ट्रंप के इस एक कदम से और बढ़ेगी चीन और अमेरिका के बीच दुश्मनी!
ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग-वेन को किया अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फोन और तोड़ी दशकों से चली आ रही एक परंपरा। ट्रंप के कदम से और भड़केगा अमेरिका के खिलाफ चीन का गुस्सा।
न्यूयॉर्क। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग -वेन को कॉल किया। इस कॉल के साथ ही ट्रंप ने पिछले कई दशकों से चली आ रहे अमेरिकी डिप्लोमेसी के एक पुराने नियम को तोड़ दिया। वहीं ट्रंप के इस कदम से अमेरिका और चीन के बीच दुश्मनी और बढ़ने के आसार हैं।
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ट्रंप की टीम ने जारी किया रीडआउट
ट्रंप ने इस कॉल के दौरान ताइवान की राष्ट्रपति से अमेरिकी नीतियों पर चर्चा की। ट्रंप की ट्रांजिशन टीम की ओर से एक रीडआउट जारी किया गया है।
इसके मुताबिक ट्रंप ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने ट्रंप को राष्ट्रपति बनने पर बधाई थी। इसके अलावा दोनों ने दोनों देशों के बीच अर्थव्यवस्था, राजनीति और अमेरिका और ताइवान के संबंधों का जिक्र किया।
ताइवान की राष्ट्रपति को की गई ट्रंप की कॉल उनके कार्यकाल संभालने से पहले एशिया के नेताओं से बात करने का ही हिस्सा है। ट्रंप ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से भी बात की थी।
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वर्ष 1979 के बाद पहला मौका
वर्ष 1979 के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिका के किसी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति या राष्ट्रपति ने ताइवान के किसी नेता से बात की है।
न्यूयार्क टाइम्स ने कहा कि ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के शुरू होने से पहले कदम करीब चार दशक से चल रही अमेरिका की राजनयिक गतिविधियों को आश्चर्यजनक रूप से तोड़ने वाला है। इस कदम से निश्चित तौर पर चीन के साथ तल्खी बढ़ा सकती है।
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बढ़ेगी चीन के साथ दुश्मनी
वहीं वाशिंगटन पोस्ट ने ट्रंप के इस कदम को चीन के साथ ट्रंप प्रशासन के रिश्तों में मुश्किलें पैदा करने वाला बताया है।
साथ ही इसे 'राजनयिक प्राटोकॉल का उल्लंघन' बताया है। वहीं सीएनएन का कहना है कि इस कदम से निश्चित रूप से चीन का गुस्सा बढ़ेगा। चीन ताइवान को एक विश्वासघाती देश मानता है।
चुनावों से पहले ट्रंप ने वादा किया था कि वह दुनिया के बाकी देशों के साथ अमेरिका के रिश्तों में हैरान करने वाले बदलाव लाएंगे। ट्रंप की यह फोन कॉल उनके वादे को पूरा करने की ओर बढ़ता एक अहम संकेत है।