चीन बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा है, जानिए चीनी विदेश मंत्री ने दुनिया से क्या कहा?
न्यूयार्क, 25 सितंबरः यूएन महासभा के 77वें सत्र के अंतिम दिन चीन ने ताइवान, चीन की वन चाइना पॉलिसी और कोरोना महामारी पर दुनिया का ध्यान खींचा। इस सत्र में भाषण देते हुए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा है। इसकी वजह उन्होंने कोरोना महामारी को बताया। उन्होंने ये भी कहा कि चीन काफी अशांत होने के बाद भी भविष्य को लेकर आशांवित है।
चुनौतियों भरे दौर से गुजर रहा चीन
चीन के विदेश मंत्री वांग ने यूएन महासभा में कहा कि चीन चुनौतियों से भरे दौर से गुजर रहा है। कोरोना महामारी बार-बार अपना सर उठा रही है वहीं वैश्विक सुरक्षा में भी अनिश्चितता का माहौल है। हालांकि इतनी मुसीबतों के बाद भी चीन ने उम्मीद नहीं खोई है। अपने भाषण में वांग ने दुनिया में बढ़ते बहु-ध्रुवीकरण, गहराते आर्थिक वैश्वीकरण के अलावा कई अन्य बातों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चीन शांति और विकास दोनों का ही पक्षधर रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को बताया गलत
चीन के विदेश मंत्री वांग ने कहा कि विकास के लिए सहयोग की जरूरत को कोई नकार नहीं सकता है। इस मौके पर उन्होंने रूस और यूक्रेन युद्ध पर अपने विचार रखते हुए स्पष्ट शब्दों में इसको गलत करार दिया। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व को शांति के साथ खड़ा होना होगा और युद्ध का विरोध करना होगा। वांग ने यह भी कहा कि युद्धरत देशों को मतभेदों को छोड़ बातचीत के जरिए हल करने के लिए आगे आना होगा।
130 देशों का व्यापारिक साझीदार है चीन
विदेश मंत्री वांग ने 77वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि चीन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के अलावा एक तेजी से विकसित होता देश भी है। इसके लिए वो दूसरे देशों से भी सहयोग की अपेक्षा करता है। चीन वैश्विक विकास में भी योगदान देने के साथ ही विश्व के करीब 130 देशों का व्यापारिक साझेदार भी है। इसके साथ ही चीन यूएन चार्टर के सिद्धान्तों के लिये भी हमेशा प्रतिबद्ध रहा है।
ताइवान को बताया चीन का अविभाज्य हिस्सा
इसके साथ ही चीनी विदेश मंत्री वांग ने ताइवान को चीन का अविभाज्य हिस्सा बताया। अपनी बात रखते हुए उन्होंने इतिहास का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही ताइवान,चीन का अविभाजित अंग है। चीन की वन चाइना पालिसी का ये हिस्सा है। इसको यूएन भी मानता है।