क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ईरानी ड्रोन ने पलट दी युद्ध की बाजी, फिर से पुतिन के काबू में आ रहा यूक्रेन, कैसे रोकेगा अमेरिका?

मिसाइलों को लॉन्च हो जाने के बाद 'कामिकेज़' ड्रोन्स वापस अपने बेस पर नहीं लौटते हैं, बल्कि वो एक हमले में नष्ट हो जाते हैं, इसीलिए ये काफी खतरनाक माने जाते हैं।

Google Oneindia News

Russia-Ukraine War: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध में एक बार और अपनी रणनीति बदल दी है और अब रूस ने यूक्रेन के इन्फ्रास्ट्रक्चर और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए सुसाइड ड्रोन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है और ये ड्रोन्स यूक्रेन में भीषण तबाही मचा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन युद्ध में अब रूस मुख्य तौर पर दो प्रमुख हथियारों का इस्तेमाल कर रही है, एक सुसाइड ड्रोन और दूसरा क्रूज मिसाइलें। रूसी ड्रोन्स ने जिस तरह से यूक्रेन में तबाही मचानी शुरू की है, उससे पश्चिमी देश काफी परेशान हैं और रिपोर्ट्स में दावा किया गया है, कि ईरान ने करीब 2500 ऐसे सुसाइड ड्रोन रूस को सौंपे हैं, जो यूक्रेन में भारी तबाही मचा रहे हैं।

ईरानी ड्रोन से यूक्रेन में तबाही

ईरानी ड्रोन से यूक्रेन में तबाही

अब तक रूस भारी संख्या में अपनी मिसाइलों का इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए कर रहा था, जिनकी कीमत लाखों करोड़ो रुपये होती है। हालांकि, इन मिसाइलों की रफ्तार काफी तेज होती हैं और इन्हें मार गिराना काफी मुश्किल भी होता है, लेकिन स्पीड ज्यादा होने की वजह से मिसाइलें ज्यादा भारी पेलोड ले जाने में सक्षम नहीं हो पाती हैं। लेकिन, ड्रोन से लड़ी जाने वाली लड़ाई अलग तरह की होती है। ड्रोन की कीमत मिसाइलों के मुकाबले काफी कम होती है। हालांकि, उनकी रफ्तार कम होती है, लेकिन इनके जरिए सटीक हमला करना और आसान हो जाता है। इसके साथ ही ड्रोन को झुंड में भेजकर अत्यधिक तबाही मचाई जा सकती है और रूस यही कर रहा है।

मिसाइल और ड्रोन में अंतर

मिसाइल और ड्रोन में अंतर

ऐसा अनुमान है कि, रूस ने 10 अक्टूबर को एक ही दिन में करोड़ों डॉलर के हथियार सामग्री का इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध में किया हो सकता है। 10 अक्टूबर को पुतिन ने युद्ध की रणनीति बदली थी और पूरे यूक्रेन में एक साथ करीब 80 क्रूज मिसाइलें दागी थीं। माना जाता है, कि रूस की कलिब्र मिसाइलें 2,000 किमी तक उड़ान भरने में सक्षम हैं और ध्वनि की गति से कई गुना तेज रफ्तार से अपने लक्ष्य पर हमला करती है। इसके साथ ही ये रूसी मिसाइल एक बार में करीब 400 किलोमीटर वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम है, जिनमें संभावित तौर पर परमाणु हथियार भी शामिल हैं। ये रूसी मिसाइल दुश्मन के युद्धपोतों या कमांड सेंटर जैसे अच्छी तरह से संरक्षित, उच्च मूल्य के सैन्य लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। उन्हें नीचे गिराने के लिए सोफिस्टिकेटेड एयर डिफेंस सिस्टम होने की जरूरत होती है, जो एक विस्तृत क्षेत्र की रक्षा करने के बजाय विशिष्ट, महत्वपूर्ण लक्ष्यों की रक्षा के लिए सबसे उपयुक्त माने जाते हैं।

