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कोरोना वायरस महामारी ने इस देश का नक्शा कैसे बदल दिया

ब्राज़ील में ग्रामीण और दूर-दराज़ के इलाकों में लोगों को ताबूत लेकर इधर से उधर देखा जाना अब बेहद सामान्य हो चुका है.

By BBC News हिन्दी
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ब्राज़ील के अमेज़न में एक कब्रिस्तान की तस्वीर
Getty Images
ब्राज़ील के अमेज़न में एक कब्रिस्तान की तस्वीर

अमरीका के बाद कोरोना से ब्राज़ील दुनिया का दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है. ब्राज़ील में कोरोना वायरस संक्रमण के बीस लाख से अधिक मामले हैं और अब तक क़रीब 76,688 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है.

मार्च से लेकर अब तक ब्राज़ील में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.

ब्राज़ील के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़ गुरुवार तक देश में 2,012,151 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है.

ब्राज़ील में टेस्ट भी उस पैमाने पर नहीं हो रहे हैं और इस आधार पर विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण के मामले और संक्रमण से मरने वालों की संख्या मौजूदा संख्या से कहीं अधिक हो सकती है.

तस्वीरों में देखें कोरोना वायरस ने दक्षिण अमरीका के इस देश को किस तरह तबाह किया है...

मानूस में मौजूद विएना फ्यूनरल सर्विस के एक कर्मचारी ताबूतों को ठीक से रखते हुए.
Getty Images
मानूस में मौजूद विएना फ्यूनरल सर्विस के एक कर्मचारी ताबूतों को ठीक से रखते हुए.
कोरोना वायरस
Getty Images
कोरोना वायरस

ब्राज़ील में कोरोना वायरस संक्रमण को पहुंचने में कई देशों की तुलना में कुछ अधिक समय लगा. यानी यहां संक्रमण के मामले कुछ देर से दिखाई देने शुरू हुए.

ब्राज़ील में अमेज़न का क्षेत्र कोरोना वायरस की पहली लहर से सबसे अधिक प्रभावित हुआ. कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले यहीं सामने आए.

ब्राज़ील में कब्रिस्तान
REUTERS/Amanda Perobelli
ब्राज़ील में कब्रिस्तान
ब्राज़ील के मानुस में नोस्सा सेन्होरा अपारसिडा कब्रिस्तान
Getty Images
ब्राज़ील के मानुस में नोस्सा सेन्होरा अपारसिडा कब्रिस्तान

अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र में ताबूतों की कमी हो सकती है. उन्हें बड़े-बड़े कब्रिस्तानों की व्यवस्था करनी पड़ रही है क्योंकि मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. अमेज़न के वर्षावनों में इस वायरस को नियंत्रित करना और भी चुनौती भरा होता जा रहा है क्योंकि इलाक़ा भुखमरी और ग़रीबी से भी जूझ रहा है.

आदिवासी और जनजाति प्रजाति इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हैं और राजधानी मानुस में इनकी एक बड़ी आबादी रहती है.

इन लोगों के घर मुख्य शहर और स्वास्थ्य केंद्रों से बहुत दूर हैं और ऐसे में इन्हें स्वास्थ्य सेवाएं भी आसानी से नहीं मिल पातीं.

शहर के बाहरी हिस्से में रहने वाली वेंडरलेसिया ऑर्टेगा डोस सैंनटोस एक नर्स हैं और वे इन लोगों की मदद के लिए तैयार हो रही हैं. वो खुद भी इसी समुदाय से आती हैं और क़रीब 700 परिवार इस क्षेत्र में हैं जिनके लिए वो ही मदद हैं.

यह तस्वीर एक महिला की जो घर से बाहर निकलने से पहले पूरी तरह तैयार हो रही हैं.
Reuters
यह तस्वीर एक महिला की जो घर से बाहर निकलने से पहले पूरी तरह तैयार हो रही हैं.
66 साल के टेर्सियो गाल्डिनो घर के भीतर अपना प्रोटेक्टिव सूट पहनते हुए
AFP
66 साल के टेर्सियो गाल्डिनो घर के भीतर अपना प्रोटेक्टिव सूट पहनते हुए

ब्राज़ील में ग्रामीण और दूर-दराज़ के इलाकों में लोगों को ताबूत लेकर इधर से उधर देखा जाना बेहद सामान्य हो चुका है. उत्तरी राज्य पारा में कुछ ऐसा ही देखने को मिला. बाद में इस ताबूत को एक कब्रिस्तान में दफ़ना दिया गया जोकि अमेज़न नदी के मुहाने पर ही है.

लेकिन ब्राज़ील के कई प्रमुख शहरों में वायरस का संक्रमण फैले अभी ज़्यादा दिन नहीं हुए हैं. रियो डे जेनेरियो और साओ पालो में वायरस का प्रकोप कुछ हफ़्तों पहले ही फैला है. लेकिन इसके बाद संक्रमण के मामले रुके नहीं बल्कि बेहद तेज़ी से बढ़ रहे हैं.

मई महीने में साओ पाउलो के मेयर ने चेतावनी देते हुए कहा था कि स्वास्थ्य सेवाएं पर्याप्त नहीं हैं और अगर संक्रमण के मामले बढ़े तो यह ध्वस्त हो सकता है. उन्होंने अस्पताल और बेड्स के लिए मांग भी की थी.

यह अस्पताल एक स्पोर्ट्स जिम के भीतर तैयार किया गया है. लेकिन एक ओर जहां संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे थे वहीं देश में ना तो तब लॉकडाउन लगाया गया और ना तो अब.

