अरब शाही परिवारों के सदस्यों की संभोग शक्ति बढ़ाएंगे इमरान खान, सोन चिरैया के शिकार की दी इजाजत
भारत समेत दुनियाभर के देशों में सोन चिरैया को लेकर बेहद सख्त नियम बनाए गये हैं और इनके शिकार पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन पाकिस्तान ने पैसों के लिए शिकार की इजाजत दे दी है।
कराची, नवंबर 08: दुर्लभ माने जाने वाली हुबॉरा पक्षी, जिसे सोन चिरैया कहा जाता है, उसको लेकर पाकिस्तान में फिर से चर्चा चल रही है, क्योंकि अरब देशों के शाही परिवारों के 14 सदस्यों को पाकिस्तान में सोन चिरैया के शिकार की इजाजत इमरान खान ने दे दी है। पाकिस्तान में हालांकि, सोन चिरैया के शिकार पर प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन पाकिस्तान की सरकार पैसों के लिए अरब देशों के शाही परिवार के सदस्यों को आधिकारिक तौर पर सोन चिरैया के शिकार की इजाजत देती है।
इमरान खान सरकार ने दी इजाजत
पाकिस्तानी अखबार डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के प्रांतीय सरकारों को बकायदा चिट्ठी लिखकर इस बात की जानकारी दी है कि, अरब देशों के शाही परिवार के सदस्य जंगलों में वन्यजीवों का शिकार करेंगे और इसके लिए उन्हें आवश्यक परमिट जारी करने के लिए कहा गया है। 2016-2017 से पहले पाकिस्तान की केन्द्रीय सरकार अरब के रसूखदार परिवारों के सदस्यों को सीधे तौर पर परमिट जारी करती थी। लेकिन, अदालत में मामला जाने के बाद प्रक्रिया में बदलाव आ गया और अब प्रतिबंधित वन्यजीवों के शिकार की इजाजत देने का अधिकार राज्य सरकारों के पास आ गया है। हलांकि, वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि, ये सिर्फ औपचारिकता है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ा है।
14 सदस्यों को शिकार की इजाजत
डॉन न्यूज के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि, इस साल पाकिस्तान की केन्द्रीय सरकार ने सिंध सरकार को फाल्कनरी सीजन 2021-2022 के लिए कतर के प्रधानमंत्री और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अध्यक्ष सहित 14 अरब गणमान्य व्यक्तियों की एक सूची भेजी थी, जिसपर कैबिनेट की बैठक के बाद मुहर लगा दी गई है और इन सदस्यों को पाकिस्तान में आधिकारिक तौर पर सोन चिरैया के शिकार की इजाजत दे दी गई है। सूत्रों के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख खलीफा बिन जायद अल-नाहयान को सुक्कुर, घोटकी, संघर, नवाबशाह और खैरपुर जिलों (सिंध रेगिस्तान सफारी और नारा नहर के क्षेत्र को छोड़कर) जिलों में शिकार करने की अनुमति दी गई है।
यूएई के शाही परिवार को इजाजत
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिमी क्षेत्र में संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति के प्रतिनिधि और संयुक्त अरब अमीरात के शासक परिवार के सदस्य शेख हमदान बिन जायद बिन सुल्तान अल-नाहयान को खैरपुर, लरकाना, कंबर-शाहदादकोट और दादू जिलों में क्षेत्र आवंटित किए गए हैं। वहीं, मेजर जनरल शेख अहमद बिन राशिद अल मकतूम, केंद्रीय सैन्य कमान के प्रमुख / दुबई पुलिस और सार्वजनिक सुरक्षा के उप अध्यक्ष और संयुक्त अरब अमीरात के शासक परिवार के सदस्य को संरक्षित क्षेत्रों को छोड़कर उमरकोट, थारपारकर और नगरपारकर जिलों में शिकार करने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा अबू धाबी की कार्यकारी परिषद के सदस्य और संयुक्त अरब अमीरात के शासक परिवार के सदस्य शेख सुल्तान बिन थारोन अल नाहयान को मिरुपुरखास जिले में शिकार करने की अनुमति दी गई है।
कतर के प्रधानमंत्री भी करेंगे शिकार