कीव ने किया मिसाइलों को गिराने का दावा

कीव ने किया मिसाइलों को गिराने का दावा

हालांकि, यूक्रेन ने दावा किया है, कि पिछले हफ्तों रूस ने जितनी भी मिसाइलें यूक्रेन पर दागी थी, उनमें से आधी से ज्यादा मिसाइलों को मार गिराया गया। लेकिन, जो तबाही फैली है, उसे देखकर यूक्रेनी दावे पर भरोसा करना मुश्किल है। रूसी मिसाइल हमलों में कई यूक्रेनियन्स के मारे जाने के साथ साथ यूक्रेन के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। हालांकि, पश्चिमी विश्लेषकों को ठीक-ठीक पता नहीं है कि मॉस्को के पास अभी भी कितनी मिसाइलें बची हैं, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है, कि हर देश के पास सीमित संख्या में ही मिसाइलें होती हैं, लिहाजा इस बात की उम्मीद बहुत कम है, कि रूस के पास अब ज्यादा संख्या में मिसाइलें बची होंगी। लिहाजा, अब रूस के लिए मिसाइलों से हमला करना संभव नहीं रह गया है। हालांकि, पश्चिमी देशों ने यूक्रेन से एडवांस मिलिट्री एयर डिफेंस सिस्टम देने का वादा किया है, लेकिन इसके एक्टिवेट होने में कम से कम एक महीने का वक्त और लगेगा। अमेरिका ने यूक्रेन को यूएस नासाएमएस एयर डिफेंस देने की बात कही है। वहीं, जर्मनी ने पिछले हफ्ते चार IRIS-T वायु रक्षा प्रणालियों में से पहला यूक्रेन भेज दिया है, जिसे इंस्टॉल किया जा रहा है।

ड्रोन ने बदला युद्ध का तरीका

ड्रोन ने बदला युद्ध का तरीका

मानव रहित हवाई वाहन, जिसे ड्रोन कहा जाता है, उसने नई तरह की लड़ाई का आगाज कर दिया है और रूस ने जिस तरह से ड्रोन हथियारों का इस्तेमाल किया है, उससे यही पता चलता है, कि भविष्य में लड़ाई का तरीका और अंदाज बदलने वाला है। ड्रोन के जरिए निगरानी के साथ साथ या जमीन पर गोला बारूद का विस्फोट करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन ड्रोन को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का सबसे आसान तरीका है कि इसे सीधे लक्ष्य पर निशाना लगाया जाए और उसे उड़ा दिया जाए। वहीं, तथाकथित "कामिकेज़ ड्रोन", जिसको लेकर दावा किया गया है, कि वो ईरानी ड्रोन 'शहीद' है, उसकी कीमत काफी कम बैठती है, लेकिन ये ड्रोन तबाही मचाने में बवाल है। ईरानी ड्रोन की कीमत एक छोटी कार की कीमत के बराबर होती है, लिहाजा इसका इस ड्रोन से लड़ी जाने वाली लड़ाई सस्ती हो जाती है। रूस ने पिछले कुछ हफ्तों में यूक्रेन के खिलाफ पहले ही उनमें से सैकड़ों का इस्तेमाल किया है, और माना जाता है कि ईरान से रूस ने 2,500 से ज्यादा ड्रोन खरीदे हैं।

'कामिकेज़' ड्रोन क्यों है खतरनाक?

'कामिकेज़' ड्रोन क्यों है खतरनाक?

मिसाइलों को लॉन्च हो जाने के बाद 'कामिकेज़' ड्रोन्स वापस अपने बेस पर नहीं लौटते हैं, बल्कि वो एक हमले में नष्ट हो जाते हैं, इसीलिए 'कामिकेज़' ड्रोन्स को 'सुसाइड' ड्रोन्स भी कहा जाता है। अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा विशेषज्ञ एलेक्स गैटोपोलोस ने कहा कि, इस ड्रोन की खासियत ये है, कि पहले ये क्षेत्र में जाकर अपने टारगेट का पता लगाता है, अपने लक्ष्य का खुद पहचान करता है और फिर उसे टारगेट को ध्वस्त करता है। दूसरी सबसे बड़ी खासियत ये है, कि क्रूज मिसाइलों की तरह ये ड्रोन भी सैकड़ों किलोमीटर दूर लक्ष्य पर हमला कर सकते हैं, लेकिन क्रूज मिसाइलें महंगी हैं और 'कामिकेज़' एक सस्ता मगर सटीक विकल्प हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने भी दावा किया हुआ है, कि, रूस ने 2,400 "कामिकेज़" ड्रोन खरीदे हैं।

China News: 'बुद्धिजीवी गैंग' की महिलाओं के जरिए चीन दुनिया में कैसे फैला रहा अपना प्रोपेगेंडा?China News: 'बुद्धिजीवी गैंग' की महिलाओं के जरिए चीन दुनिया में कैसे फैला रहा अपना प्रोपेगेंडा?

Comments
English summary
How Iranian Drones Changed the War in Ukraine and How the Future War Trailer Showing Ukraine?
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X