पाकिस्तान में शुरू हुआ किसान आंदोलन, किसानों की मांगें मानने से सरकार क्यों कर रही है इनकार?
पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ हजारों किसान सड़कों पर उतर गए हैं। किसान इत्तिहाद (किसान संघ) के नेतृत्व में किसानों ने दूसरे दिन इस्लामाबाद के रेड जोन में प्रदर्शन किया।
इस्लामाबाद, 29 सितंबरः पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ हजारों किसान सड़कों पर उतर गए हैं। किसान इत्तिहाद (किसान संघ) के नेतृत्व में किसानों ने दूसरे दिन इस्लामाबाद के रेड जोन में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी बिजली और उर्वरकों की उच्च लागत का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने मांगें पूरी न होने पर डी-चौक क्षेत्र की ओर मार्च करने की धमकी दी है, जहां महत्वपूर्ण सरकारी प्रतिष्ठान स्थित हैं।
रेड जोन में किसानों ने किया प्रदर्शन
जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारी किसान जिन्ना एवेन्यू पहुंचे। यहां पर अपनी मांगों को पूरा करने के लिए प्रदर्शनकारी किसान डी-चौक, रेड जोन की ओर बढ़ गए। इस बीच एक्सप्रेस रोड और उससे सटे हाईवे पर धरने के कारण भारी ट्रैफिक जाम हो गया। प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद अभी तक प्रदर्शनकारियों से बातचीत नहीं हो पाई है।
पुरानी बिजली दर लागू करने की मांग
किसानों की मांग है कि 5.3 रुपये प्रति यूनिट के पिछले ट्यूबवेल बिजली शुल्क को बहाल किया जाए और सभी करों को माफ किया जाए। प्रदर्शनकारियों ने खाद की कालाबाजारी को समाप्त करने कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई करने और यूरिया की दर में कमी की मांग की है। किसानों की यह भी मांग है कि कृषि को उद्योग का दर्जा दिया जाए।
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पाकिस्तान में बाढ़ के कारण हालात बिगड़े
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि सरकार ने अभी तक उनके साथ बातचीत करने के लिए कोई प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजा है। केवल स्थानीय प्रशासन ने उनसे धरना के लिए जगह उपलब्ध कराने के लिए बातचीत की है। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने सरकार के प्रस्ताव को नजरअंदाज कर दिया। इस बीच पुलिस अधिकारियों ने कहा कि राजधानी प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके साथ बातचीत करने के प्रयास किए हैं। पाकिस्तान में पिछले दिनों आई बाढ़ के कारण वहां पर महंगाई चरम पर पहुंच गई है।
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सरकार के लिए मुसीबत बना किसान आंदोलन
किसान का विरोध पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक नई चुनौती है, जिसके हाथों में पहले से ही एक नाजुक अर्थव्यवस्था और व्यापक बाढ़-विनाश से निपटने का एक बड़ा काम है। पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री इशाक डार ने बुधवार को कहा कि वह ब्याज दरों में कटौती करते हुए मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए काम करेंगे।
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