इजरायल की जांच करेगा संयुक्त राष्ट्र, भड़के इजरायल ने पाकिस्तान को जमकर फटकारा, बताया पाखंडी देश
मानवाधिकर के मुद्दे पर इजरायल ने पाकिस्तान को जमकर फटकारा है वहीं संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के खिलाफ जांच का प्रस्ताव पारित हो गया है।
नई दिल्ली, मई 28: फिलिस्तीन-इजरायल तनाव के बीच अगर दुनिया के किसी भी देश ने सबसे ज्यादा बयान दिया तो वो पाकिस्तान और तुर्की था। पाकिस्तान ने अभी तक इजरायल को देश नहीं माना है लेकिन इजरायल और यहूदियों को लेकर पाकिस्तान में भारी विरोध प्रदर्शन किया गया। पाकिस्तानी संसद के अंदर इजरायल के खिलाफ जिहाद तक छेड़ने की बात की गई। वहीं, पाकिस्तानी प्रधानमत्री इमरान खान ने इजरायल की आलोचना करते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे। जिसके बाद अब इजरायल ने पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है और पाकिस्तान को एक नंबर का पाखंडी देश करार दिया है।
पाकिस्तान को फटकार
फिलिस्तीनियों के मानवाधिकार के मुद्दे को लेकर इजरायल पर आलोचना की झड़ी लगाने वाले पाकिस्तान पर इजरायल भड़क गया है। दरअसल, पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इजरायल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी वहीं पाकिस्तान संसद के अंदर कई सांसदों ने इजरायल पर परमाणु हमला तक करने की धमकी दी थी, जिसके बाद इजरायल ने मानवाधिकार के मुद्दे पर ही पाकिस्तान को आईने के सामने खड़ा कर दिया है। इजरायल ने पाकिस्तान पर पलटवार करते हुए मानवाधिकार का रिपोर्ट दिखाते हुए पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है। इजरायली विदेश मंत्रालय के महानिदेशक अलोन उशपिजो ने कहा कि 'मानवाधिकार चैंपियन पाकिस्तान असलियत में शीशे के घर में रहता है और वो मध्य-पूर्व देश में एकमात्र लोकतांत्रिक देश इजरायल को उपदेश दे रहा है। ये सब एक पाखंड है'।
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इजरायल ने दिखाया आईना
इजरायली विदेश मंत्रालय ने उस अमेरिकन रिपोर्ट का जिक्र करते हुए पाकिस्तान को फटकार लगाई है, जिसमें पाकिस्तान में लोगों के मानवाधिकार को बुरी तरह से कुचलने की बात की गई है। दरअसल, इससे पहले संयुक्त राष्ट्र संघ की एक बैठक में भी पाकिस्तान ने इजरायल को घेरने की कोशिश की थी, और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने फिलिस्तीन का पक्ष लेते हुए इजरायल पर जमकर जुबानी हमला बोला था। जिसके बाद इजरायल विदेश मंत्रालय के महानिदेशक अलोन उसपिजो ने वाकिस्तानी विदेश मंत्री के संबोधन का हवाला देते हुए पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है।
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इजरायल के खिलाफ पाकिस्तान
दरअसल, गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद को वर्चुअली संबोधित किया था और कहा था कि 'फिलिस्तीन के नागरिकों ने एक बार फिर से क्रूर हमले का सामना किया है। इन दो हफ्तों में इजरायल ने फिलिस्तीन में जमकर हिंसा की है और इजरायली कार्रवाई का पाकिस्तान निंदा करता है'। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने इजरायल को घेरने के लिए मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रियों से बात की। वहीं, तुर्की के साथ मिलकर पाकिस्तान ने इजरायल के खिलाफ नया फ्रंट बनाने की भी कोशिश की है। और इसी बात से गुस्साए इजरायल ने पाकिस्तान को मानवाधिकार के मुद्दे पर आईना दिखाया है। इजरायली विदेश मंत्रालय के महानिदेश ने जिस अमेरिकी रिपोर्ट को शेयर किया है, उसमें पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति से लेकर बलोचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन की बात की गई है।
पाकिस्तान में मानवाधिकर की स्थिति खराब
अमेरिकी रिपोर्ट में पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर चिंता जताई गई है। अमेरिका के इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में रहने वाले लोगों पर सेना जुल्म करती है और इमरान खान के सत्ता में आने के बाद भी पाकिस्तान में ना ही अल्पसंख्यकों की स्थिति में कोई बदलाव आई है और ना ही पाकिस्तान के कई इलाकों में सेना द्वारा अत्याचार के मामलों में कमी आई है।
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इजरायल के खिलाफ मतदान
आपको बता दें कि यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में मतदान के दौरान पाकिस्तान ने इजरायल के खिलाफ मतदान किया है। पाकिस्तान उन 24 देशों में शामिल है, जिसने इजरायल के खिलाफ मतदान किया है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के खिलाफ प्रस्ताव पारित होने के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में इस्लामिक सहयोग संगठन की तरफ से प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें कब्जे वाली फिलिस्तीनी इलाके और पूर्वी येरूशलम में मानवाधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए प्रस्ताव रखा गया था। प्रस्ताव के पारित होने का पाकिस्तान स्वागत करता है।'
इजरायल के खिलाफ जांच
वहीं, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकर परिषद ने गाजा और वेस्ट बैंक में इजरायली हमले की जांच करने का फैसला किया है। जिसके तहत सालों से मध्य-पूर्व में जारी हिंसा, संघर्ष और मानवाधिकार उल्लंघन और उनके मूल कारणों की जांच की जाएगी। इजरायल के खिलाफ ये प्रस्ताव पास किया गया है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र परिषद के 47 देशों में से 24 देश में इजरायल के खिलाफ मतदान किया है। 9 देशों ने इजरायल के खिलाफ मतदान किया है, वहीं 14 सदस्य देश मतदान की प्रक्रिया से बाहर रहे। भारत ने भी इस मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया।
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