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नहीं टूटेगी दोस्ती! रूस ने दुनिया की सबसे खतरनाक पनडुब्बी भारत को सौंपी, टेंशन में चीन-पाकिस्तान

भारत और रूस के बीच अकुला-1 न्यूक्लियर पनडुब्बी का करार किया गया है। भारत सरकार ने 10 सालों के लिए ये पनडुब्बी रूस से लिया है।

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नई दिल्ली/मास्को: पिछले कुछ सालों से भारत और रूस की दोस्ती में दरार आने की बात कही जा रही थी लेकिन कहते हैं ना दोस्त आखिरकार दोस्त ही होते हैं, रूस ने फिर साबित कर दिया कि वो भारत का सच्चा दोस्त है। रूस ने दुनिया की सबसे खतरनाक पनडुब्बी भारत के हाथों में सौंप दी है। दुनिया की सबसे खतरनाक पनडुब्बी अकुला-1 का करार हो चुका है। रूस ने भारत के साथ पनडुब्बी का करार उस वक्त किया है जब चीन के साथ भारत का तनाव चल रहा है और पाकिस्तान के साथ तो पक्की दुश्मनी ही है।

न्यूक्लियर पनडुब्बी अकुला-1 का करार

न्यूक्लियर पनडुब्बी अकुला-1 का करार

भारत और रूस के बीच 11 मार्च को 3 अरब डॉलर क परमाणु पनडुब्बी अकुला-1 का करार 10 सालों के लिए फाइनल किया गया है। भारत और रूस के बीच करीब 2 सालों की लंबी बातचीत और मोलभाव के बाद ये सौदा तय किया गया है। तय एग्रीमेंट के मुताबिक रूस अकुला-1 क्लास पनडुब्बी जिसे भारत में चक्र-3 के नाम से जाना जाता है, इंडियन नेवी को 2025 में सौंपेगा। भारत और रूस के बीच तीसरा न्यूक्लियर अटैक पनडुब्बी का करार किया गया है। इसे भारत 10 सालों के लिए रूस से लीज पर लेगा। इंडियन नेवी के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक एग्रीमेंट के मुताबिक 10 सालों तक पनडुब्बी चक्र-3 की रखरखाव रूस करेगा। साथ ही उसमें भारतीय कम्यूनिकेश और सेंसर सिस्टम भी लगाया जाएगा। इसके साथ भी पनडुब्बी में लगने वाले पार्ट्स भी रूस ही लगाएगा।

पनडुब्बी एग्रीमेंट में क्या है

पनडुब्बी एग्रीमेंट में क्या है

इस एग्रीमेंट के तहत पनडुब्बी चलाने की ट्रेनिंग और टेक्निकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की ट्रेनिंग भी रूस भारतीय नौ-सैनिकों को देगा। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय कानून के मुताबिक इस पनडुब्बी में लंबी दूरी का न्यूक्लियर हथियार नहीं लगाया जा सकता है लेकिन इस पनडुब्बी से पानी के अंदर रहते हुए जमीन पर किसी टार्गेट को निशाना बनाया जा सकता है वहीं इसमें एंटी शिप मिसाइल और टॉरपीडोज लगे हुए हैं। इंडियन नेवी के पास पहले से ही रूसी न्यूक्लियर पावर हथियार अटैक पऩुब्बी मौजूद है। और इंडियन नेवी के पास इसे ऑपरेशट करने का अनुभव भी है। उस पनडुब्बी को भारत सरकार की तरफ से 2012 में 10 सालों के लिए लीज पर लिया गया था। उस वक्त भारत सरकार ने एक अरब डॉलर का करार किया था। रिपोर्ट के मुताबिक रूस के साथ उस पनडुब्बी का एग्रीमेंट तीन सालों के लिए और बढ़ाने की बात चल रही है। भारत सरकार ने सबसे पहले पहली परमाणु हमले की पनडुब्बी सोवियत संघ से चार्ली पनडुब्बी का एग्रीमेंट किया था। जिसमे भारतीय नौ-सेना की 1988 से 1991 तक सेवा की थी।

भारतीय नौ-सेना की ताकत

भारतीय नौ-सेना की ताकत

भारतीय नौ-सेना विश्व की बड़ी नौ-सेनाओं में से एक मानी जाती है और ये विश्व की महाशक्तियों में शुमार हो चुकी है। भारतीय नेवी के पास इस वक्त स्वदेश में बनाया गया न्यूक्लियर पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत भी है। आईएनएस अरिहंत में न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल फायर करने की क्षमता है। वहीं भारत के पास दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट है। वहीं इंडियन नेवी के लिए 2 और पनडुब्बियों का निर्माण चल रहा है। गले कुछ महीनों के दौरान इंडियन नेवी कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस और क्वाड देशों के साथ युद्धाभ्यास शामिल है।

सबसे पहले भारत-संयुक्त अरब अमीरात और फ्रांस, तीनों देश फारस की खाड़ी में संयुक्त युद्धाभ्यास में भाग लेंगे। फारस की खाड़ी में कदम बढ़ाना भारत की सबसे बड़ी कूटनीतिक जीतों में से एक है। क्योंकि, इस रास्ते के जरिए भारत अब व्यापार शुरू करने वाला है साथ ही इस रास्ते पर आने से पाकिस्तान नेवी को पूरी तरह से ब्लॉक किया जा सकता है। इंडिनय नेवी 'वरूणा' बैनर के तले पारस की खाड़ी में युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने जा रही है। साथ ही ये पहली बार है जब इंडियन नेवी के साथ युद्धाभ्यास में संयुक्त अरब अमीरात शामिल हो रहा है और पाकिस्तान के लिए ये सबसे बड़ा झटका है। फ्रांस का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप एयरक्राफ्ट कैरियर चार्ल्स दे गुएला के नेतृत्व में आगे बढ़ेगा तो भारत का इंडियन कोलकाता विध्वंशक जहाज फारस की खाड़ी में होने वाली युद्धाभ्यास में हिस्सा लेगी।

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English summary
India and Russia have signed an agreement for the Akula-1 nuclear submarine. The Indian government has taken this submarine from Russia for 10 years.
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