गोताबाया राजपक्षे अगले हफ्ते लौटे सकते हैं श्रीलंका, पिछले महीने देश छोड़कर हुए थे फरार
रूस में श्रीलंका के पूर्व राजदूत उदयंगा वीरातुंगा को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया गया था और कई महीने बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
कोलंबो, अगस्त 18: श्रीलंका से फरार होने वाले देश के पूर्व राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे अब देश लौटने की तैयारी कर रहे हैं और ऐसी रिपोर्ट है, कि अगले हफ्ते गोताबाया राजपक्षे वापस श्रीलंका लौट सकते हैं। श्रीलंका में पिछले महीने गोताबाया राजपक्षे के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन किए गये थे और प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद वो अपनी जान बचाकर देश से फरार हो गये थे। और अब रिपोर्ट है, कि गोताबाया राजपक्षे वापस श्रीलंका लौटने वाले हैं।
श्रीलंका लौटेंगे गोटाबाया राजपक्षे
श्रीलंकन अखबार डेली मिरर ने बुधवार को कहा कि, रूस में श्रीलंका के पूर्व राजदूत उदयंगा वीरातुंगा, जो गोटाबाया से भी संबंधित हैं, उन्होंने संकेत दिए हैं, कि 24 अगस्त को गोताबाया श्रीलंका लौट आएंगे। आपको बता दें कि, श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसके कारण पिछले दिनों देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसने राजपक्षे को विदेश भागने के लिए मजबूर कर दिया था और पिछले महीने उन्होंने अपना इस्तीफा भी सौंप दिया था। राजपक्षे की वापसी पर एक सवाल के जवाब में वीरतुंगा ने कहा कि, "तारीख बदल सकती है। मैं इसे आज जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं। लेकिन, अगर वह बाद में तारीख बदलते हैं तो मैं कुछ नहीं कह सकता।"
फरवरी में गिरफ्तार हुए थे वीरतुंगा
आपको बता दें कि, रूस में श्रीलंका के पूर्व राजदूत उदयंगा वीरातुंगा को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया गया था और कई महीने बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था। उन्होंने 2006, जब राजपक्षे ने रक्षा मंत्रालय के सचिव के रूप में कार्य किया। उन्होंने डेली मिरर के हवाले से यह पूछे जाने पर, कि क्या गोटबाया राजपक्षे फिर से राजनीति में शामिल होंगे, वीरतुंगा ने कहा कि वह एक चतुर राजनेता नहीं बल्कि एक चतुर अधिकारी थे। उन्होंने कहा कि, "मुझे नहीं लगता कि हमारे लोगों को फिर से मूर्ख होना चाहिए। वह एक राजनेता के रूप में एक चतुर व्यक्ति नहीं है। वह एक चतुर सैन्य अधिकारी है। उसके पास कोई भी गुण नहीं है जो महिंदा राजपक्षे के पास है। इसलिए उन्होंने सब गलत किया।" वीरतुंगा ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे देश की सेवा करेंगे।
फिलहाल थाईलैंड में हैं राजापक्षे
गोटाबाया राजपक्षे पिछले हफ्ते सिंगापुर से रवाना होने के बाद थाईलैंड पहुंचे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीलंकाई सरकार के अनुरोध के बाद उन्हें थाईलैंड में प्रवेश दिया गया था। करीब एक महीने तक सिंगापुर में रहने के बाद उन्होंने पिछले गुरुवार को सिंगापुर छोड़ दिया था। पूर्व राष्ट्रपति को पिछले महीने मालदीव से सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे पर पहुंचने पर 14 दिनों का यात्रा पास जारी किया गया था और उन्हें वहां दो सप्ताह तक रहने की अनुमति दी गई थी। थाईलैंड ने इस बात से इनकार किया है, कि श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति ने देश में शरण मांगी है। थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने कहा कि, उसे राजपक्षे से राजनीतिक शरण मांगने के इरादे से देश की यात्रा करने का कोई अनुरोध नहीं मिला है। डेली मिरर ने थाईलैंड मंत्रालय के प्रवक्ता तनी संग्रत के हवाले से कहा, "थाईलैंड को राजपक्षे के राजनयिक पासपोर्ट में प्रवेश करने में कोई समस्या नहीं थी, जिसके तहत वो 90 दिनों तक थाईलैंड में रह सकते हैं।''
15 जुलाई को इस्तीफे की घोषणा
श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अबेवर्धने ने 15 जुलाई को राजपक्षे के आधिकारिक इस्तीफे की घोषणा की थी। गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद, रानिल विक्रमसिंघे ने 21 जुलाई को संसद में श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। विक्रमसिंघे को पहले श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था।
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