Heat dome क्या है ? जिसमें झुलस रहा है कनाडा और अमेरिका
टोरंटो, 1 जुलाई: कनाडा और अमेरिका के कुछ हिस्से इन दिनों अप्रत्याशित तापमान में झुलस रहे हैं। हालात ऐसी हो चुकी है कि गर्मी में झुलसने से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। इस अत्यधिक तापमान के पीछे जलवायु की एक घटना को जिम्मेदार माना जा रहा है, जिसे हीट डोम (गर्म गुंबद) कहते हैं। कनाडा के चीफ कोरोनर लीजा लैप्वाइंटे ने कहा है कि उनका देश बहुत ज्यादा गर्म हवाओं की चपेट में है, जिसकी वजह से पांच दिनों के अंदर मौत के आंकड़ों में 195 फीसदी इजाफा हो गया है। एक बयान में उन्होंने कहा है कि 'हमारी एजेंसी में शुक्रवार और आज दिन के 1 बजे के बीच में कम से कम 486 मौतें अचानक और अप्रत्याशित तरीके से दर्ज की गई हैं।'
कनाडा और अमेरिका में क्या हुआ है
कनाडा में असामान्य गर्म हवाओं की थपेड़ों के चलते तापमान 49.5 डिग्री तक पहुंच गया है, जो कि वहां अब तक का रिकॉर्ड है। मौसम विशेषज्ञों ने जलवायु की इस घटना के लिए हीट डोम के प्रभाव को जिम्मेदार माना है। कहा जा रहा है कि कनाडा पर 10 हजार साल में पहली बार इस तरह के हीट डोम का असर पड़ा है। इस क्षेत्र में हर साल 16.4 डिग्री सेल्सियस ही औसत तापमान दर्ज किया जाता है। लेकिन, जहां कभी भी तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार नहीं गया, वहां इसबार करीब 50 डिग्री के करीब तक पहुंच गया है।
हीट डोम क्या है ?
अमेरिका के कॉमर्स डिपार्टमेंट के नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के मुताबिक हीट डोम तब बनता है, जब वायुमंडल गर्म समुद्री हवा को ढक्कन या टोपी की तरह ढंक लेता है। एनओएए के मुताबिक यह घटना तब होती है, जब समुद्र के तापमान में बहुत ज्यादा बदलाव आता है। इसकी वजह से समुद्र की गर्म सतह ज्यादा गर्म हवाओं को ऊपर उठने को मजबूर करती हैं। सामान्य शब्दों में समझें तक वायुमंडल का उच्च दबाव गर्म हवा को नीचे की ओर धकेलता है। इसके चलते गर्म हवा वातावरण में फैलने लगती है, और वह गर्म चैंबर की तरह काम करने लगती है। उच्च दबाव की वजह से बादल भी ढक्कननुमा डोम से दूर धकेल दिए जाते हैं और नीचे हवा सिकुड़ती है और लू चलने लगती है। अभी जो कनाडा और अमेरिका के एक हिस्से में तापमान कहर बरपा रहा है, उसके पीछे एक्सपर्ट आर्कटिक के ऊपर बने उच्च दबाव की वजह से बना वायुमंडलीय विक्षोभ को वजह बता रहे हैं, जिसके चलते तापमान ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
हीट डोम कितने समय तक रह सकता है
कई मौसम वैज्ञानिकों और एनओएए जैसे संगठन जलवायु परिवर्तनों के अध्ययन के आधार पर इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि हीट डोम आमतौर पर एक सप्ताह तक रहता है। उनका कहना है कि आखिरकार हीट डोम का फॉर्मेशन इतना लचीला होने लगता है कि वह अपनी स्थिति में नहीं टिक पाता और वह कमजोर पड़ जाता है, जिसके चलते उसके अंदर फंसी गर्म हवा निकलने लगती है और तपिश से छुटकारा मिल जाता है। (ऊपर की तस्वीर सौजन्य-नासा)
हीट डोम का प्रभाव
हीट डोम की स्थिति में जो लोग बिना एयर कंडिशनर के रहते हैं, उनके लिए अत्यधिक तापमान को झेलना नामुमकिन होने लगता है और अचानक मौतों का सिलसिला शुरू हो जाता है, जैसा कि कनाडा और अमेरिका के कुछ हिस्से में देखने को मिला है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इसके चलते फसल भी बर्बाद हो सकते हैं और हरियाली खत्म हो सकती है, जिससे अकाल की स्थिति पैदा हो सकती है। प्रचंड गर्मी के चलते ऊर्जा की मांग भी बढ़ जाती है। यही नहीं जलवायु की यह घटना जंगल के आग के लिए भी जिम्मेदार हो सकती है, जिसके चलते अमेरिका की काफी हरी जमीन हर साल बर्बाद हो जाती है।
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जलवायु परिवर्तन से जुड़ा है हीट डोम
मौसम वैज्ञानिक धरती के बढ़ते तापमान(जलवायु परिवर्तन) की ओर लगातार ध्यान दिलाते रहे हैं। एनओएए के 2017 के एक सर्वे के मुताबिक 19वीं सदी के आखिर से अमेरिका का औसत तापमान बढ़ गया है। जलवायु एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले दशकों में ज्यादा गर्म हवाओं वाले दिनों का सामना करना पड़ेगा। (कुछ तस्वीरें-सांकेतिक और सोशल मीडिया के सौजन्य से)