोनों अब साथ में खाना खाते थे, फ़िल्म देखने जाते थे और लंबे वॉक पर भी जाते थे. दोनों को एक दूसरे के साथ समय बिताना अच्छा लगता था और सारा उस रात हुई घटना को दुर्घटना समझ भूलने लगी थी.
लेकिन फिर एक रात दोनों एक रात साथ में पार्टी में गए. दोनों से शराब पी थी. आधी रात को सारा की नींद टूटी और उन्होंने पाया कि टॉम उनके साथ सेक्स करने की कोशिश कर रहे हैं. सारा ने उस वक्त अंडरवियर पहना हुआ था.
ये दर्द देने वाला था और सरा इससे परेशान हो गईं. अगले दिन उन्होंने टॉंम से कहा कि वो इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकतीं और अने रिश्ते को इसी मोड़ पर ख़त्म करना चहती हैं.
सुबह कुछ भी याद नहीं
लेकिन टॉम का जवाब बेहद चौंकाने वाला था. सारा कहती हैं, "उसने कहा कि उसे नहीं पता कि मैं किस बारे में बात कर रही हूं और वो अपना बचाव कर रहे थे. लेकिन मैं ग़ुस्से में थी क्योंकि रात को इस वाकये के कारण मेरी नींद टूट गई थी और वो अनजान बन रहे थे."
टॉम का कहना था कि उन्हें रात को सारा के साथ सेक्स करने के बारे में कुछ भी याद नहीं है. सारा के साथ जो हुआ वो सुन कर टॉम परेशान हो गए थे. उन्हें चिंता हुई कि उन्होंने सारा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की.
सारा को नहीं पता था कि वो क्या सोचे और क्या नहीं. टॉम की उनके साथ लगभग बलात्कार करने की कोशिश उनके व्यवहार से कहीं अलग ती. आम तौर पर टॉ़म बेहद संवेदनशील, स्नेही और प्यार करने वाले थे.
सारा को याद था कि जब टॉ़म की उनसे पहले मुलाक़ात हुई थी, जब उनके बीच रिश्ता नहीं था, तब टॉ़म ने उन्हें बताया था कि उनकी पूर्व गर्लफ्रेंड कैरन ने उन पर बलात्कार का आरोप लगाया था. इस मामले में उन्हें सात साल की जेल की सज़ा भी हुई थी.
ये घटना उस वक्त हुई थी जब टॉम अपने छोटे बेटे के साथ वक्त बिताने गए थे. उन्होंने और कैरन से साथ में शराब पी और एक फ़िल्म देखी जिसके बाद वो सोने चले गए. टॉम तुरंत सो गए लेकिन करीब 45 मिनट बाद कैरन के चिल्लाने के कारण उनकी नींद टूटी. कैरन टॉ़म पर चिल्ला रहीं थीं, "तुम क्या कर रहे हो. ये तुम नहीं हो सकते. ये तुम नहीं हो. ये तुम नहीं हो."
कैरन से चिल्लाने से टॉम घबरा गए थे, उन्हें कुछ समझ नहीं आया और वो अपना सामान उठा कर करन के फ्लैट से बाहर निकल गए. टॉम का कहना था कि नींद में सोने के बाद से कैरन के चिल्लाने के बीच क्या हुआ उनके बारे में उन्हें कुछ भी याद नहीं है.
सारा को टॉम का व्यवाहर कुछ समझ नहीं आ रहा था. ये उनके साधारण व्यक्तित्व से काफ़ी अलग था और सारा को लगा कि उस वक्त टॉम का व्यवहार शायद वैसा होगा जैसा हाल में उन्होंने अनुभव किया.
टॉम अपनी नींद में कई तरह की हरकतें करते थे. सरा ने उन बातों पर गौर करना शुरु किया. सारा बताती हैं कि पहली बार जब टॉम उनके घर पर रुके थे रात को "वो उठे और पेंट पहन कर बोले मैं जा रहा हूं. बिना शर्ट के. उन्हें सुबह इस बारे में कुछ भी याद नहीं था."
