
अमेरिका के इस कानून के खलाफ खड़े हुए मार्क जुकरबर्ग, फेसबुक ने बाइडेन प्रशासन को धमकाया

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सोशल मीडिया और सरकारों के बीच टकराव अब अगले चरण में पहुंच चुका है। इसकी बानगी सोमवार को तब दिखी जब सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पैरेंट कंपनी मेटा ने अमेरिकी सरकार को चेतावनी दे डाली। मेटा ने अमेरिकी कांग्रेस को यह साफ कह दिया कि यदि अमेरिकी सरकार संसद में समाचार कंपनियों के हित में बिल लाती है तो वह अपने प्लेटफॉर्म से न्यूज से जुड़ी खबरों को पूरी तरह से हटा देगी। मेटा इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में ऐसा कर चुकी है।

अमेरिकी सरकार संसद में ला रही बिल
दरअसल अमेरिकी सरकार संसद में जर्नलिज्म कॉम्पिटिशन एंड प्रिजर्वेशन एक्ट पास करने की तैयारी कर रही है जिसके विरोध में मेटा खुलकर आ चुकी है। मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक ने कहा है कि अगर अमेरिकी कांग्रेस इस बिल को पास करती है तो वह अपने प्लेटफॉर्म से खबरों को पूरी तरह से हटाने के लिए मजबूर हो जाएगा। कंपनी का कहना है कि इस कानून से ब्रॉडकास्टर्स को अपनी सामग्री पोस्ट करने से फायदा होगा।

गूगल-मेटा न्यूज ऑर्गनाइजेशन को नहीं देती फायदा
बता दें कि गूगल-फेसबुक जैसी कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर न्यूज ऑर्गेनाइजेशन के कंटेंट का यूज तो करती हैं‚ लेकिन इन कंपनियों की ओर से इसका सही तरीके से रेवेन्यू शेयर नहीं किया जाता है। सूत्रों ने इस मामले में जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिकी सांसद देश में संघर्षरत स्थानीय समाचार उद्योग की मदद करने के लिए और इस बिल को लाना चाहते हैं। यह बिल पारित हुआ तो इससे समाचार कंपनियों के लिए मेटा और अल्फाबेट इंक जैसे इंटरनेट दिग्गजों के साथ सामूहिक रूप से बातचीत करने को आसान हो जाएगा।

मेटा ने जताई नाराजगी
लेकिन सोशल मीडिया कंपनी मेटा इससे बिल्कुल भी सहमत नहीं दिख रही है। मेटा के प्रवक्ता डी स्टोन ने एक ट्वीट में कहा कि अगर कानून पारित किया गया तो कंपनी समाचार को हटाने पर विचार करने के लिए मजबूर हो जाएगी। एंडी स्टोन ने कहा कि यह अधिनियम यह पहचानने में विफल है कि पब्लिशर और ब्रॉडकास्टर मंच पर सामग्री डालते हैं क्योंकि इससे उन्हें ही लाभ पहुंचता है। इससे न्यूज कंपनियों की खबरों का प्रसार होता है और उनके सबस्क्राइबर्स बढ़ते हैं।

अमेरिका का समाचार पत्र बन जाएगा सोशल मीडिया!
वहीं, समाचार मीडिया एलायंस, समाचार पत्र प्रकाशकों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक व्यापार समूह ने अमेरिकी कांग्रेस से बिल को रक्षा बिल में जोड़ने का आग्रह किया है। ग्रुप का यह तर्क है कि लोकल समाचारपत्र अब इन बड़ी टेक कंपनियों को अधिक समय तक सहन नहीं कर सकते हैं। अगर सरकार ने जल्द कोई एक्शन नहीं लिया तो जल्द ही ये सोशल मीडिया, अमेरिका का वास्तविक समाचार पत्र बन जाएगा। जिसकी विश्वसनीयता शून्य होगी।

ऑस्ट्रेलिया में मेटा ने सरकार से ली टक्कर
एक सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी तरह का एक ऑस्ट्रेलियाई कानून, जो मार्च 2021 में आया था, ने बड़ी टेक फर्मों के साथ बातचीत को आसान बनाया था। हालांकि इसके बाद मेटा ने अपने फेसबुक न्यूज फीड को वहां बंद कर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब से न्यूज मीडिया बार्गेनिंग कोड प्रभावी हुआ है, मेटा और अल्फाबेट सहित विभिन्न तकनीकी फर्मों ने मीडिया आउटलेट्स के साथ 30 से अधिक सौदे किए हैं, जिससे उन्हें क्लिक और विज्ञापन डॉलर उत्पन्न करने वाली सामग्री के लिए मुआवजा मिला है।
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