France: पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने पर टीचर का सिर कलम
पेरिस। फ्रांस में एक दिल दहलाने वाली घटना को अंजाम दिया गया है। यहां पर क्लास में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने पर एक टीचर का सिर कलम कर दिया गया है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो ने इसे एक इस्लामिक आतंकी हमला करार दिया है। शुक्रवार को स्कूल के अंदर हुई इस घटना ने हर किसी को दहला दिया है। हमलावर की पहचान पुलिस ने अभी सार्वजनिक नहीं की है। पुलिस का कहना है कि हमलावर को गिरफ्तार करने की कोशिश में उसे गोली मारनी पड़ी और उसकी मौत हो गई है।
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आतंकी संगठन की साजिश का अंदेशा
पुलिस की तरफ से बताया गया है कि हर आतंकी हमले से पहले यहां भी हमलावर 'अल्लाह हू अकबर' चिल्ला रहा था। फ्रांस साल 2015 से ही इस्लामिक आतंकवाद को झेल रहा है। यहां पर उस वर्ष पहले मैगजीन चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर आतंकी हमला हुआ और इसके बाद मुंबई स्टाइल में हमलों को अंजाम दिया गया था। फ्रांस के आतंक-विरोधी अभियोजकों का कहना है हमला किसी आतंकी संगठन के उकसाने पर किया गया है। हमला पेरिस में शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार शाम 5 बजे हुआ और इस समय मृत टीचर मौजूद थी। स्कूल राजधानी पेरिस से करीब 30 किलोमीटर दूर है। राष्ट्रपति मैंक्रो ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि यह एक आतंकी हमला है। राष्ट्रपति मैंक्रो हमले के बाद काफी दुखी नजर आए। उन्होंने कहा कि पूरा देश टीचर्स की रक्षा के लिए खड़ा है और उन पर कोई भी आंच नहीं आने दी जाएगी। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक चार लोग जिसमें से एक नाबालिग है, उसे गिरफ्तार किए गए हैं। ये सभी लोग हमलावर से जुड़े हुए हैं।
मुसलमान बच्चों को जाने के लिए कहा
पुलिस की तरफ से बताया गया है कि जिस टीचर की हत्या हुई है वह इतिहास पढ़ाते थे। हाल ही में उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को क्लास में दिखाया था। यह कार्टून फ्रीडम ऑफ स्पीच पर हुई चर्चा के तहत दिखाया गया था। स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र के माता-पिता का कहना है कि कार्टून दिखाते समय मुसलमान छात्रों को क्लास रूम से बाहर जाने के लिए कहा था। शायद इसकी वजह से ही उन्होंने एक विवाद को जन्म दे दिया था। बच्चे के पिता नॉरडिने ने कहा, 'मेरे बेटे ने बताया कि वह बहुत ही अच्छे और बहुत ही दोस्ताना व्यवहार वाले टीचर थे। मेरे बेटे ने मुझे बताया कि टीचर ने मुस्लिम बच्चों से कहा था कि वह उनकी भावनाओं को चोट नहीं पहुंचाना चाहते और इसलिए ही उन्हें जाने के लिए कह दिया।' जो आईडी कार्ड हमलावर के पास से मिला है उससे पता लगता है कि उसका जन्म साल 2002 में मॉस्को में हुआ था। हालांकि जांचकर्ता अभी औपचारिक पहचान का इंतजार कर रहे हैं।