'मिस्टीरियस लेडी' की ममी से बनी खूबसूरत तस्वीर, फोरेंसिक एक्सपर्ट्स ने किया चौंकाने वाला दावा
बायो- साइंस एक्सपर्ट्स वर्षों पुरानी संरक्षित ममी के जरिए मानव जीवन से जुड़े प्राचीन इतिहास के पन्ने पलट रहे हैं। कई चौंकाने वाले दावे सामने आए हैं। वैज्ञानिकों ने हाल में मिस्टीरिय लेडी की ममी को लेकर एक शोध किया है।
Picture of Mysterious Lady from mummy: बायो- साइंस एक्सपर्ट्स वर्षों पुरानी संरक्षित ममी के जरिए मानव जीवन से जुड़े प्राचीन इतिहास के पन्ने पलट रहे हैं। इस दौरान कई चौंकाने वाले दावे सामने आए हैं। वैज्ञानिकों ने हाल में उस ममी को लेकर एक शोध किया जो मिस्र की एक प्राचीन ममी है। इसे 'मिस्टीरियल लेडी' ( Mysterious Lady) के नाम से जाना जाता है।
ममी का चौंकाने वाला एनालिसिस
ममी के विश्लेषण से पता चला कि महिला की मौत के बाद उसके इंटरनल आर्गन्स को हटा दिया गया था। वैज्ञानिकों का मत है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि ममी को सुरक्षित रखा जा सके। ममी को संरक्षित रखने के लिए ऐसा करने का कारण साइंटिस्ट्स प्राचीन मान्यता मान रहे हैं। उनका कहना है कि इस वक्त मिस्र की मान्यताओं के चलते ऐसा किया गया होगा।
मौत के समय गर्भवती थी लेडी
'द मिस्टीरियस लेडी' एक प्राचीन मिस्र की महिला की ममी है। जिस वक्त महिला की मौत हुई वो गर्भवती थी। लंबे समय से शोधकर्ता उसकी पहचान करने में जुटे थे। अब मिस्टीरियस लेडी के चेहरे को लेकर एक तस्वीर के जरिए चौंकाने वाला दावा किया गया है। ये तस्वीर सामने आने के बाद ममी शोध से साइंटिस्ट्स भी हैरत में हैं।
ममी के जरिए मिस्र की प्राचीन सभ्यता पर शोध
मिस्र लंबे समय से दुनिया भर के पुरातत्त्वविदों के लिए उत्सुकता का स्रोत रहा है। यहां कई ममी के संरक्षित अवशेष भी मौजूद हैं। मिस्र की ये सभ्यता प्राचीन मकबरों के साथ दशकों से जांच के दायरे में रही है। समय-समय पर दफन की गई ममियों को लेकर खुलासा होता रहा है। वहीं मेडिकल साइंस की आधुनिक प्रौद्योगिकी ने अब शोधकर्ताओं को मृतकों का चेहरा सामने लाने मे सक्षम बना दिया है।
कौन है मिस्र की रहस्यमयी महिला?
फॉरेंसिक विशेषज्ञ अब एक ममी का जीवन जैसा चेहरा बनाने में कामयाब हुए हैं। इसे इजिप्ट में एक रहस्यमयी महिला (The Mysterious Lady) के रूप में जाना जाता है। 'द मिस्टीरियस लेडी' मिस्र की एक प्राचीन महिला है। उसकी असली पहचान ने शोधकर्ताओं को वर्षों तक चकित किया है। वह अपनी गर्भावस्था के सातवें महीने में थी। शोधकर्ताओं ने भ्रूण के कई डिजिटल रेंडर और डिस्ट्रीब्यूशन के जरिए उसकी रीयल हिस्ट्री तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की है।
साइंटिस्ट्स ने किया ये दावा
वारसॉ ममी प्रोजेक्ट (Warsaw Mummy Project) के शोधकर्ताओं का लक्ष्य ममीकृत व्यक्तियों का इतिहास सामने लाने का लक्ष्य है। जिससे स्पष्ट हो सके की वो अपने जीवनकाल के दौरान कैसे दिखते होंगे। ताजा शोध दो फोरेंसिक विशेषज्ञों ने अब 2डी और 3डी दोनों तकनीकी का उपयोग कर रहस्यमयी महिला के चेहरे की तस्वीर बनाई है। साइंटिस्ट्स ने अनुमान व्यक्त किया है कि गर्भावस्था के दौरान 20 साल की उम्र में महिला की मृत्यु हो गई थी। शोधकर्ताओं ने कहा कि वो कैंसर से पीड़ित थी।
साइंटिस्ट्स ने कैसे की खोज?
दरअसल, हड्डियां और खोपड़ी, विशेष रूप से, किसी व्यक्ति के चेहरे के बारे में बहुत सारी जानकारी देती हैं। हलांकि इन सबके विश्लेषण के साथ बनी तस्वीर को सटीक नहीं माना जा सकता। लेकिन बायो- साइंस के अनुसार,खोपड़ी से मानव आकृतियों के एक सेट का पता चलता है । जिसके आधार पर आंशिक रूप से किसी भी मृत व्यक्ति की वास्तविक तस्वीर के समान एक तस्वीर बनाई जा सकती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि मिस्र की महिला की कहानी जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं को छूती है। उसके जन्म और मृत्यु, गर्भावस्था पता चलता है। फोरेंसिक टीम ने मिस्र के केटोवाइस में सिलेसिया संग्रहालय में एक प्रदर्शनी में इस ममी के चेहरे के प्रदर्शित किया।