Flashback 2020: 28 साल बाद चुनाव हारने वाले पहले राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप
वॉशिंगटन। साल 2020 को यूं तो कोरोना वायरस महामारी की वजह से कोई नहीं याद करना चाहेगा। लेकिन अमेरिका में रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए यह साल दोहरा दर्द लेकर आया। ट्रंप इस वर्ष उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें व्हाइट हाउस में चार साल और मिलेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। चुनाव प्रचार के दौरान वह कोरोना संक्रमित भी हुए और चुनाव भी हार गए। 3 नवंबर को कोरोना महामारी के बीच ही अमेरिका में 46वें राष्ट्रपति का चुनाव हुआ। इन चुनाव में डेमोक्रेट जो बाइडेन ने रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी शिकस्त दी। 20 जनवरी 2021 को अमेरिका के पूर्व उप-राष्ट्रपति बाइडेन का एक सपना पूरा होगा और वह राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
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हर बैटलग्राउंड स्टेट में हारे ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप को हर बड़े बैटलग्राउंड स्टेट में हार का सामना करना पड़ा। जॉर्जिया, पेंसिलवेनिया, एरिजोना, कैलिफोर्निया और यहां तक कि न्यूयॉर्क में भी वह हार गए। ट्रंप हर जगह कोर्ट में केस दायर कर रहे थे और नतीजों को चुनौती दे रहे थे। उन्होंने अभी तक हार नहीं स्वीकार की है। नवंबर माह के अंत में ट्रंप के रुख थोड़ा बदले और जनरल सर्विस एडमिनिस्ट्रेशन (जीएसए) ने निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के लिए फंड रिलीज किया। इसके साथ ही औपचारिक तौर पर ट्रांजिशन की शुरुआत भी हो गई। हालांकि ट्रंप अपनी बात पर अड़े हैं कि वह चुनाव नहीं हारे हैं। पिछले दिनों उन्होंने व्हाइट हाउस में आयोजित पार्टी में मजाक में कहा कि अब वह साल 2024 में दोबारा मिलेंगे। ट्रंप को इन चुनाव में 232 इलेक्टोरल वोट्स हासिल हुए तो जो बाइडेन को 304 के करीब इलेक्टोरल वोट्स मिले हैं।
28 साल बाद आया यह मौका
रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप साल 1992 के बाद पहले ऐसे राष्ट्रपति बने हैं जिन्हें दूसरी बार मौका नहीं मिल सका। उनसे पहले उनकी ही पार्टी के जॉर्ज एच डब्लू बुश को हार का सामना करना पड़ा था और वह दूसरा कार्यकाल हासिल करने से चूक गए थे। बुश के बाद बिल क्लिंटन, उनके बेटे जॉर्ज डब्लू बुश (जूनियर) और बराक ओबामा सफलतापूर्वक दो बार चुने गए थे।जॉर्ज एच डब्लू बुश सन् 1992 में जब चुनाव हुए तो अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के एक लंबे शासन का अंत हुआ। सन् 1968 से अमेरिका में बस इसी पार्टी के राष्ट्रपति चुना जा रहा था। उस साल बुश की अप्रवूर रेटिंग 89 प्रतिशत थी और उनके दोबारा चुने जाने के चांस बहुत ज्यादा था। 1992 में उनके सामने अराकंसास के गर्वनर 46 साल के बिल क्लिंटन जो डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार थे, टक्कर देने के लिए मौजूद थे। चुनाव हुए तो क्लिंटन ने न सिर्फ पॉपुलर वोट्स जीते बल्कि इलेक्टोरल में भी भारी वोट्स हासिल किए। क्लिंटन को उस समय 370 इलेक्टोरल वोट्स मिले थे। जबकि बुश को 168 ही इलेक्टोरल कॉलेज हासिल हो सके। क्लिंटन अमेरिका के इतिहास में सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति चुने गए थे।