फ्रांस मीडिया ने अपनी सरकार से पूछा- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को छोड़कर रिलांयस के पास कैसे पहुंची डील?
पेरिस। राफेल की आग अब भारत से आगे निकलकर वहां तक पहुंच गई है, जिस देश के साथ करार हुआ था। फ्रांस के मीडिया ने भारत के साथ हुए राफेल सौदे को लेकर अपनी सरकार पर सवाल उठाए हैं, जिसकी तुलना बोफोर्स घोटाले से कर दी है। फ्रांस में 'फ्रांस 24' नाम के अखबार ने अपने देश की सरकार से सवाल पूछा है कि बिल्कुल नई कंपनी रिलायंस डिफेंस में ऐसा क्या मिल गया, जो 78 सालों से हथियारों पर काम कर रही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में नहीं मिला और 2007 की डील को 2015 में जाकर बदलनी पड़ी?
फ्रांस 24 ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राफेल सौदा में जो कुछ भी बदलाव हुआ है, वो चौंकाने वाला है। फ्रांस 24 ने कहा कि मनमोहन सिंह के वक्त HAL के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किया गया था, लेकिन 2015 में मोदी सरकार आने के बाद यह डील रिलायंस डिफेंस के पास कैसे चली गई।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत में HAL के पास डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग का 78 साल का अनुभव है और अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस के पास कोई अनुभव नहीं है, फिर डील ट्रांसफर हुई। फ्रांस 24 ने दावा किया है कि दसॉल्ट कंपनी ने HAL को छोड़कर जिस दूसरी कंपनी के साथ डील की वह (रिलायंस डिफेंस) 15 दिन बाद अस्तित्व में आई।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, जिस प्रकार से बोफोर्स घोटाला हुआ था, उसी प्रकार राफेल सौदा भी भारत में आने वाले चुनावों को प्रभावित कर सकता है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल सौदे को लेकर लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है।
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