दोस्ती का नया अध्याय: इजरायल ने UAE में खोला दूतावास, ट्रंप ने रखी थी दोस्ती की बुनियाद
इजरायल ने UAE की राजधानी अबूधाबी में अपना दूतावास खोल लिया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच की दोस्ती की बुनियाद रखी थी।
Israel in USA: जेरूसलम: खाड़ी देशों (Middle east) के लिए अब तक अछूत रहे इजरायल ने UAE की राजधानी अबूधाबी में दूतावास खोलने का सार्वजनिक एलान कर दिया है। पिछले साल सिबंतर में UAE ने इजरायल को बतौर देश मान्यता दी थी। जिसमें दोनों ने एक दूसरे के साथ राजनयिक संबंधों को स्थापित करने का करार किया था। इजरायल का UAE में दूतावास खोलना दुनिया के लिए बड़ी खबर इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि अब तक मुस्लिम देशों ने इजरायल को बतौर देश मान्यता ही नहीं दी थी।
इजरायल के विदेश मंत्री ने गबी अशोकनजी ने UAE में दूतावास खोलने का एलान करते हुए कहा कि 'यूएई में दूतावास खोलने के बाद दोनों देशों के संबंध में और विस्तार आएगा। दोनों देशों के बीच पिछले साल सितंबर से ही फ्लाइटों का संचालन हो रहा है। दोनों देशों के बीच कई व्यापारिक समझौते हो चुके हैं, और हम आगे भी कई समझौते करने वाले हैं। हजारों इजरायली यात्री भी पर्यटन के लिए UAE आ रहे हैं'
कई और मुस्लिम देश देंगे मान्यता
अब तक मुस्लिम देशों के लिए इजरायल पूरी तरह से अछूत बना हुआ था। इजरायल की बात करना भी मुस्लिम देशों के लिए गुनाह माना जाता था। मगर, UAE और इजरायल में हुई दोस्ती के बाद अब माना जा रहा है कि कई और मुस्लिम देश इजरायल को मान्यता दे सकते हैं। इजरायल के विदेश मंत्री के मुताबिक फिलहाल यूएई की राजधारी अबूधाबी में एक अस्थायी जगह पर दूतावास खोला गया है। बाद में स्थायी दूतावास का निर्माण किया जाएगा। दरअसल, मुस्लिम देशों को अब लगने लगा है कि अमेरिका से अच्छे संबंध का रास्ता ना सिर्फ इजरायल से होते हुए जाता है बल्कि इजरायल से दोस्ती करने के बाद ही उन्हें कम कीमत पर उन्नत टेक्नोलॉजी मिलेंगे। जिससे उनके लिए तरक्की का रास्ता खुलेगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने करवाई थी दोस्ती
इजरायल और UAE को साथ लाने में सबसे बड़ी भूमिका अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने निभाई थी। पिछले साथ डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और यूएई के बीच एग्रीमेंट साइन होने की बात कहकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था। डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल कहा था कि UAE और बहरीन ने इजरायल को बतौर देश मान्यता देने का फैसला किया है। डोनाल्ड ट्रंप ने हजारों लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा था, 'दशकों के विभाजन और संघर्ष के बाद मिडिल इस्ट में नये सूरज का उदय हुआ है, इजरायल और UAE का एक साथ एक टेबल पर आना एतिहासिक है'। वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यूएई से हुई दोस्ती के बाद कहा था 'आज का दिन एतिहासिक है और दुनिया के लिए आज का दिन शांति की सुबह है''
पिछले साल हुआ था 'अब्राहम समझौता'
एक वक्त था जब इजरायल मुस्लिम देशो की आंखों की किरकिरी हुआ करता था मगर पिछले साल इजरायल UAE से लिए आंखों का सितारा बन गया। फिलिस्तीन वो वजह है, जिसने मुस्लिम देशों को इजरायल से दूर रखा था। मिस्र और जॉर्डन के बाद UAE इजरायल से दोस्ती करने वाला चौथा अरब देश और पहला गल्फ देश है। पिछले साल 15 सितंबर को हुए 'अब्राहम समझौता' के तहत दोनों देशों ने एक दूसरे को संप्रभुता को मान्यता देने, दूतावास खोलने, वीजा समझाता करने समेत कई करार किए थे। जिसे अब पूरा किया जा रहा है।
इजरायल से दोस्ती करने का UAE को सबसे बड़ा फायदा हथियारों को लेकर होगा। इजरायल से रिश्ते सुधारने के बाद UAE को अमेरिकी हथियारों तक पहुंच मिल सकती है। इसके साथ ही इजरायल टेक्नोलॉजी को लेकर काफी ज्यादा आगे है और वहां भी UAE को मदद मिल सकती है। वहीं, इजरायल के लिए सबसे बड़ा फायदा ये है कि आखिरकार उसे मुस्लिम देशों ने स्वीकारना शुरू कर दिया है। इजरायल को उम्मीद है कि UAE के बाद दूसरे मिडिल ईस्ट के देश भी इसे मान्यता देंगे। ऐसे में फलिस्तीन के खिलाफ वो और ज्यादा मजबूत होकर आगे आएगा।