यूक्रेन संकट के बीच भारत रूस से खरीद रहा सस्ता तेल, अब रुपये में कारोबार की बनाई योजना
मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति के अनुसार, भारत रूस के साथ व्यापार को रुपये में निपटाने का प्रस्ताव कर रहा है, क्योंकि दक्षिण एशियाई देश प्रतिबंध-प्रभावित देश से तेल और हथियारों की खरीद के साथ आगे बढ़ रहा है।
मॉस्को/नई दिल्ली, 17 जून : यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने रूस पर व्यापारिक प्रतिबंध लगा दिए। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में रूस के तेल की कीमतें तेजी से गिरी। इसके बाद भारत ने रूस से सस्ती दरों पर तेल खरीदना शुरू कर दिया। अब भारत ने रूस के साथ रुपये में कारोबार करने की योजना बनाई है। बता दें कि, अमेरिका और यूरोपीय देशों ने भारत को रूस से तेल नहीं खरीदने का दबाव बनाया है।
भारत
ने
दिया
रूस
को
ऑफर
यूक्रेन
पर
हमले
को
लेकर
कई
देशों
ने
रूस
पर
आर्थिक
प्रतिबंध
लगाए
हैं
लेकिन
भारत,
रूस
के
साथ
व्यापार
का
और
विस्तार
करने
की
योजना
बना
रहा
है.
भारत
ने
रूस
के
सामने
रुपये
में
व्यापार
करने
का
प्रस्ताव
रखा
है।
इस
मामले
से
वाकिफ
एक
शख्स
ने
बताया
कि
भारत
ने
रूस
से
रुपये
में
तेल
और
हथियारों
की
खरीद
की
बात
रखी
है।
भारत
की
रूस
के
सरकारी
नियंत्रण
वाले
वीटीबी
बैंक
पीजेएससी
और
सबरबैंक
पीजेएससी
में
जमा
लगभग
दो
अरब
डॉलर
के
इस्तेमाल
की
योजना
है।
भारत-रूस
व्यापार
शख्स
ने
पहचान
उजागर
नहीं
करने
की
शर्त
पर
यह
जानकारी
दी
है।
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
शख्स
ने
बताया
कि
इस
योजना
को
जल्द
ही
अंतिम
रूप
दिया
जा
सकता
है।
जानकारी
के
मुताबिक
रूस
के
वरिष्ठ
अधिकारी
इस
हफ्ते
भारत
आ
रहे
हैं।
उम्मीद
है
कि
इस
दौरान
योजना
को
हरी
झंडी
दिखाई
जा
सकती
है।
प्रतिबंधों
के
कारण
रूबल
में
अस्थिरता
इससे
पहले
दोनों
देशों
(रूस-भारत)
ने
रुपये-रूबल
के
तहत
व्यापार
करना
शुरू
किया
था,
जो
रूस
की
मुद्रा
रूबल
में
अत्यधिक
अस्थिरता
की
वजह
से
कारगर
साबित
नहीं
हो
पाया।
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
रूस
के
बैंक
खातों
में
जमा
धनराशि
साल
के
अंत
तक
बढ़कर
पांच
अरब
डॉलर
हो
सकती
है।
यह
बशर्ते
इस
पर
निर्भर
करता
है
कि
भारत
कितना
उत्पाद
खरीद
रहा
है।
...और
तेल
सस्ता
हो
गया
यूक्रेन
युद्ध
की
वजह
से
अमेरिका,
यूरोप,
ऑस्ट्रेलिया
और
जापान
ने
रूस
पर
आर्थिक
प्रतिबंध
लगा
दिए
थे,
जिससे
रूस
का
तेल
सस्ता
हो
गया
था.
इसी
सस्ते
तेल
का
लाभ
उठाने
के
लिए
मोदी
सरकार
ने
तेल
के
आयात
पर
लगी
पाबंदी
हटा
दी
है।
इस
दिशा
में
मोदी
सरकार
एक
मैकेनिज्म
को
अंतिम
रूप
देना
चाहती
है।
भारत,
रूस
का
व्यापार
घाटा
रूस
के
सस्ते
तेल
से
भारत
को
मदद
मिल
सकती
है।
मार्च
2022
को
खत्म
हुए
वित्त
वर्ष
में
भारत
का
रूस
के
साथ
व्यापार
घाटा
6.61
अरब
डॉलर
का
रहा।
दोनों
देशों
के
बीच
कुल
व्यापार
13.1
अरब
डॉलर
का
है।
भारत
व्यापार
में
निरंतरता
देने
के
लिए
फार्मास्युटिकल्स,
प्लास्टिक
और
केमिकल
जैसे
उत्पादों
के
निर्यात
पर
जोर
दे
रहा
है।
बता
दें
कि,
भारत,
रूस
के
हथियारों
का
दुनिया
में
सबसे
बड़ा
खरीदार
देश
है।
इसी
वजह
से
अमेरिका
और
ऑस्ट्रेलिया
लगातार
भारत
पर
दबाव
बना
रहे
हैं
कि
वह
रूस
से
तेल
नहीं
खरीदे।
प्रतिकूल
अवसर
में
भी
भारत
की
विदेश
नीति
अव्वल
भारत
अपनी
विदेश
नीति
को
मजबूत
रखते
हुए
किसी
भी
प्रतिकूल
परिस्थिति
में
खुद
को
संभाले
रखने
में
कामयाबी
हासिल
की
है।
इसी
का
जीता
जागता
उदाहरण
भारत
और
रूस
के
बीच
का
व्यापार
है।
हाल
ही
में
भारत
अपनी
बेहतरीन
कूटनीति
का
परिचय
देते
हुए
ऑस्ट्रेलिया,
जापान
और
अमेरिका
के
साथ
मिलकर
क्वाड
जैसे
संगठन
में
शामिल
हुआ
है।
बता
दें
कि,
भारत
और
चीन
रूस
से
तेल
खरीदने
वाला
सबसे
बड़ा
खरीदार
है।