चीन की चेतावनी: डोकलाम हमारा है, भारत पिछले साल की घटना से सीख ले
बीजिंग। चीन में भारतीय राजदूत गौतम बंबावले के बयान के बाद बीजिंग ने चेतावनी देते हुए डोकलाम को अपना हिस्सा बताया है। चीन ने कहा है कि डोकलाम उनके अधिकार क्षेत्र में आता है और भारत को पिछले साल के गतिरोध से सीख लेनी चाहिए। चीन ने अपना यह बयान भारतीय राजदूत बंबावले के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जब उन्होंने हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को इंटरव्यू में कहा था कि चीन की वजह से एक बार फिर डोकलाम की संभावनाएं बन सकती है। बंबावले ने कहा था कि पिछले साल चीन की वजह से ही डोकलाम जैसी घटना घटी थी।
बंबावले के बयान पर चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'डोकलाम चीन का हिस्सा है क्योंकि हमारे पास ऐतिहासिक संधिपत्र हैं। डोकलाम में चीन की गतिविधियां हमारे संप्रभुता के अधिकार के तहत हैं। यहां यथास्थिति बदलने जैसा कुछ भी नहीं है।' प्रवक्ता ने आगे कहा, 'शुक्र मनाइए कि हमारे प्रयासों और अपनी बुद्धिमत्ता के कारण पिछले वर्ष हमने इस मुद्दे को ठीक से सुलझा लिया। हम आशा करते हैं कि भारत इससे कुछ सबक लेगा और संधिपत्रों को मानेगा।साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए चीन के साथ मिल कर काम करेगा कि द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढाने के लिए सीमा पर वातावरण अनुकूल हो।'
पिछले माह भारत और चीन की सेनाएं डोकलाम के सिक्किम क्षेत्र में 73 दिनों तक डेरा डाला था। उस दौरान दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। हालांकि, राजदूत गौतम बंबावले ने कहा था कि भारतीय सीमा पर यथास्थिति में बदलाव करने के चीन के किसी भी प्रयास से एक और डोकलाम जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। बंबावले ने कहा इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए दोनों देशों को खुलकर बातचीत करनी चाहिए।
बंबावले ने कहा था कि भारत ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का विरोध किया है लेकिन देश बेल्ट एंड रोड पहल पर मतभेद को विवाद नहीं बनाना चाहता है। उन्होंने इस बात से भी इंकार किया कि भारत अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के ब्लॉक में शामिल हो रहा है।