साइप्रस में डेल्टाक्रॉन का नया मामला आया सामने, वैज्ञानिक ने किया ये दावा
नई दिल्ली, 10 जनवरी। दुनिया पहले ही कोरोना वायरस के डेल्टा और ओमिक्रॉन से लड़ रही है। लाखों लोग अपनी जान इन वायरस से गंवा रहे हैं तो इस बीच कोरोना का एक नया वैरिएंट सामने आ गया है। साइप्रस में बायोलोजिकल साइंस के प्रोफेसर लियोंडियोस कोस्ट्रिकिस ने दावा किया है कि SARS-CoV-2 का नया वैरिएंट जिसमे डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों के लक्षण मौजूद हैं, वह उनके देश में पाया गया है। कोस्ट्रिकिस जोकि साइप्रस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं ने दावा किया है कि हमे डेल्टा और ओमिक्रान दोनों स्ट्रेन का नया वैरिएंट डेल्टाक्रॉन मिला है। रिपोर्ट के अनुसार लियोंडियोस और उनकी टीम ने साइप्रस में डेल्टाक्रॉन के 25 मामले चिन्हित किए गए हैं। बता दें कि डेल्टाक्रॉन की पहचान अभी तक किसी अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन के द्वारा नहीं की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी कुछ भी डेल्टाक्रॉन के बारे में पुष्ट रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। वैश्विक पटल पर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में डेल्टाक्रॉन क्या भूमिका निभाएगा इसके बारे में अभी कुछ भी पुष्ट नहीं है। लेकिन डेल्टाक्रॉन की खोज करने वाले शोधकर्ता लियोंडियोस कोस्ट्रिकिस के अनुसार नया स्ट्रेन ओमिक्रॉन से कहीं ज्यादा संक्रामक होगा। कुछ विषाणु वैज्ञानिकों का कहना है कि डेल्टाक्रॉन नया वैरिएंट नहीं है क्योंकि इसे फाइलोजेनेटिक ट्री पर ट्रेस नहीं किया जा सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार टॉम पिकॉक ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक मीडिया में डेल्टाक्रॉन को लेकर जो रिपोर्ट शेयर की गई है वही दूषित है।
विषाणु वैज्ञानिक सुनीत के सिंह जोकि बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के वैज्ञानिक हैं, उन्होंने बताया कि यह वायरस आरएनएल प्रकृति का है और SARS-CoV-2 की ही तरह का है। यह मुख्य रूप से श्वसन प्रकृति को फैलाने वाला है। बता दें कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के लाखों मामले हर रोज सामने आ रहे हैं। भारत में हर रोज अब डेढ़ लाख से अधिक कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं।