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ईरान के खिलाफ UN के प्रस्ताव पर वोटिंग से दूर रहा भारत, महिला आयोग से हटाया गया तेहरान

ईरान में 22 साल की लड़की महसा अमीनी की मौत के बाद पिछले तीन महीनों से भारी प्रदर्शन चल रहा है और अभी तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि 14 हजार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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India Iran UN

India Iran UN: भारत ने हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों पर क्रूर कार्रवाई को लेकर संयुक्त राष्ट्र महिला आयोग से ईरान को हटाने के प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लिया। भारत सहित कुल 16 देशों ने ईरान के खिलाफ लाए गये प्रस्ताव के दौरान मतदान में भाग नहीं लिया। हालांकि, इसके बाद भी ईरान को महिला आयोग से बाहर कर दिया गया, क्योंकि उसके खिलाफ 29 देशों ने वोट डाला था।

ईरान के खिलाफ प्रस्ताव

ईरान के खिलाफ प्रस्ताव

बुधवार को, महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के खिलाफ नीतियों के लिए ईरान को संयुक्त राष्ट्र महिला निकाय से हटा दिया गया है। आपको बता दें कि, 22 साल की महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत होने के बाद से ईरान में भीषण प्रदर्शन हो रहे हैं और अब ईरान सरकार ने प्रदर्शनकारियों को फांसी की सजा देनी शुरू कर दी है, जिसकी पूरी दुनिया में निंदा की जा रही है। ईरान में चल रहे प्रदर्शन में अभी तक 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। ईरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ क्रूर कार्रवाई कर रहा है, लिहाजा अमरिका ने ईरान के खिलाफ ये प्रस्ताव पेश किया था। 54-सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) ने "2022-2026 के बाकी बचे कार्यकाल के लिए 'महिलाओं के आयोग' से ईरान को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।

अमेरिका ने लाया था प्रस्ताव

अमेरिका ने लाया था प्रस्ताव

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने वोटिंग से पहले ECOSOC को बताया कि, ईरान को हटाना सही कदम है। अमेरिका ने तेहरान की सदस्यता को "आयोग की विश्वसनीयता पर बदसूरत दाग" के रूप में वर्णित किया। वहीं, ईरान के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत अमीर सईद इरावनी ने संयुक्त राज्य अमेरिका को धमकाने वाला देश बताते हुए अमेरिकी कदम को अवैध बताया। आपको बता दें कि, महिलाओं की स्थिति पर 45 सदस्यीय आयोग हर साल मार्च में मिलता है और इसका उद्देश्य लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ईरान और 17 अन्य राज्यों और फिलिस्तीनियों ने सोमवार को ECOSOC को लिखे एक पत्र में तर्क दिया था कि, वोटिंग की ये प्रक्रिया "निस्संदेह एक 'गलत' मिसाल कायम करेगा, जो अंततः अन्य सदस्य राज्यों को विभिन्न संस्कृतियों, रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ ... की गतिविधियों में योगदान करने से रोकेगा।" हालांकि, वोट करने वाले सदस्य देशों में सिर्फ 5 ही ऐसे देश हैं, जो फिलहाल ECOSOC में शामिल हैं।

ईरान में क्रूर अत्याचार

ईरान में क्रूर अत्याचार

इस्लामिक रिपब्लिक ने सोमवार को सार्वजनिक रूप से एक शख्स को फांसी दी है, जिसके बारे में राज्य मीडिया ने कहा कि, उसे सुरक्षा बलों के दो सदस्यों की हत्या का दोषी ठहराया गया था। ईरान में पिछले एक हफ्ते में दूसरी बार सर्वजनिक फांसी की सजा दी गई है। वहीं, आज आई एक रिपोर्ट में कहा गया है, कि ईरान ने अपने एक फुटबॉल खिलाड़ी को भी फांसी की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि, 22 साल की महसा अमीनी की तीन महीने पहले पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद पूरे ईरान में अशांति फैल गई है। जिसे इस्लामी गणराज्य के अनिवार्य ड्रेस कोड कानूनों को लागू करने वाली नैतिकता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। वहीं, ईरान ने अशांति के लिए अपने विदेशी दुश्मनों और उनके एजेंटों को जिम्मेदार ठहराया है।

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English summary
India remained absent during the voting in the UN on the important resolution brought against Iran.
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