सारा ने टॉम से कह कि वो डॉ़क्टर से मुलक़ात करें. उन्हें लंदन के गाय्ज़ एंड सेंट थॉमस हॉ़स्पिटल के स्लीप क्लिनिक को रेफर कर गया. वहां उनके शरीर के कई हिस्सों पर इलेक्ट्रोड लगाए गए और रात को सोने के लिए कहा, ताकि उनके दिमाग़ में हो रही हरकत के बारे में और जानकारी मिले.
डॉक्टरों ने जो पाया उसने टॉम की पूरी ज़िंदगी बदल कर रख दी. टॉम का केस डॉ़क्टर गाय लेच्शज़िनर के पास था जो कन्सलटेंट न्यूरोलॉजिस्ट हैं.
वो कहते हैं, "उनके दिमाग़ की तरंगों को देखने से पता चलता है कि जब वो नींद में होते हैं तो कुछ बेहद अजीब होता है. वो गहरी नींद में होते हैं लेकिन उस वक्त हम उनके दिमाग़ में बड़े और छोटे ब्रेनवेव्स देख सकते हैं जो एक लय से चल रहे होते हैं. ये इस बात की और इशारा करते हैं कि वो अभी सोए नहीं हैं बल्कि जागे हुए हैं."
टॉम की जांच, सारा ने टॉम के व्यवहार के बारे में जो बताया और टॉम की नींद में चलने का आदत देखने के बाद लेच्शज़िनर इस नतीजे पर पहुंचे कि टॉ़म को नींद से जुड़ी एक अजीब बीमारी है जिसे सेक्सोमेनिया है.
सेक्सोमेनिया का संबंध नींद में चलने से ले कर रात में डर जाने तक से हो सकता है- जब व्यक्ति नींद में डरावने लक्षण दिखाते हैं हालांकि उस वक्त वो नींद के सपना देखने वाले फ़ेज़ में नहीं होते. येल विश्वविद्यालय के फ्रोफ़ेसर मीर क्राइगर कहते हैं, "सभी तरह के स्लीप डिज़ऑर्डर को पारासोमनिया कहते हैं और ये रात के पहले हिस्से में ही दिखाई देते हैं जब व्यक्ति गहरी नींद में होता है."
वो कहते हैं, "ऐसा लगता है कि नींद में चलने वाला व्यक्ति जागा हुआ है लेकिन असल में ऐसा नहीं होता. और हम ब्रेनवेव्ज़ को देख कर ये बात कह सकते हैं."
गाय लेच्शज़िनर कहते हैं, "ऐसा लगता है कि दिमाग़ के वो हिस्से जो आंखों, शरीर की हरकत और भावनाओं को क़ाबू करते हैं जागे हुए हैं. लेकिन दिमाग़ के वो हिस्से जो याददाश्त से जुड़े हैं, फ़ैसला लेने से जुड़े हैं या फिर सही-ग़लत के बारे में सोच सकने से जुड़े हैं को गहरी नींद में सोए हैं. इस तरह की बीमारी से जूझने वाले लोग नींद में बात कर सकते हैं, चल सकते हैं, खाना खा सकते हैं, खाना बना सकते हैं और सेक्स भी कर सकते हैं. और जागने के बाद इन्हें कुछ याद भी नहीं रहेगा."
क़ानून से मिलेगी मदद?
तो क्या टॉम की इस सेक्ससोमेनिया की बीमारी का असर उन पर लगे आरोपों पर होगा?
लेच्शज़िनर कहते हैं, "जिस रात ये घटना हुई उस रात सोते वक्त अगर उनके शरीर पर इल्क्ट्रोड्स ना लगाए जाएं तो ये जान पाना मुश्किल है. ये कहना बेहद मुश्किल है कि टॉम पर लगे आरोप का कारण उनकी नींद की बीमारी है या कुछ और."
बीते कुछ सालों में अदालत में कई ऐसे मामले आए हैं जो गहरी नींद के दौरान होने वाली घटनाओं से संबंधित हैं. इनमें से कई सेक्सोमेनिया से संबंधित हैं. ऐसे मामलों में आरोपी को दोषमुक्त बताया गया है.
लेकिन कानून को इसल बारे में फ़ैसला लेना होगा कि घटना के पीछे किसी की विकृत मानसिकता थी या वो बिना ख़ुद की जानकारी के नींद में ही काम कर रहा था.
