भारत-फ्रांस संबंधों की कोई सीमा नहीं, विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने पीएम मोदी से की मुलाकात
फ्रांस की विदेश मंत्री कोलोना ने पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात के दौरान यूक्रेन का मुद्दा भी उठाया।
नई दिल्ली/पेरिस 15 सितंबर: फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना (French Foreign Minister Catherine Colonna) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने फ्रांसी के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का 'मित्रता और सहयोग' का संदेश भी साझा किया। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "यूरोप और विदेश मामलों के लिए फ्रांस की मंत्री कैथरीन कोलोना से आज मुलाकात कर खुशी हुई। हमनें द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को लेकर चर्चा की। साथ ही उन्होंने अपने मित्र इमैनुएल मैक्रों के लिए शुभकामनाएं दीं। वहीं, फ्रांस की विदेश मंत्री ने भारत के शीर्ष नेतृत्व को बताया कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनसे भारत-प्रशांत क्षेत्र में पूर्ण परिचालन सहयोग और रक्षा और सुरक्षा संबंधों में एक व्यापक साझेदारी के साथ भारत के लिए 'कोई सीमा नहीं' साझेदारी की पेशकश करने के लिए कहा है।
पीएम मोदी ने मैक्रों से हुई पिछली मुलाकात को याद किया
बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति मैक्रों से पेरिस में हुई मुलाकात को याद किया और भारत में उनकी स्वागत करने की इच्छा जताई। वहीं, तीन दिवसीय भारत दौरे के पहले दिन विदेश मंत्री कोलोना ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से सामरिक संबंधों को विस्तार देने को लेकर चर्चा की। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ''द्विपक्षीय और साझा हितों के अन्य मुद्दों पर चर्चा के अलावा मंत्री ने राष्ट्रपति मैक्रों का मित्रता व सहयोग का संदेश भी प्रधानमंत्री मोदी से साझा किया।''
यूक्रेन संघर्ष कैसे समाप्त हो, इस पर हुई चर्चा
फ्रांस की विदेश मंत्री कोलोना ने पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात के दौरान यूक्रेन का मुद्दा भी उठाया। राजनयिक समाधान से लंबे संघर्ष से बाहर निकलने के उपाय पर चर्चा हुई। बातचीत में कहा गया कि, लंबे संघर्ष से रूस और यूक्रेन को बाहर निकालने के लिए राजनयिक समाधान ही एकमात्र रास्ता बचा हुआ है। बता दें कि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से टेलीफोन पर सीधे बातचीत होती रहती है। इसलिए दोनों पक्षों ने कूटनीतिक समाधान पर जोर देकर रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष को समाप्त करने को लेकर गहन वार्ता हुई। बातचीत में यूक्रेन संघर्ष से उत्पन्न खाद्य संकट और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर वार्ता हुई।
फ्रांस और भारत के बीच मजबूत रिश्ता
फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने भारत के शीर्ष नेतृत्व को बताया कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनसे भारत-प्रशांत क्षेत्र में पूर्ण परिचालन सहयोग और रक्षा और सुरक्षा संबंधों में एक व्यापक साझेदारी के साथ भारत के लिए 'कोई सीमा नहीं' साझेदारी की पेशकश करने के लिए कहा है। बता दें कि, पिछले कुछ वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत और फ्रांस के रिश्तों में काफीा मजबूती आई है। भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर फ्रांस के राष्ट्रपति ने ट्विट करते हुए कहा था कि, फ्रांस हमेशा भारत के साथ खड़ा रहेगा। इस पर पीएम मोदी ने अपने दोस्त इमैनुएल मैक्रों से कहा था कि, भारत हर परिस्थिति में फ्रांस के साथ है।
एक साथ जुड़ना उद्देश्य
वहीं, इंडो-पैसिफिक रणनीतिक स्वायत्तता की साझा आकांक्षाओं के साथ एक साथ जुड़ने के उद्देश्य से भारत और फ्रांस ने आने वाले सप्ताह में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान न्यूयॉर्क में ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ सत्र से इतर अलग-अलग त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया है।