कंगले पाकिस्तान को झटके का डबल डोज, चीन ने मांगा करोड़ों मुआवजा तो IMF भी नहीं देगा कर्ज
चीन के करोड़ों रुपये मुआवजा मांगने के बाद अब आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज देने से इनकार कर दिया है। ये पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है।
इस्लामाबाद, अक्टूबर 17: खराब आर्थिक स्थिति से जूझ रहे पाकिस्तान को एक हफ्ते में दूसरी बार बड़ा झटका लगा है। पहले चीन ने पाकिस्तान से दोस्ती की परवाह नहीं करते हुए उससे करोड़ों डॉलर का मुआवजा मांग लिया है, तो अब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानि आईएमएफ ने भी पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज देने से इनकार कर दिया है।
आईएमएफ ने दिया झटका
आर्थिक और वित्तीय नीतियों के ज्ञापन (एमईएफपी), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और पाकिस्तान के बीच कर्ज को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है, जिसके बाद आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज देने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक, आईएमएफ से पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की अगली किश्त मिलना था, लेकिन सहमति नहीं बनने की वजह से आईएमएफ ने किश्त देने से इनकार कर दिया है। आपको बता दें कि, पाकिस्तान ने आईएमएफ से 6 अरब डॉलर कर्ज मांग रखा है, और आईएमएफ शर्तों के आधार पर किश्तों में कर्ज पाकिस्तान को दे रहा है।
Recommended Video
इस्लामाबाद को अब भी उम्मीद
आईएमएफ से किसी भी तरह कर्ज की ये किश्त मिल जाए, इसके लिए पाकिस्तान के कई अधिकारी अमेरिका में डेरा डाले हुए हैं और पाकिस्तानी अधिकारियों को उम्मीद है कि, आईएमएफ के साथ उनकी बातचीत कामयाब हो जाएगी और पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की अगली किश्त मिल जाएगी। पाकिस्तान ने आईएमएफ को कर्ज देने के लिए मनाने के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि की है और कल तो पाकिस्तान ने पेट्रोल की कीमत में 10 रुपये और डीजल की कीमत में 12 रुपये का भी इजाफा कर दिया है, फिर भी आईएमएफ पाकिस्तान के द्वारा उठाए गये कदमों से संतुष्ठ नहीं हुआ है। लेकिन, अब पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी मुसीबत ये है कि, आईएमएफ से कर्ज नहीं मिलने के बाद अब इमरान खान कहां पर झोली फैलाएंगे?
पाकिस्तान से नाखुश आईएमएफ
आईएमएफ
के
अधिकारी
अभी
भी
एमईएफपी
के
तहत
पाकिस्तान
के
व्यापक
आर्थिक
ढांचे
से
असंतुष्ट
हैं
और
इस
पर
सहमति
के
बिना
पाकिस्तान
को
कर्ज
की
अगली
किश्त
नहीं
दी
जा
सकती
है।
पाकिस्तान
सरकार
ने
भले
ही
बिजली
बिल
में
औसतन
1.39
रुपये
प्रति
यूनिट
शुल्क
बढ़ा
दिया
हो
और
पेट्रोल
के
लिए
पीओएल
की
कीमतों
में
10.49
रुपये
और
डीजल
के
लिए
12.44
रुपये
की
बढ़ोतरी
कर
दी
है,
बावजूद
इसके
पाकिस्तान
आईएमएफ
की
शर्तों
को
पूरा
करने
में
नाकामयाब
रहा
है।
सूत्रों
ने
इसे
चिंताजनक
बताते
हुए
कहा
है
कि
आईएमएफ
के
अधिकारी
अब
तक
मुख्य
रूप
से
राजकोषीय
ढांचे,
बाहरी
मोर्चे
और
बिजली
क्षेत्र
पर
संख्या-संकट
में
व्यस्त
थे।
शुक्रवार
को
देश
की
सरकार
ने
अपने
कार्यक्रम
में
बने
रहने
की
आईएमएफ
की
मांग
को
पूरा
करने
के
लिए
पाकिस्तानी
द्वारा
बेस
पावर
टैरिफ
में
1.39
रुपये
प्रति
यूनिट
की
बढ़ोतरी
की
थी।
लेकिन,
आईएमएफ
की
शर्तों
को
पूरा
नहीं
किया
जा
सका।
चीन ने दिया झटका
एक तरफ आईएमएफ ने पाकिस्तान को झटका दिया है, तो दोस्त चीन ने भी पाकिस्तान को कहीं का नहीं छोड़ा। पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों के एक बम ब्लास्ट में मारे जाने को लेकर चीन काफी ज्यादा सख्त है और चीन ने पाकिस्तान से 38 मिलियन का मुआवजा मांगा है। पाकिस्तान चीन को 'हर मौसम का सहयोगी' मानता है और पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं सोचा होगा, कि चीन उसके ऊपर इतना बड़ा आर्थिक स्ट्राइक करेगा। पाकिस्तान में दसू डैम हादसे में मारे गये चीनी इंजीनियरों के बदले अब चीन ने पाकिस्तान ने 38 मिलियन डॉलर का मुआवजा मांगा है।
पाकिस्तान से मांगा मुआवजा
चीन ने अपने हर मौसम के साथ पाकिस्तान से दासू डैम परियोजना में बम विस्फोट के दौरान मारे गये चीनी इंजीनियरों की जान के बदले 38 मिलियन डॉलर का मुआवजा मांगा है। बिजनेस रिकॉर्डर की खबर के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान को साफ कहा है, कि जबतक पाकिस्तान चीन को मुआवजा नहीं देता है, तबतक दासू डैम का काम फिर से शुरू नहीं किया जाएगा। आपको बता दें कि, इसी साल 14 को पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों को ले जा रही बस में भीषण धमाका हुआ था, जिसमें चीन के 9 इंजीनियरों के साथ दो स्थानीय लोग और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के दो जवानों की मौत हो गई थी और दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गये थे। और अब चीन ने मारे गये इंजीनियरों के लिए पाकिस्तान से मुआवजे की मांग की है।
कहां झोली फैलाएंगे इमरान खान?
आईएमएफ से निराशा हाथ लगने के बाद अब सवाल ये उठ रहे हैं कि, आखिर इमरान खान देश चलाने के लिए अब किसके सामने झोली फैलाएंगे? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि खाड़ी देशों के साथ पाकिस्तान के संबंध खराब चल रहे हैं और पिछली बार जब सऊदी अरब ने एक अरब डॉलर पाकिस्तान से वापस मांग लिए थे, तो पाकिस्तान ने वो कर्ज चीन से लेकर चुकाया था। लेकिन, इस बार चीन खुद सख्ती से पाकिस्तान के पीछे पड़ा हुआ है। चीन ने सिर्फ मुआवजा ही नहीं मागा है, बल्कि, पाकिस्तान को और कर्ज देने से साफ इनकार कर चुका है। वहीं, इमरान खान को उम्मीद थी कि, अफगानिस्तान में तालिबान के शासन आने के बाद उसे कुछ पैसे मिलेंगे, लेकिन वहां से भी निराशा हाथ लगी है।
भारत में होगा अफगानिस्तान पर बड़ा सम्मेलन, पाकिस्तान को न्योता, क्या तालिबान भी होगा शामिल?