येल विश्वविद्यालय के फ्रोफ़ेसर मीर क्राइगर कहते हैं, "टोरंटो में एक वाकया हुआ था जिसका काफ़ी चर्चा हुई थी. एक व्यक्ति कार में बैठा, गाड़ी चला कर काफ़ी दूर तक गया और उन्होंने अपनी सास की हत्या की और ससुर के साथ बदसलूकी की. इस मामले में ज्यूरी ने कहा कि ये व्यक्ति नींद में चल रहा था और जो हुआ अनजाने में हुआ."
"ऐरीज़ोना में कुछ साल पहले हुए ऐसा ही एक और मामला सामने आया था जिसमें एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी. मामला अदालत में पहुंचा तो उन्होंने कहा कि वो नींद में चल रहे थे लेकिन अदालत ने उनकी दलील को अनसुना कर उन्हें सज़ा सुनाई."
लंदन के किंग्स कॉलेज में न्यूरोसाईकिएट्री के प्रोफ़ेसर माइक कोपेलमैन कहते हैं कि जो इन मामलों में कथित तौर पर दोषी होते हैं वो कभी अपने घटना के दौरान अपने ब्रेनवेव्ज़ की जांच नहीं करवा रहे होते, तो ऐसे में ये कहना बेहद मुश्किल है कि घटना को अंजाम देते वक्त वो असल में सो रहे थे या नहीं.
वो कहते हैं, "अगर आपको इस तरह के मामलों में जानबूझ कर घटना को अंजाम देने के सबूत मिलते हैं या आप घटना के पीछे की वजह तक पहुंच पाते हैं, तो इस बात की संभावनाएं ख़त्म हो जाती हैं कि इसे अनजाने में किया गया अपराध कहा जाएगा."
"लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो आप निर्दोष साबित हो सकते हैं."
"जस व्यक्ति पर आरोप लगा है उसके पुराना व्यवहार देखा जान चाहिए कि क्या उन्हें नींद में चलने या फिर कोई और बीमारी है. ये भी देखा जाना चाहिए कि उस वक्त क्या हालात थे और नींद के दौरान उनकी जांच की जान चाहिए. इससे सीधे तौर पर तो कोई सबूत नहीं मिलता लेकिन इससे कोरोबोरेटिव एविडेंस यानी ऐसे सबूत ज़रूर मिलते हैं जो मामले पर और रोशनी डाल सकें."
इलाज का असर
सारा कहती हैं कि सेक्सोमेनिया के लिए हुई टॉम की जांच के कारण उनमें काफी बड़ा बदलाव आया. उन्हें हमेशा से लगता था कि उन पर बलात्कार का जो आरोप लगा है वो झूठा है.
वो कहती हैं, "उनके लिए इस बात को समझना आसान नहीं कि उन्होंने रात को कुछ ग़लत काम कर दिया है और उसके बारे में सुबह उन्हें कुछ भी याद नहीं क्योंकि उन्हें अपराधबोध होता है. एसा नहीं कि उन्होंने ग़लत ही किया हे, लेकिन फिर उन्हें कुछ भी याद नहीं रहता."
इस तरह की बीमारी का कोई इलाज नहीं है लेकिन इससे बचाव के तरीके हैं. इन तरीकों में रात को सोते वक्त कपड़े पहन कर सोना, किसी के साथ उसे छू कर ना सोना भी शामिल हैं. तनाव, शराब और नींद की कमी या फिर किसी अनजान माहौल में सोने से भी ये बीमारी बढ़ सकती है.
इन बातों का ख्याल रखने के कारण टॉम में काफ़ी परिवर्तन आया है. जांच कराने से पहले उन्हें हर दूसरे या तीसरे महीने सेक्सोमेनिया होता था.
"मैं पूरे भरोसे के साथ कह सकती हूं कि सेकसोमेनिया के लक्षण अब काफी हद तक क़ाबू में आ गए हैं. बीते दो-तीन सालों में ऐसा कुछ नहीं हुआ है."
(पहचान छिपाने के लिए लोगों ने नाम बदल दिए गए हैं.)