यूरोपीय यूनियन-भारत के बीच ‘फ्री ट्रेड’ पर बातचीत दोबारा शुरू करने पर बनी सहमति, फायदे ही फायदे
अगर भारत, यूरोपीय संघ के साथ ‘फ्री ट्रेड एग्रीमेंट’ पर समझौता करने में कामयाब हो जाता है, तो यह भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण ‘फ्री ट्रेड एग्रीमेंट’ में से एक होगा।
नई दिल्ली, जून 18: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को कहा है कि, भारत और यूरोपीय संघ ने 9 साल के अंतराल के बाद मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए- फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) के लिए बातचीत फिर से शुरू की है। भारतीय मंत्रालय के मुताबिक, 17 जून से ये बातचीत फिर से ब्रसेल्स में, जहां यूरोपीय संघ का मुख्यालय है, वहां पर इस कार्यक्रम को लेकर फिर से बातचीत शुरू हुई है। जहां भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूरोपीय आयोग के कार्यकारी उपाध्यक्ष वाल्डिस डोम्ब्रोव्स्की ने औपचारिक रूप से भारत-यूरोपीय संघ के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत के कार्यक्रम को फिर से लॉन्च कर दिया है।
भारत-ईयू में फिर बातचीत शुरू
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि, यूरोपीय संघ से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के अलावा स्टैंड-अलोन इन्वेस्टमेंट प्रोटेक्शन एग्रीमेंट (आईपीए) और जियोग्राफिकल इंडिकेटर्स (जीआई) समझौते के लिए भी बातचीत शुरू की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत-यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता वार्ता का पहला दौर 27 जून को नई दिल्ली में शुरू होने वाला है।
भारत के लिए कितना अहम?
अगर भारत, यूरोपीय संघ के साथ 'फ्री ट्रेड एग्रीमेंट' पर समझौता करने में कामयाब हो जाता है, तो यह भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण 'फ्री ट्रेड एग्रीमेंट' में से एक होगा, क्योंकि ईयू अमेरिका के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। भारत-यूरोपीय संघ के व्यापारिक व्यापार ने साल-दर-साल 43.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2021-22 में 116.36 अरब डॉलर का सर्वकालिक हाई-वैल्यू दर्ज किया है। यूरोपीय संघ को भारत का निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में 57 प्रतिशत बढ़कर 65 अरब डॉलर हो गया। और यूरोपीय संघ ही है, जिसके साथ भारत का व्यापार पॉजिटिव चल रहा है, यानि भारत यूरोपीय संघ से सामान खरीदने से ज्यादा बेचता है। लिहाजा, मुक्त व्यापार समझौते पर अगर बात बनती है, तो भारत के लिए ये काफी महत्वपूर्ण कामयाबी होगी।
मई में पहुंची थी निगोसिएशन तक बात
8 मई 2021 को पोर्टो में आयोजित भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं के बीच हुई बैठक के दौरान दोनों फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत को दोबारा शुरू करने के लिए तैयार हो गया था, जिसमें एक संतुलित, महत्वाकांक्षी, व्यापक और पारस्परिक लाभरप्रद फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की दिशा में बातचीत फिर से शुरू करने का संकल्प लिया गया था। इसके साथ ही स्टैंड-अलोन इन्वेस्टमेंट प्रोटेक्शन एग्रीमेंट (आईपीए) और जियोग्राफिकल इंडिकेटर्स पर समझौता करने के लिए अलग से समझौता किया गया था। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि, 'दोनों साझेदार अब लगभग नौ साल के अंतराल के बाद एफटीए वार्ता फिर से शुरू कर रहे हैं क्योंकि 2013 में सौदे के दायरे और अपेक्षाओं में अंतर के कारण पहले दौर की बातचीत को छोड़ दिया गया था'।
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अप्रैल में भारत दौरे पर थीं ईयू अध्यक्ष
आपको बता दें कि, अप्रैल 2022 में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन ने नई दिल्ली की यात्रा की थी और इस दौरान उनकी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई थी और उसके बाद से ही संभावनाएं बन रही थी, कि भारत और ईयू के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर फिर से बातचीत शुरू हो सकती है। दोनों नेताओं के बीच हुई इस बातचीत के दौरान वार्ता के लिए एक स्पष्ट रोडमैप को परिभाषित करने में मदद मिली थी। भारत और यूरोपीय संघ, दोनों ही समान भागीदार की तरह ही समान मौलिक और लोकतांत्रिक मूल्यों का समर्थन करते हैं और दोनों ही सबसे बड़ी खुली बाजार अर्थव्यवस्थाएं हैं, जिससे व्यापार सौदा आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने और सुरक्षित करने, व्यवसायों के लिए आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगा।
किस तरह की होगी बातचीत?
इस बातचीत के दौरान दोनों के बीच बाजारों तक पहुंच के मुद्दे को हल करने पर भी चर्चा होगी, जो द्विपक्षीय व्यापार में बाधा बन रहे हैं। जबकि, ये बातचीत, प्रस्तावित आईपीए निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने के लिए सीमा पार निवेश के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा। वहीं, जीआई समझौते से हस्तशिल्प और कृषि-वस्तुओं सहित जीआई उत्पादों के व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए एक पारदर्शी और अनुमानित नियामक वातावरण स्थापित करने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों पक्षों की कोशिश है, कि 27 जून से एक जुलाई तक चलने वाली इस बैठक के दौरान तीनों समझौतों पर सहमति बना ली जाए। भारत ने चूंकी इसी साल ऑस्ट्रेलिया और यूएई के साथ रिकॉर्ड वक्त में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर समझौता किया है और फिलहाल ब्रिटेन और कनाडा के साथ काफी तेजी से एफटीए पर बात चल रही है, लिहाजा माना जा रहा है, कि भारत सरकार सकारात्मक अंदाज से बातचीत के टेबल तक जाने वाली है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एफटीए वार्ता प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ संतुलित व्यापार समझौते को बनाने और व्यापार और निवेश में सुधार के लिए मौजूदा व्यापार समझौतों को सुधारने के लिए भारत की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
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