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Modi Xi Meet: चीन के डिप्‍लोमैट ने कहा भारत के साथ आपसी भरोसे की कमी से हुआ डोकलाम!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की इस हफ्ते मुलाकात होने वाली है। इस मुलाकात से पहले चीन के एक टॉप डिप्‍लोमैट ने पिछले वर्ष हुए डोकलाम विवाद का मुद्दा उठा दिया है। इस डिप्‍लोमैट का कहना है कि डोकलाम विवाद भारत और चीन के बीच कम आपसी भरोसे का नतीजा था।

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Doklam विवाद पर सुलह को तैयार China, India से बातचीत कर निकलेगा रास्ता | वनइंडिया हिंदी

बीजिंग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की इस हफ्ते मुलाकात होने वाली है। इस मुलाकात से पहले चीन के एक टॉप डिप्‍लोमैट ने पिछले वर्ष हुए डोकलाम विवाद का मुद्दा उठा दिया है। इस डिप्‍लोमैट का कहना है कि डोकलाम विवाद भारत और चीन के बीच कम आपसी भरोसे का नतीजा था। इस डिप्‍लोमैट का मानना है कि भारत और चीन को मिलकर पक्षपूर्ण स्थितियां तैयार करनी होगी और सीमा विवाद को धीरे से सुलझाना होगा। पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति डोकलाम विवाद के बाद पहली बार मिल रहे हैं। मोदी और जिनपिंग की मुलाकात से पहले डिप्‍लोमैट का बयान आना अपने आप में काफी अहम है।

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दोनों देशों के बीच भरोसे की कमी है

चीन के उप विदेश मंत्री कॉन्‍ग शुआनयू ने मंगलवार दोनों नेताओं की मुलाकात से पहले डोकलाम पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा, 'डोकलाम में सीमा पर जो कुछ भी पिछले वर्ष हुआ वह कुछ हद तक भारत और चीन के बीच भरोसे की कमी को दर्शाता है।' शुआनयू से मीडिया ने डोकलाम विवाद पर सवाल पूछा था और उस सवाल के जवाब के तौर पर उन्‍होंने यह बात कही है। पिछले वर्ष जून में भारत और चीन की सीमाएं 73 दिनों तक आमने-सामने थीं। जून में शुरू हुआ यह विवाद 73 दिन बाद जाकर 28 अगस्‍त को खत्‍म हो सका था। डोकलाम पर भूटान अपना दावा जताता है। जब उनसे पूछा गया कि क्‍या डोकलाम विवाद और सीमा विवाद भी पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति जिनपिंग के बीच चर्चा का विषय होगा? इस पर कॉन्‍ग ने कहा, 'दोनों नेताओं ने एक अनौचपारिक मुलाकात का फैसला किया है क्‍योंकि दोनों देश एक दूसरे के लिए बाहरी रणनीति में काफी अहमियत रखते हैं, न कि इसलिए मुलाकात कर रहे हैं कि सीमा विवाद अभी तक अनसुलझा है, और इस बारे में एक अनौपचारिक मुलाकात के दौरान बात करने की जरूरत है।त्र

अब तक हो चुकी है 20 दौर की वार्ता

भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है जिसे लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल यानी एलएसी कहते हैं। दोनों पक्षों की ओर से अब तक 20 दौर की वार्ता सीमा विवाद को सुलझाने के लिए हो चुकी है। कॉन्‍ग ने कहा कि निश्चित तौर पर सीमा से जुड़ा महत्‍वपूर्ण है। दोनों पक्षों को इस पर साथ मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि एक अच्‍छा माहौल तैयार हो सके और फिर धीरे से इस समस्‍या को सुलझाया जा सके। कॉन्‍ग का कहना था कि सीमा पर विवाद का सही निर्धारण सहयोग, आपसी समझ और दोनों देशों के बीच आपसी भरोसे को बढ़ाएगा। उन्‍होंने कहा कि चीन और भारत दोनों को आपसी भरोसे को बढ़ाने के लिए बहुत सारे प्रयास करने हैं। कॉन्‍ग ने इसके साथ ही जानकारी दी कि जिस समय पीएम मोदी और चीनी राष्‍ट्रपति जिनपिंग मिल रहे होंगे उनके बीच एक-दूसरे तक पहुंचने के मुद्दे के साथ लंबे समय के लिए जरूरी रणनीतिक अहमियत से जुड़े द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होगी।

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English summary
According to a top Chinese diplomat Doklam standoff happened due to "'ack of mutual trust' between India and China, and they need to work together to create favourable conditions and gradually settle the boundary issue.
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