तिजुका में एक बार में लोगों के इकट्ठा होने की तस्वीर. यहां बार और रेस्त्रां खुलने के बाद बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर आए.
Getty Images
तिजुका में एक बार में लोगों के इकट्ठा होने की तस्वीर. यहां बार और रेस्त्रां खुलने के बाद बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर आए.

राज्यों और शहरों ने अपने-अपने तरीक़े से नियम बनाए और उनका पालन किया लेकिन बाद में इसे लेकर कई जगहों पर प्रदर्शन हुए और जब आंकड़े सामने आने लगे तो सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.

ब्राज़ील के राष्ट्रपति ज़ायर बोलसोनारो ने बाद में बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को घर में ही रहने का आदेश जारी किया और साथ ही कुछ प्रतिबंध लागू किये. हालांकि बोलसोनारो ने कभी भी लॉकडाउन का समर्थन नहीं किया. वो तो ब्रासीलिया में होने वाले एंटी-लॉकडाउन प्रोटेस्ट में भी शामिल हुए. यह तस्वीर उनके समर्थकों की है.

ब्राज़ील के राष्ट्रपति जाएर बोलसोनारो और ब्राज़ील के लिए अमरीकी राजदूत टॉड चैपमैन
AFP
ब्राज़ील के राष्ट्रपति जाएर बोलसोनारो और ब्राज़ील के लिए अमरीकी राजदूत टॉड चैपमैन

बोलसोनारो कोरोना वायरस को लगातार साधारण फ़्लू बताते रहे हैं और वायरस को लेकर उनकी प्रतिक्रिया की लगातार आलोचना होती रही है.

उनका दावा था कि अगर संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया जाएगा तो इससे अर्थव्यवस्था को काफ़ी नुकसान होगा और यह नुकसान वायरस के नुकसान से कहीं अधिक होगा. उन्होंने मीडिया की भी आलोचना की थी और कहा था कि मीडिया डर फैला रहा है.

बोलसोनारो इस दौरान कई बार लोगों से मुलाक़ात करते भी देखे गए लेकिन किसी भी मौक़े पर वो ना तो मास्क पहने देखे और ना ही एहतियात बरतते.

हालांकि फिलहाल बोलसोनारो कोरोना पॉज़ीटिव हैं और उनका दूसरा टेस्ट भी पॉज़ीटिव आया है. बोल्सोनारों ने मार्च में हालांकि दावा किया था कि उन्हें इस साधारण फ़्लू से कोई डर नहीं और उन्हें कुछ भी नहीं होगा.

अपने समर्थकों से मुलाक़ात करते ब्राजील के राष्ट्रपति जाएर बोलसोनारो
Getty Images
अपने समर्थकों से मुलाक़ात करते ब्राजील के राष्ट्रपति जाएर बोलसोनारो
महामारी फैलने से न रोक पाने के लिए कई लोगों ने बोलसोनारो की आलोचना भी की है
Getty Images
महामारी फैलने से न रोक पाने के लिए कई लोगों ने बोलसोनारो की आलोचना भी की है

एक ओर जहां लोगों में अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता है वहीं स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस को हल्के में लेना ख़तरनाक हो सकता है. ब्राज़ील में मनमुटाव के बीच एक स्वास्थ्य अधिकारी को उनके पद से हटा दिया गया और वहीं एक स्वास्थ्य अधिकारी ने स्वयं भी पद से इस्तीफ़ा दे दिया.

यह तस्वीर दिखाती है कि किस तरह बोलसोनारो कोरोना महामारी के दौरान अमरीकी राजदूत टॉड चैपमैन से मिले. यह उस दिन की तस्वीर है जिसके एक-दो दिन बाद ही उनमें संक्रमण के लक्षण नज़र आने लगे थे.

20 जून को ब्राज़ील जून का दूसरा सबसे अधिक संक्रमण वाला देश बन गया था और इसके साथ ही वहां संक्रमण के मामले भी दस लाख के पार हो गए थे. विशेषज्ञों का कहना है कि टेस्ट में कमी के कारण मामले और अधिक बढ़ सकते हैं. लेकिन ब्राज़ील में लॉकडाउन को बढ़ते मामलों के बादजूद हटा लिया गया. रियो और साओ पाउलो में रेस्त्रां, बार को दोबारा खोल दिया गया जबकि देश में संक्रमण के मामले कहीं से भी घटते नहीं दिख रहे हैं.

साओ पाउलो के एक अस्पताल का नज़ारा
Getty Images
साओ पाउलो के एक अस्पताल का नज़ारा

ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ महीनों में या इस साल के अंत तक वैक्सीन आ जाएगी. एस्ट्राज़ेनेका और सिनोवैक नाम की दो फ़ार्मास्युटिकल कंपनियों के साक्षा वैक्सीन टेस्ट से यह उम्मीद बढ़ी है कि फ़ाइनल फ़ेज़ के लिए वैक्सीन तैयार है और आने वाले समय में वॉलेंटियर पर इसका टेस्ट किया जा सकता है.

यह उम्मीद ब्राज़ील के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. ये तस्वीरें दिखाती हैं कि ब्राज़ील में कोरोना वायरस ने कितनी तबाही मचायी है.

हज़ारों की संख्या में कब्रें नज़र आ रही हैं और दूसरी ओर की ज़मीन को भविष्य की चिंताओं के लिए तैयार किया जा रहा है.

ब्राज़ील में कब्रिस्तान
REUTERS/Amanda Perobelli
ब्राज़ील में कब्रिस्तान
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English summary
How the coronavirus epidemic changed the map of this country
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