क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ईरान ने भारत के लिए खोला अफगानिस्तान का दरवाजा, जानिए कैसे हाथ मलता रह गया पाकिस्तान?

ईरान के दक्षिण पूर्वी भाग में सिस्ताम-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार पोर्ट रणनीतिक तौर पर भारत के लिए बेहद अहम है और इसके जरिए भारत को ईरान, अफगानिस्तान सहित पूरे मध्य एशिया, रूस और यूरोप का रास्ता मिल जाता है।

Google Oneindia News

तेहरान/नई दिल्ली, जनवरी 10: ईरान और भारत के बेहतरीन रिश्ते रहे हैं, ये तो जगजाहिर है, लेकिन ईरान ने अफगानिस्तान को लेकर भारत को एक ऐसा ऑफर दिया है, कि पाकिस्तान का खेल ही खत्म हो गया है। ईरान ने गंभीर मानवीय संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान को गेहूं, दवाओं और कोरोनावायरस के टीकों के परिवहन में भारत की सहायता करने की पेशकश की है। ईरान का ये कदम भारत के लिए बहुत बड़ा ऑफर है और पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है।

भारत को बहुत बड़ा ऑफर

भारत को बहुत बड़ा ऑफर

ईरानी विदेश मंत्रालय ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से हुई टेलीफोन पर बातचीत के बाद भारत को ये बहुत बड़ा ऑफर दिया है और बकायदा ट्वीट करते हुए कहा ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने यह पेशकश की है। भारतीय विदेश मंत्री के साथ बातचीत में ईरानी विदेश मंत्री अमीर-अब्दुल्लाहियन ने काबुल में एक समावेशी सरकार के गठन का भी आह्वान किया है। लेकिन, ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, अफगानिस्तान की मदद के लिए भारत ईरान के चाबहार बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकता है, जो भारत के लिए एक बहुत बड़ा ऑफर है और अब तक भारत को अफगानिस्तान की मदद से रोकने वाले पाकिस्तान की परमानेंट छुट्टी हो गई है।

चाबहार बंदरगाह का भारत करे इस्तेमाल

चाबहार बंदरगाह का भारत करे इस्तेमाल

ईरान के विदेश मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात करने के बाद अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने अफगानिस्तान को भारत की मानवीय सहायता का भी उल्लेख किया है और भारत की सहायता को अफगानिस्तान तक पहुंचाने के लिए चाहबार बंदरगाह के इस्तेमाल करने का ऑफर दिया है। उन्होंने कहा कि, अफगानिस्तान में गेहूं, दवा और कोविड -19 वैक्सीन के रूप में स्थानांतरित करने के लिए इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान भारत की मदद करेगा। आपको बता दें कि, ईरान और अफगानिस्तान करीब 920 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं और तालिबान के साथ ईरान के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे है।

अफगानिस्तान की मदद करता भारत

अफगानिस्तान की मदद करता भारत

भारत पहले ही जीवन रक्षक दवाओं और कोविड-19 के टीकों की तीन अलग-अलग खेप अफगानिस्तान भेज चुका है। जबकि पहली खेप एक विशेष चार्टर उड़ान पर भेजी गई थी, जो काबुल से 104 लोगों को नई दिल्ली लेकर आई थी, बाद में ईरान की 'महान एयर' की उड़ान के माध्यम से काबुल को सहायता भेजी गई थी। हालांकि, पाकिस्तान के अड़ंगे की वजह से अभी तक भारत 50 हजार टन गेहूं की आपूर्ति अफगानिस्तान को नहीं कर पाया है, क्योंकि, पाकिस्तान ने भारतीय ट्रकों को पाकिस्तान होकर गुजरने की इजाजत नहीं दी है और अंतर्राष्ट्रीय दवाब में जब इमरान खान ने हामी भरी भी थी, तो इतने नियम लगा दिए गये थे, कि भारत के लिए अफगानिस्तान तक मदद पहुंचाना नामुमकिन हो गया था। असल में पाकिस्तान का मकसद सिर्फ एक था, भारत को अफगानिस्तान से दूर रखना, लेकिन ईरान ने पाकिस्तान के हर किए धरे पर पानी फेर दी है।

ईरान की तरफ से ही दिया गया ऑफर

ईरान की तरफ से ही दिया गया ऑफर

ईरानी और भारतीय विदेश मंत्रियों की टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद जब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने ट्वीट की, तो भारत की तरफ से चाबहार पोर्ट का जिक्र नहीं किया गया और अफगानिस्तान का जिक्र भी अलग मायनो में किया गया था, लेकिन जब ईरानी विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, तो उन्होंने बकायदा इस बात का उल्लेख करते हुए कहा कि, ''भारत ईरान के चाबहार बंदगहार का उपयोग कर अफगानिस्तान तक मानवीय मदद पहुंचा सकता है''। लिहाजा, ईरान ने एक ही चाल में अंतर्राष्ट्रीय समुदय के बीच ना सिर्फ पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी है, बल्कि भारत को चाबहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान को सहायता भेजने का विकल्प भी दे दिया है।

कितना महत्वपूर्ण है चाबहार पोर्ट?