संयुक्त अरब अमीरात के शासक परिवार के सदस्य शेख राशिद बिन खलीफा अल मकतूम को जिला बदीन, जिला थट्टा में जंगशाही और संघ परिषद चातो चंद सहित धाबेजी, मकली में क्षेत्र आवंटित किए गए हैं। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद अल-थानी को थारपारकर जिले के डिप्लो और इस्लामकोट के क्षेत्र आवंटित किए गए हैं। वहीं, कतर के प्रधान मंत्री शेख खालिद बिन खलीफा बिन अब्दुल अजीज अल-थानी, जो आंतरिक मंत्री का प्रभार भी रखते हैं, को जैकबाबाद जिले में शिकार करने की अनुमति है। कतर के शाही परिवार के सदस्य शेख फहद बिन अब्दुल रहमान बिन हम्माद अल-थानी को थारपारकर जिले में चाचरो और दहली के क्षेत्र आवंटित किए गए हैं।
इमरान ने किया पक्षियों की जान का सौदा
आपको बता दें कि, मध्य एशियाई देशों में पाए जाने वाले हुबारॉ पक्षी भीषण ठंड के मौसम में अपनी जान बचाने के लिए पाकिस्तान आ जाते हैं, जहां पाकिस्तान के नेता इन पक्षियों की जान का सौदा अरब देशों के हाथों करते हैं और पैसा कमाते हैं। अरब देश के शाही परिवार के सदस्य अपना शौक पूरा करने के लिए इन पक्षियों का सौदा करते हैं। सबसे ताज्जुब की बात ये है कि, इमरान खान जब प्रधानमंत्री नहीं थे, तो वो इसका काफी ज्यादा विरोध किया करते थे और उस वक्त, जब खैबर पख्तूनख्वा में उनकी सरकार थी, तो उन्होंने शिकार की इजाजत नहीं दी थी, लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान अपनी बातों से पलट चुके हैं और खुलेआम शिकार की इजाजत का सर्टिफिकेट बांटते रहते हैं।
बेहद दुर्लभ मानी जाती है सोन चिरैया
भारत समेत दुनियाभर के देशों में सोन चिरैया को लेकर बेहद सख्त नियम बनाए गये हैं और इनके शिकार पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाया गया है। शिकार करने वालों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मुकदमें दर्ज किए जाते हैं और कड़ी सजा सुनाई जाती है। असल में हुबारॉ पक्षियों की तादाद दुनिया में काफी तेजी से कम होती जा रही है, लिहाजा दुनियभार की सरकारें इसके संरक्षण की दिशा में काम कर रही हैं, लेकिन पाकिस्तान की बात अलग है। फटेहाली और तंगहाली से जूझते पाकिस्तान को अगर किसी दुर्लभ चिरैया की जान के बदले दो वक्त की रोटी मिल जाए, तो वो खुशी खुशी ऐसा करेंगे।
सेक्स पावर बढ़ाने के लिए शिकार
अरब देशों के लोग पिछले सैकड़ों सालों से सोन चिरैया का शिकार करते आ रहे हैं और अभी भी ये सिलसिला चलता आ रहा है। ऐसा कहा जाता है कि, हुबॉरा पक्षियों के मांस खाने से इंसानों के सेक्स की शक्ति बढ़ती है, लिहाजा सऊदी अरब के शाही परिवार के राजा और राजकुमार पाकिस्तान को इन पक्षियों के शिकार के बदले मुंहमागी कीमत देते हैं और पाकिस्तान में इनका शिकार करने के लिए आते हैं। रिपोर्ट के मुताबित, सोन चिरैया के मांस को स्पेनिश मक्खियों और वियाग्रा के बीच रखा जाता है।ऐसा माना जाता है कि स्पेनिश मक्खियों को खाने से भी सेक्स पावर में इजाफा होता है। वहीं, सोन चिरैया को हमेशा से संभोग शक्ति बढ़ाने वाली दवाई के तौर पर प्रचारित किया जाता रहा है। लिहाजा खाड़ी देशों के लोग बेतहाशा पैसे खर्च कर पाकिस्तान आते हैं और इन पक्षियों का शिकार करते हैं।
हुबॉरा पक्षियों से इमरान कमाते पैसा
पाकिस्तान की आर्थिक दुर्दशा तो किसी से छिपी नहीं है और सिर्फ खैरात के लिए पाकिस्तान खाड़ी देशों के शाही परिवार को पाकिस्तान में हुबॉरी पक्षियों के शिकार के लिए आमंत्रित करता है। मध्य एशियाई देशों में भीषण ठंढ़ से बचने के लिए हुबॉरी पक्षी पाकिस्तान में शरण लेते हैं। लेकिन, इन पक्षियों को क्या पता कि पाकिस्तान भूखे-नंगों का देश है जहां बेजुबानों का सौदा किया जाता है। पाकिस्तानी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हर साल हुबॉरी पक्षियों के शिकार से कम से कम 2 करोड़ रुपये की कमाई होती है। खासकर खाड़ी देशों से पाकिस्तान को सिर्फ शिकार के पैसे नहीं बल्कि दूसरे खैरात भी मिल जाते हैं।
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