भारत को सारे विवाद छोड़कर हमारे BRI प्रोजेक्ट में शामिल हो जाना चाहिए: चीन
सिंगापुर। शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी सिल्क रोड़ योजना को लेकर भारत को शुरू से आपत्ति रही है, लेकिन एक चीनी एक्सपर्ट ने कहा है कि नई दिल्ली भी अब इस प्रोजेक्ट शामिल हो। चीनी एक्सपर्ट ने कहा कि भारत को चीन के साथ द्विपक्षीय विवाद खत्म कर बीजिंग के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) प्रोजेक्ट में शामिल हो जाना चाहिए। चीन में सिचुआन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर हुआन योनसॉन्ग ने कहा कि हम चाहते हैं कि भारत भी इस प्रोजेक्ट में शामिल हो, लेकिन वो शायद ऐसा नहीं चाहता है। योनसॉन्ग ने कहा कि BRI में भारत को भागीदारी के लिए हम दरवाजा खुला रखेंगे।
भारत को BRI से विवाद नहीं होना चाहिए
प्रोफेसर योनसॉन्ग ने कहा कि भारत और चीन के बीच कई विवाद हो सकते हैं, लेकिन BRI के खिलाफ ऐसा नहीं होना चाहिए। BRI चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत वे चीन की एशियाई देशों के अलावा, अफ्रीका और यूरोप के साथ कनेक्टिविटी और कोऑपरेशन बढ़ाना चाहते हैं। यह BRI प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को भी जोड़ेगा, जिसका भारत शुरू से ही विरोध जताता आया है।
1947 से हैं भारत और चीन के बीच कई विवाद
योनसॉन्ग ने कहा कि 1947 से ही भारत और चीन के बीच कई विवाद रहे हैं, जिसमें बीजिंग-इस्लामाबाद रिलेशन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार अस्थिरता, डोकलाम विवाद, तिब्बत, और दलाई लामा जैसे कई विवाद है। चीन और साउथ एशिया मुद्दों के जानकार प्रोफेसर योनसॉन्ग ने कहा कि कश्मीर विवाद को लेकर बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच एक समझौता हो चुका है।
भारत का चीन के साथ 2016-17 में 51.08 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा
हालांकि, योनसॉन्ग ने दोनों देशों के बीच सकारात्मक पक्ष रखते हुए कहा कि भारत और चीन ने शांति प्रयास के लिए सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिश भी की है। उन्होंने कहा कि व्यापार घाटे को कम करने के लिए चीनी निवेश कंपनियों को भारत को अपने मुल्क में आमंत्रित करना चाहिए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 2016-17 में 51.08 बिलियन डॉलर का रहा था।