राफेल सौदे पर फ्रांस ने राहुल गांधी के बयान का किया खंडन, कहा- दोनों देश डील सार्वजनिक नहीं करने के लिए बाध्य
नई दिल्ली। राहुल गांधी के राफेल सौदे पर दिए संसद में बयान के बाद फ्रांस ने बयान जारी किया है। मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हुई बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण में दावा करते हुए कहा था कि उनकी फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात हुई थी। राहुल ने कहा मैंक्रो ने उन्हें साफ-साफ कहा था कि ऐसा कोई भी पैक्ट नहीं है कि डील की बातें सार्वजनिक न की जा सकें। इस बीच फ्रांस सरकार ने कहा राहुल गांधी के बयान का खंडन करते हुए कहा है कि भारत और फ्रांस के बीच हुआ सुरक्षा समझौते को सार्वजनिक नहीं करने के लिए दोनों देश कानूनी रूप से बाध्य है।
फ्रांस ने बयान जारी करते हुए कहा, 'हमने भारतीय संसद में राहुल गांधी के बयान का गौर किया है। फ्रांस और भारत के बीच 2008 में सुरक्षा समझौता हुआ था, जिसमें दोनों देश रक्षा से जुड़ी जानकारी को सार्वजनिक नहीं करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है।' फ्रांस ने आगे कहा कि जो भारत या फ्रांस के रक्षा उपकरणों की सुरक्षा और ऑपरेशनल क्षमताओं को प्रभावित कर सकता है। फ्रांस के मुताबिक, 36 राफेल एयरक्राफ्ट और उनके हथियारों को खरीदने को लेकर 23 सितंबर 2016 को स्वभाविक रूप से आईजीए (Inter-Governmental Agreement) के तहत अंतिम रूप दिया गया है।
उधर राहुल गांधी संसद में दिए अपने बयान पर अड़े हुए हैं। राहुल गांधी अपने बयान को दोहराते हुए कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने मनमोहन सिंह के सामने कहा था कि सरकार अगर चाहे तो राफेल सौदे को लेकर डील सार्वजनिक कर सकती है।