यमन: राजधानी सना से उड़ी छह साल में पहली बार वाणिज्यिक उड़ान
साना, 17 मई। राजधानी सना पर हूथी विद्रोहियों का कब्जा है और इस उड़ान के भरने से शांति स्थापना के और प्रबल होने की संभावना जताई जा रही है. यमनी यात्री विमान 126 यात्रियों को लेकर सना से जॉर्डन की राजधानी अम्मान के लिए रवाना हुआ. विमान मरीजों और उनके परिवारों को ले जा रहा था, जो इलाज के लिए विदेश जा रहे थे. यह लगभग छह वर्षों में सना हवाई अड्डे से पहली व्यावसायिक उड़ान थी.
सना हवाई अड्डे को अगस्त 2016 से वाणिज्यिक उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया था. सऊदी के नेतृत्व वाला सैन्य गठबंधन यमन में ईरानी समर्थित हूथी विद्रोहियों से लड़ रहा है. यमन अरब दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है. व्हीलचेयर पर बैठी एक मरीज लुत्फियाह ने कहा, "मैं सना हवाई अड्डे के खुलने से बहुत खुश हूं. आज उत्सव का दिन है और मुझे आशा है कि यह खुला रहेगा."
सना निवासी मोहम्मद जैद अली अपनी साढ़े तीन साल की बेटी रजान के साथ यात्रा कर रहे थे. उनकी बेटी को ब्रेन ट्यूमर है. अली ने जॉर्डन पहुंचने पर समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "यमन से इलाज के लिए जा रहे निराशाजनक लोगों से फ्लाइट भरी हुई थी, इन लोगों को इस मौके के लिए सात साल तक इंतजार करना पड़ा."
संघर्ष विराम से मुमकिन
दरअसल यमनी सरकार सरकार और विद्रोहियों के बीच युद्ध विराम पर सहमति बनने के बाद विमान का उड़ना संभव हो पाया. रमजान के महीने की शुरुआत के साथ दो अप्रैल से संघर्ष विराम लागू है. शांति समझौते के प्रभावी होने के पांच दिन बाद, यमन के राष्ट्रपति जो सऊदी अरब में स्थित हैं, उन्होंने विद्रोहियों के साथ बातचीत करने के लिए काम करने वाली एक नेतृत्व परिषद को अपनी शक्तियां सौंप दीं. सना से उड़ानों को फिर से शुरू करना, विद्रोहियों के कब्जे वाले शहर ताइज के लिए सड़कों को फिर से खोलना और होदेइदाह के हूथी प्रबंधन वाले बंदरगाह पर डॉक करने के लिए ईंधन टैंकरों की अनुमति सभी संघर्ष विराम समझौते का हिस्सा थे.
यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र दूत हांस ग्रुंडबर्ग ने यमन सरकार के इस कदम को रचनात्मक सहयोग बताते हुए इसकी सराहना की है. ग्रुंडबर्ग ने कहा, "युद्ध से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति करने को लेकर यह और अधिक प्रयास करने के लिए दोनों पक्षों के साथ आने का यह एक पल होना चाहिए."
युद्ध विराम समझौते के तहत सना से जॉर्डन और मिस्र के काहिरा के लिए सप्ताह में दो व्यावसायिक उड़ानों के आने-जाने की इजाजत दी गई थी. अमेरिका ने भी उड़ान का स्वागत किया. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा, "अमेरिका विभिन्न पक्षों को यमनी लोगों की खातिर व्यापक शांति प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए इस मौके को पकड़ने करने के लिए प्रोत्साहित करता है."
एक युद्ध जिससे तबाह हुआ देश
यमन युद्ध की शुरुआत 2014 में हुई थी जब ईरान द्वारा समर्थित बागी हूथियों ने राजधानी सना समेत उत्तर के कई इलाकों पर कब्जा जमा लिया था. महीनों बाद अमेरिका द्वारा समर्थित और सऊदी अरब के नेतृत्व में एक गठबंधन ने हस्तक्षेप किया. गठबंधन ने बागियों से सत्ता छीन ली और एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार बनवा दी.
युद्ध से तबाह यमन की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र को सभी देशों से उम्मीद
लेकिन हाल के सालों में यह एक छद्म युद्ध बन गया है जिसने 1,50,000 लोगों की जान ले ली है. मरने वालों में 14,500 से भी ज्यादा आम लोग थे. युद्ध ने दुनिया के सबसे बुरे मानवीय संकट को भी जन्म दे दिया है. आज देश की करीब 3.2 करोड़ आबादी में अधिकांश लोग हूथी नियंत्रत इलाकों में हैं.
एए/वीके (एएफपी, एपी)
Source: DW