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ये अंधा कानून है! सगी बेटी ने मां को फांसी के फंदे पर लटकाया, इस गुनाह के लिए रहम करने से इनकार

ईरान में सगी बेटी ने खुद अपनी मां को फांसी पर लटकाया, बेटी ने मां को माफ करने से किया इनकार।

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तेहरान: महात्मा गांधी ने कहा था कि अगर दुनिया में आंख के बदले आंख लेने की प्रथा बन जाए तो एक दिन पूरी दुनिया अंधी बन जाएगी। लेकिन, ईरानी कानून के मुताबिक किसी भी गुनहगार को उसके गुनाह के बराबर सजा दिए जाने का प्रावधान है, भले ही उस गुनहगार ने किसी भी परिस्थिति में गुनाह को अंजाम क्यों ना दिया हो। और इसी कानून की वजह से एक बेटी ने अपनी सगी मां को मौत की सूली पर चढ़ा दिया।

मां को फांसी पर लटकाया

मां को फांसी पर लटकाया

ये ईरान का कानून है और इसी का कानून के तहत एक बेटी ने अपनी मां को फांसी पर लटका दिया। मां का नाम मरयम करीमी था, जिसे फांसी पर लटकाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक महिला को ईरान के उत्तरी इलाके में स्थित राश्ट सेन्ट्रल जेल में फांसी की सजा दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, बेटी को तय करना था कि उसकी मां को फांसी की सजा मिले या नहीं मिले। लेकिन, बेटी ने मां को माफी देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद महिला को फांसी पर लटका दिया गया। इसके साथ ही बेटी ने ब्लड मनी यानि हर्जाने के तौर पर दी जाने वाली राशि को भी लेने से इनकार कर दिया।

पति की हत्या का आरोप

पति की हत्या का आरोप

रिपोर्ट के मुताबिक मरियम करीमी नाम की महिला पर अपने पति की हत्या का आरोप था। कहा जा रहा है कि महिला मरियम करीमी को उसका पति हद से ज्यादा परेशान करता था इसीलिए उसने पति की हत्या कर दी। रिपोर्ट में ये भी कहा जा रहा है कि महिला का पिता यानि इब्राहिम अपनी बेटी को तलाक दिलवाना चाहता था लेकिन महिला के पति ने तलाक देने से इनकार कर दिया, जिससे गुस्सा होकर इब्राहिम ने अपने दामाद की हत्या कर दी, जिसका इल्जाम महिला पर लग गया था। हालांकि, इस बात की जानकारी नहीं है कि इब्राहिम को इस गुनाह के लिए सजा क्यों नहीं मिली। रिपोर्ट के मुताबिक महिला को 13 मार्च को फांसी के फंदे पर लटकाया गया है।

ईरान में ये कैसा कानून

ईरान में ये कैसा कानून

ईरानी कानून के तहत आंख के बदले आंख लेने वाला कानून है। और इसी वजह से महिला को फांसी के फंदे पर लटकाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक महिला की बेटी से आखिरी बार पूछा गया था कि क्या वो अपनी मां को अपने पिता के कत्ल के लिए माफी देना चाहती है, लेकिन बेटी ने अपनी मां को माफ करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद मरियम को सजा-ए-मौत दे दी गई। ईरान में 'किसास' नाम के कानून के तहत जो शख्स जो गुनाह करता है उसे वही सजा देने का प्रावधान है। ईरान में निर्मम हत्या या फिर सामान्य हत्या के बीच कोई फर्क नहीं समझा जाता है। इसके साथ ही हत्या के पीछे की वजह को भी अकसर दरकिनार किया जाता है। लिहाजा, ईरान में फांसी की सजा अकसर लोगों को मिलती रहती है।

नाबालिगों को भी फांसी

नाबालिगों को भी फांसी

कई बार पीड़त परिवार आरोपी को माफ भी कर देता है, जिसकी वजह से आरोपी को बरी भी कर दिया जाता है। ईरानी कानून के मुताबिक, पीड़ित परिवार ही सजा देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ईरानी कानून के तहत नाबालिगों को भी फांसी की सजा देने का प्रावधान है। और यहां 15 साल की उम्र से ऊपर के लोगों को फांसी दे दी जाती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में 2019 से अब तक 4 बच्चों को फांसी की सजा दी गई है वहीं सिर्फ इसी साल अब तक 221 लोगों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया है।

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English summary
In Iran, a Daughter refuse to forgive her mother and executed for her father.
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