शुक्रवार को पृथ्वी के पास से गुजरेगा 1000 एटम बम से ज्यादा शक्तिशाली उल्कापिंड
वॉशिंगटन। 23 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से एक उल्कापिंड पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। पूरे के पूरे देश को तहस-नहस करने की क्षमता रखने वाला यह उल्कापिंड शुक्रवार को पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। खास बात यह है कि नासा समेत दुनिया भर के वैज्ञानिकों की नजरें इस पर टिकी हुई हैं।
नासा के वैज्ञानिक पूरी तरह अलर्ट हैं। वैज्ञानिक लगातार इस उल्कापिंड की गति और दिशा पर नजर बनाये हुए हैं। उल्कापिंड का नाम 2014-YB35 है और इसकी चौड़ाई करीब 1000 मीटर है।
बकिंघमशायर यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोनॉमर प्रो बिल नेपियर के अनुसार यह एस्ट्रॉयड वैसे तो पृथ्वी के पास से गुजर जायेगा, लेकिन फिर भी पृथ्वी के लिये यह बड़ा खतरा है। क्योंकि अगर उसके पथ में जरा भी परिवर्तन हुआ तो पृथ्वी पर तबाही मच सकती है। फिर इसकी जद में एक दो देश नहीं बल्कि कई सारे देश आ सकते हैं।
उल्कापिंड से जुड़ी और भी हैं रोचक बातें जो आप स्लाइडर में पढ़ सकते हैं।
उल्कापिंड से जुड़े तथ्य
जो उल्कापिंड पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है, उससे जुड़े तथ्य हम आगे स्लाइडर में आपको बता रहे हैं।
5000 साल में एक बार आता है ऐसा उल्कापिंड
आये दिन पृथ्वी के पास से छोटे-छोटे उल्कापिंड गुजरते रहते हैं, कुछ पृथ्वी पर गिर भी जाते हैं। लेकिन ऐसा उल्कापिंड 5 हजार साल में एक बार आता है।
खींची जा रही हैं तस्वीरें
नासा ने अपनी प्रयोगशालाओं में बड़े-बड़े कैमरे स्थापित किये हैं। साथ ही सैटेलाइट के माध्यम से इस उल्कापिंड की तस्वीरें खींची जा रही हैं।
1000 एटम बम के बराबर ताकत
अगर यह उल्कापिंड पृथ्वी से टकराया तो 15,000 मेगाटन टीएनटी ऊर्जा निकलेगी। हीरोशीमा पर फेंके गये एटम बम में 15 किलोटन टीएनटी ऊर्जा निकली थी। यानी इस उल्कापिंड की ताकत 1000 एटम बम के बराबर है।
आ सकती है सुनामी
वैज्ञानिकों के अनुसार इस उल्कापिंड के पास से गुजरने के बाद सुनामी, भूकंप, आदि आ सकते हैं। और कई देशों के मौसम में भी परिवर्तन हो सकते हैं। सुनामी आयी तो वह बहुत ज्यादा विध्वंसक होगी।
1908 में मची थी तबाही
1908 में साइबेरिया में उल्कापिंड गिरा था। तब 8 करोड़ पेड़ साफ हो गये थे। रूस में भूकंप आया था।