कितना महत्वपूर्ण है चाबहार पोर्ट?

ईरान के दक्षिण पूर्वी भाग में सिस्ताम-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार पोर्ट रणनीतिक तौर पर भारत के लिए बेहद अहम है और इसके जरिए भारत को ईरान, अफगानिस्तान सहित पूरे मध्य एशिया, रूस और यूरोप से भी व्यापार करने के लिए रास्ता मिल जाता है। अरब सागर में स्थित इस बंदरगाह के जरिए भारत-ईरान-अफगानिस्तान के बीच नये रणनीतिक ट्रांजिट मार्ग की शुरूआत हो जाती है और इस रास्ते का निर्माण होने के बाद अब तीनों देशों का व्यापार काफी मजबूत हो सकता है। इस पोर्ट के निर्माण के साथ ही भारत के लिए अफगानिस्तान तक पहुंचना भी बेहद आसान हो जाता है। अभी तक अफगानिस्तान तक सामान भेजने या फिर मंगवाने के लिए भारत को पाकिस्तान के रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ता था लेकिन अब पाकिस्तान हमेशा के लिए पीछे छूट गया है।

ईरान के साथ संपर्क में था भारत

ईरान के साथ संपर्क में था भारत

15 अगस्त को तालिबान के कब्जे में आने के बाद से अफगानिस्तान के घटनाक्रम को लेकर भारत ईरान के संपर्क में लगातार रहा है। ईरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दो महीने पहले अफगान संकट पर भारत द्वारा आयोजित एक क्षेत्रीय सम्मेलन में भी भाग लिया था। कॉन्क्लेव में रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने भी भाग लिया था। वहीं, ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि, ईरानी विदेश मंत्री आमिर-अब्दुल्लाहियन ने प्रमुख द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एस. जयशंकर के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया।

पाकिस्तान कैसे अड़ाता था अड़ंगा?

पाकिस्तान कैसे अड़ाता था अड़ंगा?

दरअसल, पाकिस्तान किसी भी हाल में नहीं चाहता है कि, अफगानिस्तान तक भारत पहुंच पाए। क्योंकि, अफगानिस्तान की सरकार भले पाकिस्तान समर्थित है, लेकिन अफगानिस्तान की जनता भारत के साथ है। लिहाजा, जैसे ही भारत अफगानिस्तान तक मदद पहुंचाने की कोशिश करता था, पाकिस्तान अलग अलग तरह से अड़चने पैदा करने में लग जाता था। अफगानिस्तान तक मदद भेजने के लिए भारत के लिए आसान तरीका पाकिस्तान ही है और इसी का फायदा उठाने की कोशिश पाकिस्तान करता रहा है। पाकिस्तान ने पहले कहा था कि, भारतीय गेहूं को अफगानिस्तान तक भेजने के लिए पाकिस्तानी ट्रकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसपर पाकिस्तानी झंडा लगा होगा, जिसे भारत ने स्वीकार भी कर लिया। लेकिन, दांव उल्टा पड़ता देख पाकिस्तान ने बयान बदल लिया और कहा कि, अफगानिस्तान की ट्रकों से ही भारतीय गेहूं को अफगानिस्तान तक पहुंचाया जाएगा। जो फिलहाल संभव नहीं है। भारत ने पाकिस्तान का विरोध करते हुए कहा था कि, मानवीय मदद के लिए किसी भी तरह की शर्तें नहीं होनी चाहिए।

आखिर जेल में क्यों बंद थीं सऊदी की विद्रोही शहजादी बास्मा? शाही परिवार क्यों करता है बेटी से 'नफरत'?आखिर जेल में क्यों बंद थीं सऊदी की विद्रोही शहजादी बास्मा? शाही परिवार क्यों करता है बेटी से 'नफरत'?

Comments
English summary
Iran has dealt a big blow to Pakistan by opening the door for India in Afghanistan.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X