'डेड जोन' में तो नहीं पहुंच गया है एयर एशिया का इंडोशियाई विमान
इंडोनेशिया
से
सिंगापुर
जा
रहा
एयर
एशिया
का
विमान
लापता
हुआ
तो
पूरी
दुनिया
को
एक
बार
फिर
मलेशिया
की
एमएच
370
याद
आ
गई,
जिसे
लापता
हुए
9
महीने
हो
गये,
लेकिन
अब
तक
उसका
कोई
सुराग
नहीं
मिला।
इंडोनेशिया
और
सिंगापुर
के
हवाई
अड्डों
पर
162
लोगों
के
परिजनों
का
तांता
लगा
हुआ
है।
सभी
की
आंखें
टीवी
से
चिपकी
हुई
हैं,
यह
सुनने
के
लिये
कि
विमान
की
खबर
मिल
गई
है।
इन
सबके
बीच
जो
सबसे
बड़ा
शक
गहरा
रहा
है
वो
है
'डेड
जोन'।
जी हां जानकारों ने एक आशंका यह भी जताई है कि हो सकता है एयर एशिया का विमान डेड जोन में चला गया हो।
क्या होता है डेड ज़ोन
जिस तरह बसों के लिये जमीन पर सड़के बनायी गई हैं, ट्रेनों के लिये रेलवे लाइनें बिछाई गई हैं, उसी प्रकार आसमान में विमानों को उड़ाने के लिये रडारों के माध्यम से एरियल रूट बने हुए हैं। ये रूट तरंगों के माध्यम से बनाये जाते हैं, जब तक विमान अपनी दी गई तरंग के अंदर उड़ता रहता है, तब तक उसे रूट पर माना जाता है, तरंग से जरा भी इतर हुआ, तो खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि ऐसे में विमान का कंट्रोल रूम से संपर्क टूट जाता है। दो रडार तरंगों के बीच के खाली स्थान को डेड जोन कहते हैं।
डेड जोन में कोई भी विमान अगर चला जाता है तो उसका संपर्क कंटोल रूम से टूट जाता है। डेड जोन हजारों मीटर की ऊंचाई पर होता है।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- डेड जोन में किसी भी विमान को मार गिराना आसान नहीं होता है, क्योंकि इसके लिये बहुत सटीक निशाना चाहिये होता है।
- एयर एशिया के अनुसार विमान के लापता होने का प्रमुख कारण बेहद खराब मौसम है।
- एयर एशिया के अनुसार सर्च ऑपरेशन भी शुरू किया जा चुका है, जल्द ही सफलता मिलेगी।
- 28 Dec 1856: फ्लॉरिडा में विले दे पेरिस का विमान लापता हुआ था, जो क्यूबा जा रहा था।
- 28 Dec 2014: इंडोनेशिया में एयर एशिया का विमान लापता हुआ, जिसके बारे में अप पढ़ रहे हैं।
यह नहीं है आतंकी वारदात
एमएच 370 के लापता होने पर तमाम लोगों ने कहा था कि यह आतंकी वारदात है, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों कहते हैं कि हवा में विमान को इतनी बारीकी से उड़ाना आसान नहीं और एमएच 370 कहां लैंड हुआ, किसी को नहीं पता, अमेरिका-रूस की तमाम सेटेलाइट उसे आज तक नहीं खोज सकीं। अगर यह आतंकी साजिश होती तो एक बहुत बड़ी बात होती। छोटे-छोटे बम धमाकों की जिम्मेदारी खुल कर लेने वाले आतंकी संगठन दुनिया को यह जताने में कतई पीछे नहीं हटते कि विमान को उन्होंने मार गिरााया है।
फिर भी अगर यह है आतंकी साजिश
अगर वाकई में यह आतंकी साजिश है, तो चूंकि विमान में ज्यादातर पैसेंजर चीन के हैं, इसलिये आतंकी साजिश रचने वाले तिब्बती या यूघर हो सकते हैं। तिब्बत इस प्रकार के हमलों पर विश्वास नहीं रखते, जबकि यूघर अगर होते तो तुरंत इसकी जिम्मेदारी लेते और दुनिया को बता देते।