डोनाल्ड ट्रंप कोरोना की चपेट में तो क्या स्थगित होंगे राष्ट्रपति चुनाव, जानिए!
वॉशिंगटन। तीन नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों से पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को तगड़ा झटका लगा है। राष्ट्रपति ट्रंप और फर्स्ट लेडी मेलानिया कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं। खुद ट्वीट कर ट्रंप ने इस बात की आधिकारिक जानकारी सबसे पहले दुनिया को दी है। ट्रंप जो इस वर्ष की शुरुआत से ही चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं, अब अगले कुछ दिनों तक चुनावी रैलियों से दूर रहेंगे। कोरोना वायरस को 'चाइना वायरस' बताने वाले ट्रंप के लिए चुनावों से पहले कोविड संक्रमित होना एक असाधारण घटना मानी जा रही है। जानिए अब राष्ट्रपति चुनावों से पहले अगर वह असक्षम करार दिए जाते हैं तो क्या होगा।
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चुनावों में बचे हैं बस पांच हफ्ते
अमेरिकी संविधान के तहत कांग्रेस को यह ताकत मिली हुई है कि वह चुनावों पर फैसला ले सके। अमेरिकी कानूनों के तहत हर नवंबर के पहले सोमवार के बाद पड़ने वाले पहले मंगलवार को राष्ट्रपति के चुनाव हर चार साल में होते हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी को हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में बहुमत हासिल है। ऐसे में चुनावों के टाले जाने के फैसले का विरोध कर सकती है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि रिपब्लिकन पार्टी की बहुमत वाली सीनेट वोट्स नतीजों पर असर डालेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप में कोरोना के हल्के लक्षण नजर आए हैं। लेकिन अब जबकि चुनावों में पांच हफ्तों से भी कम का समय रह गया है तो ऐसे में चुनावों के भविष्य पर सवाल खड़े होने लगे हैं। अमेरिकी कानून में इस बात के प्रावधान हैं कि चुनावों से पहले अगर राष्ट्रपति असक्षम हो जाएं या फिर किसी कारणवश उनकी मृत्यु हो जाए तो क्या हो सकता है।
अब टाले नहीं जा सकते हैं चुनाव
अभी तक अमेरिकी राजनीतिक के इतिहास में कभी भी चुनावों को स्थगित नहीं किया गया है। अगर किसी कारणवश राष्ट्रपति की मृत्यु हो जाती है तो फिर डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी की नेशनल कमेटी के पास नियम हैं कि वो अपने सदस्यों को रिप्लेसमेंट नॉमिनी यानी राष्ट्रपति की जगह लेने वाले नामांकित व्यक्ति के लिए वोट करें। लेकिन अब इसमें भी काफी देर हो चुकी है। फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में यूएस इलेक्शंस प्रोजेक्ट अमेरिका में अर्ली वोटिंग शुरू हो चुकी है और 2.2 मिलियन से ज्यादा वोट्स डाले जाने वाले हैं। राज्यों में बैलेट में समयसीमा की अवधि भी अब समाप्त हो चुकी है। डाक के जरिए मतपत्रों को भेजा जाना शुरू हो चुका है। कोरोना वायरस की वजह से इस बार डाक के जरिए ही लोग अपने मताधिकारों का प्रयोग करने वाले हैं।