चीनी यात्रियों पर सख्ती से भड़का ड्रैगन, कोरोना के नाम पर 'भेदभाव' का आरोप, जानें खुद की कैसी रही है करतूत ?
चीनी हवाई यात्रियों पर भारत और अमेरिका समेत कई देशों ने सख्त निगरानी रखने का कदम उठाया है। लेकिन, चीन को यह बात पसंद नहीं है। वह अपने खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाने लगा है।
चीन में कोरोना के बेकाबू होने के बाद और सही सूचनाओं के अभाव में भारत समेत दुनिया के कई देशों ने वहां से आने वाले हवाई यात्रियों के कुछ सख्त नियम लागू किए हैं। दुनिया भर के देशों को इस बात की चिंता है कि कहीं ज्यादा संक्रमण और सबसे ज्यादा आबादी होने की वजह से वहां से कोई नया वेरिएंट वहां से दूसरे देशों तक न पहुंच जाए। अभी एक रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक चीन में रोजाना कोविड से 9 हजार लोगों की मौत हो रही है। दिक्कत ये है कि चीन संक्रमण की स्थिति की सही जानकारी भी तो नहीं दे रहा है। लेकिन, इस तरह की सख्तियों पर चीन भड़क गया है। वह अपने साथ भेदभाव का आरोप लगाने लगा है, जबकि तीन साल से उसने बाहरी देशों के लिए अपनी सीमाएं बंद कर रखी हैं।
कोविड पाबंदियों पर भड़का चीन, भेदभाव का लगाया आरोप
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने वहां से आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग करने या निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट मांगने जैसे कदम उठाए जाने पर नाराजगी जाहिर की ह। उसने गुरुवार को एक आर्टिकल में लिखा है, 'असल इरादा चीन के तीन साल के कोविड-19 प्रयासों को तबाह करना और देश की व्यवस्था पर हमला करना है।' इसने चीन के यात्रियों से कोविड निगेटिव रिपोर्ट मांगने जैसे नियमों को 'गैर-जरूरी' और 'भेदभावपूर्ण' बताया है। दरअसल, चीन में कोरोना विस्फोट और संक्रमण के संदेहास्पद आंकड़ों को देखते हुए भारत, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, इटली, जापान और ताइवान जैसे देशों ने वहां से आने वाले यात्रियो के लिए कोविड टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य कर दिया है, जो उसे बर्दाश्त नहीं है।
जानें खुद की कैसी रही है करतूत ?
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की सरकार अपने साथ भेदभाव का रोना तब रो रही है, जब पूरे तीन साल तक उसने अपनी सीमाएं लगभग सील कर रखी ही। वहां इतनी सख्त कोविड लॉकडाउन लगे हुए थे और मास टेस्टिंग होती थी कि उसके खिलाफ एक समय 'विद्रोह' जैसे हालात नजर आने लगे थे। लेकिन, शी जिनपिंग की सरकार ने 7 दिसंबर को एकाएक जीरो कोविड की अपनी नीति पलट दी और कोरोना वायरस को कहर बरपाने के लिए खुल्ला छोड़ दिया। इसके बाद से चीन में कोरोना संक्रमण ऐसे फैला कि पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है।
चीन अभी भी मांगेगा निगेटिव रिपोर्ट
चीन खुद 8 जनवरी से बाहर से आने वाले लोगों की क्वारंटीन की आवश्यकता जरूर खत्म करने की बात कह रहा है। लेकिन, वह यात्रियों की रवानगी से 48 घंटे पहले की निगेटिव आरटी- पीसीआर रिपोर्ट जरूर मांगेगा। गुरुवार को इटली ने यूरोपीय यूनियन के देशों से कहा था कि चीनी यात्रियों के लिए वो भी सावधानी बरतें लेकिन, फ्रांस, जर्मनी और पुर्तगाल ने कहा है कि उन्हें नई पाबंदियों की आवश्यकता नहीं लग रही। जबकि, ऑस्ट्रिया ने चीनी पर्यटकों के यूरोप आने से होने वाले आर्थिक फायदे की ओर ध्यान दिलाने की कोशिश की है।
नए वेरिएंट का पता लगाने की नई तरकीब!
महामारी से पहले तक चीनी यात्री विदेशों में एक साल में 250 अरब डॉलर से अधिक खर्च करते थे। लेकिन, जब बात अपनी आबादी पर खतरे की आती है तो कुछ ही देश उन्हें जोखिम में डालने के लिए भी तैयार हो सकते हैं। जैसे कि अमेरिका ने चीन की आबादी और और संक्रमण से संबंधी आंकड़ों में पारदर्शिता की कमी को लेकर म्यूटेशन की चिंता जताई है। हालात ये हो चुके हैं कि अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन अंतरराष्ट्रीय विमानों के वेस्टवॉटर से सैंपल जुटाकर यह पता लगाने की सोच रहा है कि कहीं नए वेरिएंट तो नहीं पैदा हो रहे हैं।
चीन के आंकड़ों पर दुनिया को संदेह
1.40 अरब की आबादी वाले चीन ने गुरुवार को कोविड से सिर्फ एक मौत दिखाया है। एक दिन पहले भी यही आंकड़ा था। जबकि,अनुभव ये बताता है कि रि-ओपनिंग के बाद संक्रमण फैलने के समय के हालात से यह स्थिति कतई मेल नहीं खाती। वुहान में तीन साल पहले कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अबतक चीन इस बीमारी से सिर्फ 5,247 मौतें ही बताता है। जबकि, अकेले अमेरिका में 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। चीन-शासित हॉन्गकॉन्ग में ही, जिसकी आबादी 74 लाख है, वहां भी 11,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
चीन में हर दिन हो रही है 9 हजार मौत-रिपोर्ट
यूके स्थित एक हेल्थ डेटा फर्म एयरफिनिटी ने गुरुवार को कहा है कि चीन में शायद हर दिन करीब 9,000 लोगों की कोरोना से मौत हो रही है। 1 दिसंबर से अबतक वहां करीब 1,00,000 लोक इस रोग से दम तोड़ चुके हैं, जबकि कुल संक्रमण के मामले 1.86 करोड़ तक पहुंच चुके हैं। इसने संभावना जताई है कि 13 जनवरी को चीन में कोरोना की यह लहर चरम पर पहुंच सकती है, तब एक दिन में 37 लाख लोग संक्रमित होंगे।
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